- भारत,
- 18-Sep-2025 09:58 AM IST
Rajasthan News: जयपुर के अधीनस्थ न्यायालय ने महिंद्रा सेज (SEZ) भूमि प्रकरण से जुड़े एक दशक पुराने मामले में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, तत्कालीन मंत्रियों गुलाब चंद कटारिया, गजेंद्र सिंह खींवसर, राजेंद्र राठौड़, और भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों सीएस राजन, वीनू गुप्ता सहित अन्य को बड़ी राहत दी है। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम-11, जयपुर ने इस मामले में दायर परिवाद को खारिज कर दिया, जिसमें 5000 करोड़ रुपये के कथित घोटाले और पद के दुरुपयोग के आरोप लगाए गए थे।
मामले का विवरण
यह प्रकरण जयपुर स्थित महिंद्रा सेज सिटी से संबंधित है, जहां परिवादी संजय छाबड़ा ने आरोप लगाया था कि वसुंधरा राजे की सरकार ने महिंद्रा ग्रुप के आनंद महिंद्रा को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी जमीन का लैंड यूज गलत ढंग से बदला। परिवाद के अनुसार, सड़क, स्कूल और पार्कों के लिए आरक्षित की गई जमीन को औद्योगिक उपयोग के लिए बेचने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। यह प्रस्ताव तत्कालीन उद्योग सचिव वीनू गुप्ता ने बनाया था, जिसे मुख्य सचिव सीएस राजन ने कैबिनेट में मंजूरी के लिए भेजा। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी थी।
मामला करीब 500 एकड़ भूमि से जुड़ा था, जिसकी उस समय की डीएलसी दर के अनुसार कीमत लगभग 5000 करोड़ रुपये आंकी गई थी। आरोप था कि इस बदलाव के तहत कुल 1000 एकड़ भूमि को घटाकर 446 एकड़ कर दिया गया, और शेष भूमि लाइफ स्पेस डेवलपर्स को हस्तांतरित की गई। परिवादी ने इसे सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने और पद के दुरुपयोग का मामला बताया था।
कोर्ट का फैसला
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, जयपुर ने सुनवाई के दौरान पाया कि परिवादी संजय छाबड़ा ने अपने आरोपों के समर्थन में कोई ठोस दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए। कोर्ट ने आदेश में कहा,
"परिवादी ने परिवाद के साथ कोई विशेष साक्ष्य पेश नहीं किए हैं, सिर्फ मौखिक आरोप लगाए हैं। ऐसे में परिवाद को नहीं चलाया जा सकता।"
इसके आधार पर कोर्ट ने परिवाद को खारिज कर दिया, जिससे सभी आरोपियों को कानूनी राहत मिल गई।
आरोपों का सार
लैंड यूज परिवर्तन: महिंद्रा सेज सिटी में सड़क, स्कूल और पार्क के लिए आरक्षित जमीन का उपयोग औद्योगिक कार्यों के लिए बदलने का आरोप।
प्रस्ताव की प्रक्रिया: तत्कालीन उद्योग सचिव वीनू गुप्ता ने लैंड यूज परिवर्तन का प्रस्ताव तैयार किया, जिसे मुख्य सचिव सीएस राजन ने कैबिनेट में मंजूरी के लिए भेजा।
कथित नुकसान: इस बदलाव से सरकार को 5000 करोड़ रुपये का नुकसान होने का दावा।
भूमि हस्तांतरण: 1000 एकड़ भूमि को घटाकर 446 एकड़ कर दिया गया, और शेष भूमि लाइफ स्पेस डेवलपर्स को दी गई।
वर्तमान स्थिति
वर्तमान में इस मामले से जुड़े कुछ प्रमुख व्यक्ति निम्नलिखित पदों पर हैं:
गुलाब चंद कटारिया: पंजाब के राज्यपाल
गजेंद्र सिंह खींवसर: राजस्थान सरकार में मंत्री
वीनू गुप्ता: रेरा (RERA) चेयरपर्सन
