वी श्रीनिवास ने आज सचिवालय में राजस्थान के नए मुख्य सचिव का पदभार ग्रहण कर लिया है। यह एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक बदलाव है, जिसमें निवर्तमान मुख्य सचिव सुधांश पंत ने उन्हें औपचारिक रूप से चार्ज सौंपा। इस अवसर पर, पदभार ग्रहण करने से पहले, वी श्रीनिवास और सुधांश पंत दोनों ने सचिवालय के मुख्य भवन के एंट्री गेट पर स्थित गणेश मंदिर में मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना की, जो एक शुभ शुरुआत का प्रतीक था। मुख्य सचिव के दफ्तर में चार्ज लेने के मौके पर दोनों वरिष्ठ अधिकारियों। ने गर्मजोशी से एक-दूसरे को गले लगाया, जो उनके घनिष्ठ संबंधों को दर्शाता है।
सुधांश पंत को दी गई विदाई
निवर्तमान मुख्य सचिव सुधांश पंत आज अपने पद से रिलीव हो गए हैं। उनके कार्यकाल के समापन पर, सचिवालय में आईएएस एसोसिएशन की तरफ से उन्हें एक भावभीनी विदाई दी गई। यह विदाई समारोह उनके सहयोगियों और अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा उनके योगदान को सम्मान देने का एक अवसर था। सुधांश पंत के जाने के बाद, वी श्रीनिवास ने तुरंत अपनी नई भूमिका में कदम रखा और पदभार संभालने के बाद वरिष्ठ आईएएस अफसरों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में राज्य के प्रशासनिक एजेंडे और प्राथमिकताओं पर चर्चा की गई होगी। मुख्य सचिव के चार्ज संभालने के बाद, अब राज्य में आईएएस अफसरों की एक बड़ी तबादला। सूची आने की संभावना है, जिससे प्रशासनिक ढांचे में और बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
राजस्थान मेरी कर्मभूमि: वी श्रीनिवास
मुख्य सचिव का चार्ज लेने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए वी श्रीनिवास ने अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का हार्दिक आभार प्रकट किया, जिन्होंने उनकी कार्य कुशलता में विश्वास व्यक्त किया और उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी। श्रीनिवास ने प्रधानमंत्री का भी आभार व्यक्त किया, जिन्होंने उन्हें भारत सरकार में कई वर्षों तक सचिव, प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी थी। उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि राजस्थान उनकी कर्मभूमि रहा। है, जहां वे मात्र 22 साल की उम्र में आए थे। उन्होंने अपने लंबे प्रशासनिक करियर के दौरान राजस्थान में विभिन्न पदों पर कार्य किया है। उन्होंने बताया कि नागौर में उनका प्रोबेशन था, जिसके बाद उन्होंने उपखंड अधिकारी के रूप में भीलवाड़ा में काम किया। इसके उपरांत, वे सचिव के रूप में आयोजना विभाग, वित्त विभाग, स्वास्थ्य विभाग, और साइंस और टेक्नोलॉजी विभाग में कार्यरत रहे। बाद में उन्होंने अध्यक्ष राजस्थान कर बोर्ड और राजस्व मंडल के रूप में भी महत्वपूर्ण सेवाएं दीं और यह विस्तृत अनुभव उन्हें राज्य के प्रशासनिक और विकासात्मक चुनौतियों को समझने में मदद करेगा।
वरिष्ठों से सीखा, सुधांश पंत घनिष्ठ मित्र
श्रीनिवास ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि आज मुख्य सचिव के तौर पर पदभार ग्रहण करना। उनके लिए एक सम्मान की बात है, क्योंकि इस पद पर बहुत ही कद्दावर व्यक्तियों ने काम किया है। उन्होंने अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए बताया कि जब उन्होंने सेवा जॉइन की थी, उस समय वीबीएल माथुर मुख्य सचिव थे, जो 5-6 साल से इस पद पर थे। उन्हें मीठालाल मेहता के साथ नजदीक से काम करने का अवसर भी मिला। उन्होंने मौजूदा समय में मुख्य सचिव रहने वालों में राजीव महर्षि और सीएस राजन से अपनी घनिष्ठता का भी जिक्र किया। श्रीनिवास ने विशेष रूप से निवर्तमान मुख्य सचिव सुधांश पंत को अपना घनिष्ठ मित्र बताया, यह कहते हुए कि जब से वे कैडर में आए थे, उनके बड़े अच्छे संबंध उनसे रहे हैं। उन्होंने इन सभी वरिष्ठ अधिकारियों से बहुत कुछ सीखने की बात कही, जिससे उनके प्रशासनिक दृष्टिकोण को आकार मिला है।
विकसित राजस्थान 2047 पर रहेगा फोकस
वी श्रीनिवास ने अपनी प्राथमिकताओं और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अभी सरकार ने 'विकसित राजस्थान 2047' का एक महत्वाकांक्षी विजन आउटलाइन दिया है। इस विजन को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने के लिए जो रूपरेखा निर्धारित की जानी है, वह एक बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका मुख्य फोकस राजस्थान का ग्रोथ रेट कैसे बढ़ाया जाए और राज्य में नया निजी निवेश कैसे लाया जाए, इस पर रहेगा। श्रीनिवास ने यह भी रेखांकित किया कि राजस्थान हमेशा से ही भारत के बेहतरीन प्रशासित राज्यों में रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार में रहते हुए अपने अनुभव साझा किए, जब वे राजस्थान के प्रभारी सचिव थे और डिरेगुलेशन कमेटी में उन्होंने यह देखा कि राजस्थान ने कई नवाचार किए हैं। उन्होंने जनसंपर्क पोर्टल का उदाहरण दिया, जिसे भारत सरकार ने। भी अपनाया है, जो राज्य की नवाचार क्षमता को दर्शाता है।
राइजिंग राजस्थान के एमओयू को धरातल पर उतारने का लक्ष्य
श्रीनिवास ने आगे कहा कि जन विश्वास बिल का जो भारत सरकार का ड्राफ्ट बिल फॉर्मेट किया गया है, उसको आगे ले जाना है। उन्होंने मुख्यमंत्री के निर्देशों का जिक्र किया कि प्रायरिटी सेक्टर में होलिस्टिक अप्रोच के साथ डेवलपमेंट के निरंतर प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि राजस्थान का हमेशा मेजर एरिया में वर्क रहता था, जिसमें कृषि, आईजीएनपी (इंदिरा गांधी नहर परियोजना), और सोशल सेक्टर में हेल्थ फॉर ऑल जैसे कई नवाचार हुए हैं। उन्होंने नई एजुकेशन पॉलिसी को धरातल पर लाने का भी प्रयास करने की बात कही। श्रीनिवास ने 'राइजिंग राजस्थान' को एक बहुत अच्छा इवेंट बताया, जिसमें बहुत से एमओयू हुए थे। उन्होंने इन एमओयू को इम्प्लीमेंट करने का प्रयास करने का संकल्प लिया और उनका लक्ष्य विकसित राजस्थान बनाने की दिशा में काम करना है, जिसे उन्होंने एक बड़ा क्षेत्र बताया। उन्होंने गरीब, अन्नदाता, महिला, युवा इन सबको प्राथमिकता देते हुए नीतियों को क्रियान्वित करने और विभागों में आपसी तालमेल सुनिश्चित करने की अपनी जिम्मेदारी पर प्रतिबद्धता के साथ काम करने का वादा किया। इन सभी प्रयासों से राज्य के सर्वांगीण विकास को गति मिलेगी।