News18 : Apr 25, 2020, 11:57 AM
फ्रैंकफर्ट। जर्मनी (Germany) की एक अदालत में इराक (Iraq) के एक शख्स पर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के लिए यजीदी लड़कियों की मानव तस्करी, यौन उत्पीड़न और क़त्ल का मुकदमा शुरू हुआ है। इस शख्स की पत्नी पर भी एक यजीदी (Yazidi genocide) लड़की की हत्या का मुकदमा पहले से ही म्यूनिख की एक अदालत में चल रहा है। आरोप है कि तस्करी के लिए लाई गयी एक लड़की की 5 साल की बेटी को इन दोनों ने पीने के लिए पानी नहीं दिया और उसकी प्यास से मौत हो गयी।
अल जजीरा के मुताबिक इस इराकी शख्स का नाम अल-जे (बदला हुआ) बताया जाता है और इसकी उम्र 27 साल है। इस पर फ्रैंकफर्ट की एक कोर्ट में मानवता के खिलाफ अपराध, युद्ध अपराध, मानव तस्करी और हत्या जैसे संगीन आरोप लगाए गए हैं। साल 2015 में अल जे और उसकी जर्मन बीवी ने एक यजीदी लड़की को कई दिनों तक न सिर्फ यातनाएं दीं बल्कि पीने के लिए पानी भी नहीं दिया जिससे उसकी 5 साल की बेटी की मौत हो गयी। ये दोनों उस दौरान इराक के शहर फलुजाह में रह रहे थे। ये केस यजीदी एथनिक ग्रुप के खिलाफ किए गए अपराधों के खिलाफ दुनिया में चलाया गया पहला मामला है। मारी गयी लड़की रानिया की मां नोरा ने भी कोर्ट में इन दोनों के खिलाफ गवाही दे दी है।
इस्लामिक स्टेट से जुड़ा था आरोपी
जर्मनी की कोर्ट में दाखिल आरोपपत्र में कहा गया है की अल जे ने साल 2013 में ISIS ज्वाइन किया और पकड़े जाने तक इस आतंकी संगठन में अनेक पदों पर रहा है। अल जे सीरिया के शहर रक्का में इसलामिक स्टेट का कम देख रहा था, इससे पहले वो इराक और तुर्की में भी इस आतंकी संगठन के लिए कई काम कर चुका है।नोरा ने कोर्ट को बताया कि अल जे और उसकी बीवी यजीदी लड़कियों को इस्लामिक स्टेट के पास पहुंचाते थे जहां उन्हें सेक्स स्लेव बनाकर रखा जाता था। नोरा को भी इन दोनों ने बंधक बनाकर रखा था और उनके साथ उसकी 5 साल की बेटी भी थी। इन दोनों को न सिर्फ मारा-पीटा जाता था बल्कि कई मौकों पर नोरा का रेप भी किया गया। साल 2015 की गर्मियों में अल जे की बीवी ने किसी बात से नाराज़ होकर 5 साल की रानिय को चेन के जरिए खिड़की से बांध दिया और मांगने के बावजूद उसे खाना और पानी नहीं दिया गया, जिससे उसकी मौत हो गयी।
सद्दाम हुसैन के बाद इस्लामिक स्टेट ने भी ढाए जुल्म2014 में इराक और सीरिया में आईएस का आतंक बढ़ने के साथ ही वहां रहने वाले यजीदी लोगों पर लगातार जुल्म ढाए गए। जहां एक तरफ यजीदी पुरूषों को आतंकी दर्दनाक तरीके से मौत के घाट उतार देते थे। वहीं, महिलाओं को किडनैप कर उन्हें सेक्स स्लेव बना कर रखा जाता है और तरह-तरह से प्रताड़ित किया जाता है।यजीदी उत्तरी इराक में रहने वाला एक समाज है जो कि कुर्दिश भाषा बोलते हैं। अगस्त 2014 में आईएसआईएस ने नॉर्दर्न इराक के यजीदी इलाके शिंगले पर हमला कर दिया था। इसके बाद 400,000 से ज्यादा लोगों को दोहुक, इरबिल और कुर्दिस्तान के इलाकों में भागना पड़ा था। इस दौरान बड़ी तादाद में लड़कियों और महिलाओं का रेप भी किया गया था। मौत के डर से हजारों यजीदी महिलाएं सिंजार के पहाड़ों पर जा बसीं लेकिन आतंकियों ने 3000 से ज्यादा यजीदी लड़कियों को सेक्स स्लेव बनाने के लिए अगवा कर लिया था।
कई लड़कियों ने सुनाई है कहानी
ISIS की सेक्स स्लेव रहीं लैला तालो ने साल 2018 में बताया- आईएसआईएस ने अलग-अलग देशों में 9 बार मुझे खरीद-बेचकर मेरा यौन शोषण किया। लैला ने यह भी बताया कि कैसे उन जैसी और भी यजीदी महिलाओं की इंटरनेट पर खरीद-बिक्री होती है। उन्होंने बताया, 'पहले हमारे बारे में जानकारी इंटरनेट पर अपलोड कर दी जाती थी, जिसके बाद कोई भी अपनी पसंद से बहुत ही कम कीमत पर हमें खरीद सकता था।'लैला ने बताया कि 2 साल, 8 महीने और 9 दिन की अवधि में उन्हें सेक्स स्लेव बना कर करीब 9 बार अलग-अलग देशों में बेचा गया। इसमें इराक, बगदाद और सऊदी अरब शामिल हैं। उन्होंने बताया कि उनकी तरह ही बड़ी संख्या में महिलाएं हैं जिनकी जिंदगी आईएसआईएस के चंगुल में फंसकर नरक बनी हुई है। बता दें कि साल 2016 में आईएसआईएस के कब्जे वाले इराक के मोसुल में आतंकियों ने 19 यजीदी-कुर्दिश महिलाओं को पिंजरे में डालकर जिंदा जला दिया था। इन महिलाओं ने सेक्स स्लेव बनने से इनकार कर दिया था।
