- भारत,
- 05-Aug-2020 12:54 PM IST
अयोध्या: आज अयोध्या (Ayodhya) में पहुंचते ही श्री रामलला के दर्शन करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) हनुमान गढ़ी गए। ऐसे में हर एक के मन में ये उत्सुकता है कि आखिर श्री रामलला से पहले हनुमान गढ़ी के दर्शन प्रधानमंत्री ने क्यों किए? आखिर इसका इतिहास या धार्मिक महत्व क्या है? दरअसल वाराणसी में जिस तरह से काल भैरव को काशी का कोतवाल कहा जाता है और वहां जाना जरूरी होता है, ये उसी तरह की मान्यता है।माना जाता है कि लंका विजय के बाद हनुमान जी सरयू नदी के दाहिनी तट पर एक ऊंचे टीले पर गुफा में रहने लगे थे और यहीं से वो अयोध्या की रक्षा करते थे। इसी जगह को बाद में हनुमान गढ़ी या रामकोट कहा जाने लगा। कालांतर में यहां एक विशाल मंदिर बना दिया गया और जिस तरह से गुफा होती है, उसी तरह से इस मंदिर में नीचे जाने के लिए 76 सीढ़ियां हैं।फिर ये मान्यता बन गई है कि जन्मभूमि या रामलला के दर्शन करने से पहले हनुमान गढ़ी के दर्शन जरूरी होंगे। इसीलिए पीएम मोदी के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ भी पहले हनुमान गढ़ी में हनुमान जी के दर्शन किए और उनसे श्री रामलला के दर्शन की अनुमति मांगने की परंपरा का निर्वाह किया।हालांकि हनुमान गढ़ी के इस मंदिर को लेकर तमाम कहानियां और भी सामने आई हैं कि कैसे यहां निर्वाणी अखाड़ा के संत अभयराम दास के सहयोग से भव्य मंदिर तैयार किया गया था। ये तब हुआ जब 10वीं सदी के पहले से यहां बने एक मंदिर को औरंगजेब काल में ध्वस्थ कर दिया गया था।
