Election Commission / 12 राज्यों में वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन: आज रात फ्रीज होगी सूची, कल से 7 फरवरी तक चलेगा अपडेट

चुनाव आयोग ने 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की घोषणा की है। यह प्रक्रिया 28 अक्टूबर से 7 फरवरी तक चलेगी, जिसका उद्देश्य मतदाता सूची को अपडेट करना, नए नाम जोड़ना और गलतियों को सुधारना है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने 21 साल बाद इस पहल पर जोर दिया।

भारत निर्वाचन आयोग ने देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान किया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को बताया कि 28 अक्टूबर से इन राज्यों में वोटर लिस्ट का अपडेशन शुरू होगा, जो 7 फरवरी 2026 तक चलेगा। इस दौरान नए मतदाताओं के नाम जोड़े जाएंगे और गलतियों को सुधारा जाएगा। आज रात 12 बजे से इन राज्यों की वोटर लिस्ट फ्रीज हो जाएगी।

SIR वाले 12 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश

  • अंडमान निकोबार
  • छत्तीसगढ़
  • गोवा
  • गुजरात
  • केरल
  • लक्षद्वीप
  • मध्य प्रदेश
  • पुडुचेरी
  • राजस्थान
  • तमिलनाडु
  • उत्तर प्रदेश
  • पश्चिम बंगाल

विधानसभा चुनाव का शेड्यूल

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि SIR वाले राज्यों में विधानसभा चुनाव निम्नलिखित समय पर होंगे:

  • 2026: पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी
  • 2027: गोवा, गुजरात, उत्तर प्रदेश
  • 2028: छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान
  • नोट: अंडमान निकोबार और लक्षद्वीप में विधानसभा नहीं है।

21 साल बाद हो रहा SIR

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि देश में आखिरी बार SIR 21 साल पहले 2003 में हुआ था। उन्होंने कहा, "SIR का उद्देश्य सभी योग्य मतदाताओं को वोटर लिस्ट में शामिल करना और अयोग्य मतदाताओं को हटाना है। यह प्रक्रिया स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव के लिए बेहद जरूरी है।" बिहार में हाल ही में SIR की सफलता के बाद अब दूसरे चरण में इन 12 राज्यों में यह प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

SIR की प्रक्रिया: हर घर पर तीन बार जाएंगे BLO

चुनाव आयोग ने SIR को प्रभावी बनाने के लिए विस्तृत योजना तैयार की है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) हर घर पर तीन बार जाएंगे और मतदाताओं की जानकारी जुटाएंगे। यह जानकारी जिला प्रशासन को सौंपी जाएगी। प्रक्रिया के तहत:

  • Enumeration Forms: हर मतदाता को एक फॉर्म दिया जाएगा, जिसमें 2003 की वोटर लिस्ट से नाम और माता-पिता के नाम का मिलान किया जाएगा।
  • अगर नाम या माता-पिता का नाम 2003 की लिस्ट से मेल खाता है, तो कोई अतिरिक्त दस्तावेज जमा करने की जरूरत नहीं होगी।
  • सभी जानकारी डिजिटल रूप से स्टोर की जाएगी ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

राजनीतिक दलों को दी जाएगी जानकारी

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि SIR के दूसरे चरण के लिए मतदान अधिकारियों का प्रशिक्षण 28 अक्टूबर से शुरू होगा। सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे बुधवार तक राजनीतिक दलों के साथ बैठक करें और SIR प्रक्रिया की पूरी जानकारी साझा करें।

क्यों जरूरी है SIR?

ज्ञानेश कुमार ने कहा कि अनुच्छेद 326 के तहत मतदाता होने के लिए भारत का नागरिक होना अनिवार्य है। SIR के जरिए फर्जी मतदाताओं पर लगाम लगाई जाएगी और योग्य मतदाताओं को उनका अधिकार मिलेगा। यह प्रक्रिया न केवल वोटर लिस्ट को अपडेट करेगी, बल्कि चुनावी प्रक्रिया को और विश्वसनीय बनाएगी।

बिहार में SIR की सफलता

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बिहार में SIR की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि वहां यह प्रक्रिया पूरी तरह सफल रही। इसी तर्ज पर दूसरे चरण में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में यह प्रक्रिया लागू की जाएगी। उन्होंने लोकआस्था के पर्व छठ के लिए भी शुभकामनाएं दीं।