अल जजीरा के मुताबिक इस इराकी शख्स का नाम अल-जे (बदला हुआ) बताया जाता है और इसकी उम्र 27 साल है। इस पर फ्रैंकफर्ट की एक कोर्ट में मानवता के खिलाफ अपराध, युद्ध अपराध, मानव तस्करी और हत्या जैसे संगीन आरोप लगाए गए हैं। साल 2015 में अल जे और उसकी जर्मन बीवी ने एक यजीदी लड़की को कई दिनों तक न सिर्फ यातनाएं दीं बल्कि पीने के लिए पानी भी नहीं दिया जिससे उसकी 5 साल की बेटी की मौत हो गयी। ये दोनों उस दौरान इराक के शहर फलुजाह में रह रहे थे। ये केस यजीदी एथनिक ग्रुप के खिलाफ किए गए अपराधों के खिलाफ दुनिया में चलाया गया पहला मामला है। मारी गयी लड़की रानिया की मां नोरा ने भी कोर्ट में इन दोनों के खिलाफ गवाही दे दी है।
इस्लामिक स्टेट से जुड़ा था आरोपी
जर्मनी की कोर्ट में दाखिल आरोपपत्र में कहा गया है की अल जे ने साल 2013 में ISIS ज्वाइन किया और पकड़े जाने तक इस आतंकी संगठन में अनेक पदों पर रहा है। अल जे सीरिया के शहर रक्का में इसलामिक स्टेट का कम देख रहा था, इससे पहले वो इराक और तुर्की में भी इस आतंकी संगठन के लिए कई काम कर चुका है।नोरा ने कोर्ट को बताया कि अल जे और उसकी बीवी यजीदी लड़कियों को इस्लामिक स्टेट के पास पहुंचाते थे जहां उन्हें सेक्स स्लेव बनाकर रखा जाता था। नोरा को भी इन दोनों ने बंधक बनाकर रखा था और उनके साथ उसकी 5 साल की बेटी भी थी। इन दोनों को न सिर्फ मारा-पीटा जाता था बल्कि कई मौकों पर नोरा का रेप भी किया गया। साल 2015 की गर्मियों में अल जे की बीवी ने किसी बात से नाराज़ होकर 5 साल की रानिय को चेन के जरिए खिड़की से बांध दिया और मांगने के बावजूद उसे खाना और पानी नहीं दिया गया, जिससे उसकी मौत हो गयी।
सद्दाम हुसैन के बाद इस्लामिक स्टेट ने भी ढाए जुल्म2014 में इराक और सीरिया में आईएस का आतंक बढ़ने के साथ ही वहां रहने वाले यजीदी लोगों पर लगातार जुल्म ढाए गए। जहां एक तरफ यजीदी पुरूषों को आतंकी दर्दनाक तरीके से मौत के घाट उतार देते थे। वहीं, महिलाओं को किडनैप कर उन्हें सेक्स स्लेव बना कर रखा जाता है और तरह-तरह से प्रताड़ित किया जाता है।यजीदी उत्तरी इराक में रहने वाला एक समाज है जो कि कुर्दिश भाषा बोलते हैं। अगस्त 2014 में आईएसआईएस ने नॉर्दर्न इराक के यजीदी इलाके शिंगले पर हमला कर दिया था। इसके बाद 400,000 से ज्यादा लोगों को दोहुक, इरबिल और कुर्दिस्तान के इलाकों में भागना पड़ा था। इस दौरान बड़ी तादाद में लड़कियों और महिलाओं का रेप भी किया गया था। मौत के डर से हजारों यजीदी महिलाएं सिंजार के पहाड़ों पर जा बसीं लेकिन आतंकियों ने 3000 से ज्यादा यजीदी लड़कियों को सेक्स स्लेव बनाने के लिए अगवा कर लिया था।
कई लड़कियों ने सुनाई है कहानी
ISIS की सेक्स स्लेव रहीं लैला तालो ने साल 2018 में बताया- आईएसआईएस ने अलग-अलग देशों में 9 बार मुझे खरीद-बेचकर मेरा यौन शोषण किया। लैला ने यह भी बताया कि कैसे उन जैसी और भी यजीदी महिलाओं की इंटरनेट पर खरीद-बिक्री होती है। उन्होंने बताया, 'पहले हमारे बारे में जानकारी इंटरनेट पर अपलोड कर दी जाती थी, जिसके बाद कोई भी अपनी पसंद से बहुत ही कम कीमत पर हमें खरीद सकता था।'लैला ने बताया कि 2 साल, 8 महीने और 9 दिन की अवधि में उन्हें सेक्स स्लेव बना कर करीब 9 बार अलग-अलग देशों में बेचा गया। इसमें इराक, बगदाद और सऊदी अरब शामिल हैं। उन्होंने बताया कि उनकी तरह ही बड़ी संख्या में महिलाएं हैं जिनकी जिंदगी आईएसआईएस के चंगुल में फंसकर नरक बनी हुई है। बता दें कि साल 2016 में आईएसआईएस के कब्जे वाले इराक के मोसुल में आतंकियों ने 19 यजीदी-कुर्दिश महिलाओं को पिंजरे में डालकर जिंदा जला दिया था। इन महिलाओं ने सेक्स स्लेव बनने से इनकार कर दिया था।