- भारत,
- 20-Jul-2025 11:40 AM IST
Bangladesh Economy: शेख हसीना के 15 साल के कार्यकाल (2009-2024) को बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था के लिए स्वर्णिम काल माना जाता है। इस अवधि में बांग्लादेश ने दक्षिण एशिया में आर्थिक प्रगति के एक शानदार उदाहरण के रूप में अपनी पहचान बनाई। रेडीमेड गारमेंट (RMG) क्षेत्र, धन प्रेषण (रेमिटेंस), गरीबी उन्मूलन, मानव संसाधन विकास, और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की गईं।
रेडीमेड गारमेंट क्षेत्र: बांग्लादेश वैश्विक RMG निर्यात में दूसरा सबसे बड़ा देश बना, जिसने लाखों लोगों को रोजगार प्रदान किया।
धन प्रेषण: प्रवासी बांग्लादेशियों से प्राप्त रेमिटेंस ने अर्थव्यवस्था को मजबूती दी, जो जीडीपी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा।
गरीबी उन्मूलन: गरीबी दर में उल्लेखनीय कमी आई, जिससे लाखों लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे।
बुनियादी ढांचा: सड़क, पुल, और ऊर्जा परियोजनाओं ने देश के विकास को गति दी।
इन उपलब्धियों ने बांग्लादेश को वैश्विक मंच पर एक उभरती अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित किया।
बदलते हालात: आर्थिक संकट के संकेत
हालांकि, हाल के वर्षों में बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में कुछ गंभीर चुनौतियां उभरकर सामने आई हैं। विश्व बैंक की ‘ग्लोबल फिन्डेक्स 2025’ और राष्ट्रीय राजस्व बोर्ड (NBR) की हालिया रिपोर्ट्स ने अर्थव्यवस्था में गहरे संकट की ओर इशारा किया है। वित्तीय समावेशन और राजस्व संग्रह में कमी ने देश की आर्थिक स्थिरता और सतत विकास के लिए खतरे पैदा किए हैं।
वित्तीय समावेशन में गिरावट
विश्व बैंक की ‘ग्लोबल फिन्डेक्स 2025’ रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में वित्तीय समावेशन दर में भारी कमी देखी गई है:
2021 में 15 साल और उससे अधिक उम्र की 53% आबादी के पास बैंक या मोबाइल मनी खाता था, जो 2024 में घटकर 43% हो गया।
यह 10% की गिरावट दक्षिण एशिया में बांग्लादेश की स्थिति को कमजोर दर्शाती है, जहां भारत (89%) और श्रीलंका (80% से अधिक) जैसे पड़ोसी देशों ने बेहतर प्रदर्शन किया है।
वैश्विक स्तर पर वित्तीय समावेशन दर 74% से बढ़कर 79% हो गई, लेकिन बांग्लादेश इस सूची में केवल पाकिस्तान से आगे है।
मोबाइल वित्तीय सेवाओं में कमी
मोबाइल वित्तीय सेवाओं (MFS) में भी बांग्लादेश का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है:
मोबाइल मनी खाताधारकों की दर 2021 में 29% से घटकर 2024 में 20% हो गई।
बैंकों और वित्तीय संस्थानों में खाताधारकों की दर भी 24% से घटकर 23% हो गई।
यह कमी डिजिटल अर्थव्यवस्था में बांग्लादेश की प्रगति को पीछे धकेल रही है, जो पहले इस क्षेत्र में अग्रणी था।
यूनुस सरकार का एक साल: चुनौतियों का दौर
मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार को सत्ता में आए अभी एक साल भी पूरा नहीं हुआ है, लेकिन अर्थव्यवस्था और कानून-व्यवस्था दोनों मोर्चों पर स्थिति चिंताजनक है। यूनुस ने चीन और पाकिस्तान के साथ नए संबंध स्थापित कर विदेश नीति को मजबूत करने की कोशिश की, लेकिन ये प्रयास अभी तक सफल नहीं हुए।
कानून-व्यवस्था: देश में अस्थिरता और असुरक्षा की स्थिति ने निवेश और आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित किया है।
राजस्व संग्रह: NBR के आंकड़ों के अनुसार, राजस्व संग्रह में कमी आई है, जो सरकारी खर्चों और विकास परियोजनाओं के लिए चुनौती बन रही है।
भविष्य की चुनौतियां और संभावनाएं
बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था के सामने कई चुनौतियां हैं, लेकिन सही नीतियों और सुधारों के साथ इनका समाधान संभव है:
वित्तीय समावेशन को बढ़ावा: ग्रामीण और कम आय वाले समूहों तक बैंकिंग और मोबाइल मनी सेवाओं की पहुंच बढ़ाने की जरूरत है।
डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करना: मोबाइल वित्तीय सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी बुनियादी ढांचे में निवेश जरूरी है।
राजस्व संग्रह में सुधार: कर प्रणाली को और पारदर्शी और प्रभावी बनाने की आवश्यकता है।
निवेश और स्थिरता: कानून-व्यवस्था में सुधार और विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए नीतिगत स्थिरता जरूरी है।
