COVID-19 Update / WHO ने कोरोना मरीजों के लिए इन तीन दवाओं पर लगाई रोक, कहा- इस दवा से मृत्युदर...

AajTak : Jul 05, 2020, 03:55 PM
Covid19: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना संक्रमित मरीजों को मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, एचआईवी की दवा लोपिनवीर और रिटोनवीर के कॉम्बिनेशन का डोज देने पर फिर रोक लगा दी है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि इस दवा से मृत्युदर में कमी नहीं आ रही है।

जारी बयान में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि इन दोनों दवाओं के इस्तेमाल में यह सामने आया है कि इलाज के अन्य मानकों की तुलना में इनसे कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की मृत्युदर में मामूली या न के बराबर कमी आई है।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक डब्ल्यूएचओ ने शनिवार को कहा कि दवा की टेस्टिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था की सिफारिश पर इन दवाओं के इस्तेमाल पर रोक लगाने का फैसला किया गया है। बीते दिनों अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की प्रभावशीलता का असेसमेंट करने के लिए चल रहे क्लीनिकल ट्रायल पर रोक लगा दी थी।

अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की ओर से जारी बयान के मुताबिक अस्पताल में भर्ती कोरोना वायरस के मरीजों के लिए यह दवा बहुत फायदेमंद नहीं है।

बता दें कि कुछ ही दिन पहले ब्रिटेन की चिकित्सा नियामक एजेंसी ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का कोरोना मरीजों के इलाज के लिए टेस्टिंग बहाल करने की इजाजत दी थी। परीक्षण में देखा जाएगा कि दवा लेने पर स्वास्थ्य कर्मियों का कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव होता है या नहीं।

ब्रिटेन की दवा और स्वास्थ्य देखभाल उत्पाद नियामक एजेंसी ने पिछले महीने पत्रिका लांसेट में एक शोध छपने के बाद इस दवा के परीक्षण पर रोक लगा दी थी।

गौरतलब है कि मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन उस समय चर्चा में आई थी जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि कोरोना मरीजों पर यह दवा असरदार है। वहीं मेडिकल पत्रिका लांसेट जर्नल ने बीते दिनों हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन पर एक रिपोर्ट छापी थी, जिसमें कहा गया था कि यह दवा Hydroxychloroquine कोरोना संक्रमित मरीजों पर प्रभावी नहीं है। हालांकि लांसेट जर्नल बाद में अपनी इस रिपोर्ट से पीछे हट गया था।


चीन की स्टडी दावा

इस बीच, कुछ पश्चिमी स्टडीज में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को बेशक कोरोना वायरस के इलाज में बेअसर करार दिया जा चुका है, लेकिन चीन के एक ताजा शोध में कुछ और ही सामने आया है। इस शोध के मुताबिक इस एंटी-मलेरिया ड्रग की वजह से कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों में मृत्यु दर कम करने में खासी भूमिका निभाई।

अभी प्रकाशित नहीं हुई यह स्टडी वुहान के टोंगजी अस्पताल के 568 कोरोना मरीजों के क्लिनिकल विश्लेषण पर आधारित है। ये स्टडी एक फरवरी से 8 अप्रैल के बीच की गई। वुहान जैसा कि सब जानते हैं इस महामारी का शुरुआती एपिसेंटर रहा है। इस स्टडी की समकक्षों से समीक्षा (Peer Review) होना अभी बाकी है।

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