Union Budget 2025 / क्या 12 लाख की टैक्स फ्री इनकम का फायदा इसी साल मिलेगा?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में 12 लाख तक की आय पर टैक्स छूट का ऐलान किया है। यह नया नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा, लेकिन टैक्सपेयर्स को इसका लाभ 2026-27 में इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने पर मिलेगा।

Vikrant Shekhawat : Feb 02, 2025, 06:00 AM

Union Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को देश का आम बजट पेश किया, जिसमें उन्होंने टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत देते हुए 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर टैक्स छूट देने की घोषणा की है। इसका मतलब यह हुआ कि जो लोग सालाना 12 लाख रुपये तक कमाते हैं, उन्हें किसी भी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं देना होगा। आइए जानते हैं कि इस फैसले से टैक्सपेयर्स को कब लाभ मिलेगा।

बजट में टैक्सपेयर्स को मिली राहत

आम बजट 2025 में वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार नए टैक्स कानून को अगले हफ्ते पेश करने की योजना बना रही है। नए बजट के अनुसार, 12 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगाया गया है। इतना ही नहीं, यदि स्टैंडर्ड डिडक्शन 75 हजार रुपये को भी इसमें जोड़ दिया जाए, तो कुल 12.75 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स दायित्व शून्य हो जाएगा।

टैक्स छूट कब से लागू होगी?

वित्त मंत्री ने यह स्पष्ट किया है कि यह छूट तत्काल प्रभाव से लागू नहीं होगी। इनकम टैक्स को लेकर नए नियम 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगे। हालांकि, इसका वास्तविक लाभ टैक्सपेयर्स को तब मिलेगा जब वे आंकलन वर्ष 2026-27 में अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करेंगे। यानी कि वित्तीय वर्ष 2025-26 की आय पर यह टैक्स छूट लागू होगी।

नए टैक्स रिजीम का प्रभाव

यह टैक्स छूट केवल नए टैक्स रिजीम के तहत लागू होगी। जिन टैक्सपेयर्स ने पुराने टैक्स रिजीम को अपनाया हुआ है, उन्हें इस छूट का लाभ नहीं मिलेगा। सरकार का यह कदम मिडिल क्लास और उच्च-मध्यम वर्गीय करदाताओं के लिए राहत लेकर आया है, जिससे उनके पास खर्च और निवेश के लिए अधिक धनराशि उपलब्ध होगी।

अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

इस फैसले से आम नागरिकों की क्रय शक्ति बढ़ेगी, जिससे बाजार में उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही, सरकार को उम्मीद है कि इस राहत के चलते कर अनुपालन दरों में भी सुधार आएगा।

निष्कर्ष

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित यह टैक्स छूट लाखों करदाताओं के लिए राहत की खबर है। हालांकि, इसे लागू होने में अभी समय है और करदाताओं को इसका लाभ वित्तीय वर्ष 2025-26 के बाद ही मिलेगा। नए टैक्स नियमों के लागू होने के बाद करदाताओं को अपने निवेश और वित्तीय योजना को नए सिरे से निर्धारित करने की आवश्यकता होगी।