रूस / क्या है वेस्ट नाइल वायरस जिसके संक्रमण फैलने की आशंका को लेकर रूस ने दी है चेतावनी?

Zoom News : Aug 31, 2021, 08:45 AM
नई दिल्ली: रूस ने पतझड़ के मौसम में वेस्ट नाइल वायरस (West Nile virus) के संक्रमण के फैलने की आशंका जताई है. हल्का तापमान और भारी वर्षा के चलते मच्छरों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार होगा. इस साल तेज बारिश, गर्म और लंबे पतझड़ की वजह से मच्छरों को पनपने के लिए अनूकूल माहौल मिलेगा. ऐसा देखा गया है कि पतझड़ में बड़ी संख्या में मच्छर इस तरह के वायरस को ला सकते हैं. रूस में होने वाले वेस्ट नाइल फीवर का 80 फीसद से ज्यादा असर दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में दर्ज किया जाता है.

वेस्ट नाइल वायरस क्या होता है

डब्ल्यूएनवी एक संक्रामक बीमारी है जो मच्छरों से फैलती है. ये पक्षियों से इंसानों में क्यूलेक्स मच्छरों के काटने से फैलती है. इसकी वजह से इंसानों में घातक न्यूरोलॉजिकल (तंत्रिका संबंधी) बीमारी हो जाती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) के मुताबिक वायरस की वजह से 20 फीसद लोगों में वेस्ट नाइल फीवर के मामले आते हैं. ये वायरस ज़ीका, डेंगी और पीत ज्वर वायरस से संबंधित है.

डब्ल्यूएऩवी के क्या लक्षण होते हैं

जिन्हें डब्ल्यूएनवी से संक्रमण होता है उनमें आमतौर पर हल्के लक्षण या कोई लक्षण नहीं पाए जाते हैं. इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, शरीर दर्द, त्वचा पर चकत्ते और लिम्फ ग्लैंड में सूजन शामिल होते हैं. ये कुछ दिनों से लेकर कई हफ्तों तक रह सकता है और अपने आप ही ठीक हो जाता है.

डब्ल्यूएनवी कहां पैदा हुआ

डब्ल्यूएचहो के मुताबिक डब्ल्यूएनवी सबसे पहले 1937 में युगांडा की वेस्ट नाइल जिले में एक महिला में पाया गया था. इसकी पहचान 1953 में नाइल डेल्टा क्षेत्र में कौए और कोलंबीफॉर्म्स नाम के पक्षी में हुई थी. 1997 से पहले डब्ल्यूएनवी को पक्षियों के लिए रोगजनक नहीं माना जाता था. लेकिन इज़रायल में इस वायरस स्ट्रेन की वजह से विभिन्न प्रकार के पक्षियों की मौत हुई उनमें एन्सिफेलाइटिस और पैरालिसिस के लक्षण पाए गए थे. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि इंसानों में डब्ल्यूएनवी संक्रमण 50 सालों से मौजूद है.

ये कब खतरनाक होता है

अगर वेस्ट नाइल वायरस दिमाग में चला जाता है, तो यह घातक हो सकता है. इससे दिमाग में सूजन हो सकती है. जिसे एन्सिफेलाइटिस कहते हैं. या दिमाग के आस पास के ऊतकों ( टिश्यू) और स्पाइनल कॉर्ड (मेरुरज्जू) में सूजन हो सकती है जिसे मेनिन्जाइटिस कहते हैं.

डब्ल्यूएनवी की पहचान कैसे होती है- शारीरिक परीक्षण, चिकित्सकीय इतिहास, और लैबोरेटरी जांच से इसकी पहचान हो सकती है.

किसे है ज्यादा खतरा- बुजुर्ग, बच्चे, और ऐसे लोग जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है वो खतरे में होते हैं.

उपचार क्या है- इंसानों को होने वाली डब्ल्यूएनवी बीमारी के लिए कोई विशेष वैक्सीन या उपचार नहीं है. डब्ल्यूएनवी की रोकथाम का बेहतर तरीका यह है कि मच्छरों को काटने से रोका जाए. उपचार की बात की जाए तो मरीज को वेस्ट नाइल वायरस से होने वाले तंत्रिका तंत्र के हमले से बचाना चाहिए, अक्सर इसमें मरीजों को अस्पताल में भर्ती करना होता है और उन्हें इंट्रावीनस तरल, श्वसन में मदद और दूसरे संक्रमण से बचाव किया जाता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण हल्के तापमान में डब्ल्यूएनवी जैसी बीमारियां अधिक व्यापक हो सकती हैं.

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