Rahul Gandhi News / PM मोदी को शपथ का न्योता मिले इसलिए विदेश मंत्री जयशंकर को भेजा US- राहुल गांधी

लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि विदेश मंत्री जयशंकर को अमेरिका भेजा गया ताकि पीएम मोदी को ट्रंप के शपथ समारोह का निमंत्रण मिले। उन्होंने बेरोजगारी और मेक इन इंडिया की असफलता पर भी सरकार को घेरा।

Vikrant Shekhawat : Feb 03, 2025, 06:25 PM

Rahul Gandhi News: लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर तीखा हमला बोला। अपने भाषण में उन्होंने बेरोजगारी, आर्थिक नीति और लोकतांत्रिक मूल्यों पर केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना की।

विदेश मंत्री की अमेरिका यात्रा और शपथ समारोह का मुद्दा

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा कि 2019 में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ समारोह में शामिल होने के लिए विदेश मंत्री एस. जयशंकर को अमेरिका भेजा गया था। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सरकार को अपने कूटनीतिक संबंधों को इस तरह की प्राथमिकताओं पर केंद्रित नहीं करना चाहिए।

उन्होंने कहा, "जब हम अमेरिका से बात करते हैं, तो विदेश मंत्री को प्रधानमंत्री को उनके (ट्रंप) शपथ समारोह में आमंत्रित करने के लिए वहां नहीं भेजना चाहिए था। यह एक लोकतांत्रिक देश के गौरव को ठेस पहुंचाने वाला कदम था।"

लोकसभा चुनाव और संविधान पर चर्चा

राहुल गांधी ने अपने भाषण में 2024 के लोकसभा चुनावों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने चुनाव से पहले '400 पार' का नारा दिया था और संकेत दिए थे कि वह संविधान में बदलाव कर सकते हैं। लेकिन जनता के जनादेश ने यह स्पष्ट कर दिया कि संविधान को कोई भी ताकत बदल नहीं सकती। उन्होंने कहा, "मुझे यह देखकर खुशी हुई कि प्रधानमंत्री को लोकसभा में संविधान के सामने सिर झुकाने पर मजबूर होना पड़ा। यह कांग्रेस और लोकतंत्र के समर्थकों के लिए गर्व का क्षण था। मैं जानता हूं कि आरएसएस ने संविधान को कभी पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया, लेकिन यह देश इसे किसी भी कीमत पर बदलने नहीं देगा।"

बेरोजगारी और आर्थिक नीतियों पर हमला

राहुल गांधी ने बेरोजगारी को देश की सबसे बड़ी समस्या बताते हुए सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार युवाओं को रोजगार देने में असफल रही है। उन्होंने कहा, "हम तेजी से आगे बढ़े हैं, लेकिन बेरोजगारी की समस्या को हल करने में सरकार पूरी तरह नाकाम रही है। यूपीए और एनडीए दोनों सरकारें इस मुद्दे पर युवाओं को स्पष्ट जवाब देने में असफल रही हैं।"

उन्होंने आगे कहा कि किसी भी देश के आर्थिक विकास के दो प्रमुख स्तंभ होते हैं – उपभोग और उत्पादन। "उपभोग को बढ़ाने के लिए सेवा क्षेत्र महत्वपूर्ण है, जबकि उत्पादन को व्यवस्थित करना औद्योगिक नीति की सफलता को दर्शाता है। लेकिन हमारी सरकार उत्पादन को व्यवस्थित करने में विफल रही है। हमारे पास विश्वस्तरीय कंपनियां हैं, लेकिन उनके विकास को समर्थन नहीं दिया जा रहा।"

मेक इन इंडिया की असफलता

राहुल गांधी ने मोदी सरकार की 'मेक इन इंडिया' योजना को भी विफल करार दिया। उन्होंने कहा, "जब प्रधानमंत्री ने मेक इन इंडिया कार्यक्रम की घोषणा की, तो यह एक अच्छा विचार था। हमने प्रचार देखा, समारोह देखे, निवेश के बड़े-बड़े वादे सुने, लेकिन परिणाम क्या निकला? 2014 में मैन्युफैक्चरिंग का योगदान जीडीपी में 15.3% था, जो अब घटकर 12.6% हो गया है। पिछले 60 वर्षों में यह न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है।"

उन्होंने कहा कि यह केवल प्रधानमंत्री की नाकामी नहीं है, बल्कि उनकी सरकार की आर्थिक नीतियों की कमजोरी को भी दर्शाता है। "यह कहना गलत होगा कि प्रधानमंत्री ने कोशिश नहीं की, लेकिन यह स्पष्ट है कि वैचारिक रूप से 'मेक इन इंडिया' एक अच्छा विचार था, जो पूरी तरह असफल रहा।"

निष्कर्ष

राहुल गांधी ने लोकसभा में अपने भाषण के दौरान सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने बेरोजगारी, आर्थिक मंदी और संविधान की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर सरकार को जवाबदेह ठहराने की कोशिश की। यह बहस न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रही, बल्कि इसने आने वाले वर्षों में देश की राजनीतिक दिशा को भी प्रभावित करने की संभावना जताई।