- भारत,
- 21-May-2025 02:36 PM IST
Vladimir Putin: 7 मई की रात ने दो बड़े भू-राजनीतिक घटनाक्रमों को जन्म दिया—एक रूस में और दूसरा भारत-पाकिस्तान सीमा पर। हाल ही में अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बातचीत के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक चौंकाने वाला वाकया साझा किया। पुतिन ने ट्रंप को बताया कि यह वही रात थी जब वह पिछले तीन सालों में पहली बार कुछ क्षणों के लिए सचमुच सहम गए।
पुतिन की चिंता और ड्रोन हमले
तास समाचार एजेंसी के मुताबिक, 7 मई की रात यूक्रेन ने रूस की राजधानी मॉस्को पर एक भीषण ड्रोन हमला किया। करीब 564 ड्रोन रूस की हवाई सीमा में दाखिल हुए। पुतिन के अनुसार, यूक्रेन का मकसद मॉस्को में आयोजित होने वाली 9 मई की विक्ट्री परेड को बाधित करना था, जिसमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत कई अंतरराष्ट्रीय नेता मुख्य अतिथि थे।
राष्ट्रपति पुतिन ने कहा,
"मुझे डर था कि अगर चीन या अन्य देश इस हमले के कारण आने से हिचकेंगे, तो यह रूस की अंतरराष्ट्रीय साख को गंभीर आघात होगा।"
हालांकि, रूस ने तत्परता दिखाते हुए हमले को नाकाम किया और विक्ट्री परेड नियत कार्यक्रम के अनुसार आयोजित की गई।
उसी रात भारत की रणनीतिक स्ट्राइक
दूसरी ओर, 7 मई की ही रात भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर एक सुनियोजित और निर्णायक स्ट्राइक की। दरअसल, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में लश्कर-ए-तैयबा समर्थित ‘द रेजिडेंट फ्रंट्स’ के आतंकियों ने 26 निर्दोष नागरिकों की जान ले ली। इसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई की ठान ली।
7 मई की रात भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों में लश्कर, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के 9 प्रमुख ठिकानों को निशाना बनाया। इस स्ट्राइक में 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए।
इस सैन्य कार्रवाई के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में एक बार फिर भारत-पाक संघर्ष की आशंका बढ़ गई।
साम्य और संयोग
इस पूरे घटनाक्रम में आश्चर्यजनक बात यह है कि पुतिन द्वारा ट्रंप से साझा की गई वही तारीख 7 मई, भारत के लिए भी एक निर्णायक रात साबित हुई। जहां एक ओर रूस अपनी राजधानी पर ड्रोन हमले से निपट रहा था, वहीं भारत आतंकवाद के खिलाफ अपने संकल्प को दुनिया के सामने स्पष्ट कर रहा था।
दोनों ही घटनाएं दिखाती हैं कि 7 मई की रात केवल भूगोल नहीं, बल्कि भविष्य की कूटनीति, सामरिक संतुलन और वैश्विक नेतृत्व की परीक्षा की रात थी।
सीजफायर और आगे का रास्ता
हालांकि, तनावपूर्ण हालात के बाद 11 मई को भारत और पाकिस्तान ने सीजफायर की घोषणा की। यह वैश्विक दबाव और दोनों देशों की सीमित टकराव नीति का संकेत था।
इस बीच, पुतिन ने भी मॉस्को में परेड को सफलतापूर्वक अंजाम देकर यह जताया कि रूस दबाव के आगे झुकने वाला नहीं है।