Zanjeer / 90 लाख में बनी 'जंजीर' ने फ्लॉप एक्टर को बनाया सुपरस्टार, 5 दिग्गजों ने ठुकराई थी फिल्म

अमिताभ बच्चन ने लगातार 11 फ्लॉप फिल्में देने के बाद इंडस्ट्री छोड़ने का मन बना लिया था। तभी उन्हें 'जंजीर' ऑफर हुई, जिसे 5 बड़े सितारों ने ठुकरा दिया था। 90 लाख में बनी इस एक्शन फिल्म ने 17 करोड़ कमाए और अमिताभ को 'एंग्री यंग मैन' बनाकर सुपरस्टार बना दिया।

भारतीय सिनेमा के इतिहास में ऐसे कई मोड़ आए हैं, जब एक कलाकार का करियर लगभग समाप्त होने की कगार पर था, लेकिन एक ही फिल्म ने उसकी किस्मत को पूरी तरह से बदल दिया। ऐसी ही एक अविश्वसनीय कहानी है उस अभिनेता की, जिसने लगातार असफलताओं का सामना करते हुए अभिनय की दुनिया को अलविदा कहने का मन बना लिया था। वह अपने गृह नगर लौटने की तैयारी में था, जब एक अप्रत्याशित अवसर ने उसके जीवन में दस्तक दी और यह अवसर एक ऐसी फिल्म के रूप में आया, जिसने न केवल उसके करियर को पुनर्जीवित किया, बल्कि उसे हिंदी सिनेमा के सबसे बड़े सितारों में से एक बना दिया। यह फिल्म थी 'जंजीर', जिसने एक संघर्षरत अभिनेता को 'एंग्री यंग मैन' की उपाधि दिलाई और उसे अमर कर दिया।

इंडस्ट्री छोड़ने की कगार पर थे अमिताभ बच्चन

70 के दशक में बनी 'जंजीर' ने अमिताभ बच्चन को हिंदी सिनेमा में एक नई पहचान दी। इस फिल्म में उन्होंने लीड हीरो का किरदार निभाया और यहीं से उन्हें 'एंग्री यंग मैन' के रूप में जाना जाने लगा। यह एक ऐसा किरदार था जिसने उस दौर के दर्शकों के बीच खूब लोकप्रियता हासिल की और अमिताभ बच्चन को एक बड़े स्टार के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और फिल्म की कहानी सलीम खान और जावेद अख्तर की जोड़ी ने मिलकर लिखी थी, जिन्होंने एक ऐसी पटकथा तैयार की जो उस समय के सिनेमाई परिदृश्य में एक नयापन लेकर आई। हालांकि, यह बात कम ही लोग जानते हैं कि अमिताभ। बच्चन इस फिल्म के लिए मेकर्स की पहली पसंद नहीं थे।

प्रकाश मेहरा के निर्देशन में बनी 'जंजीर' जब अमिताभ बच्चन को ऑफर हुई, तब तक वह लगातार फ्लॉप फिल्मों की झड़ी लगा चुके थे और इंडस्ट्री छोड़कर जाने की योजना बना रहे थे। अमिताभ बच्चन ने 1969 में 'सात हिंदुस्तानी' से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। इस डेब्यू के बाद उन्होंने लगातार 11 फ्लॉप फिल्में दीं, जिसके कारण उन्हें। कई फिल्मों से हाथ धोना पड़ा और उनके करियर पर सवालिया निशान लग गया। लगातार मिल रही असफलताओं और काम की कमी से निराश होकर अमिताभ बच्चन ने इलाहाबाद (जो अब प्रयागराज के नाम से जाना जाता है) वापस जाने का मन बना लिया था। वह अपने बोरिया-बिस्तर बांधकर मुंबई छोड़ने की तैयारी में थे, तभी उनकी झोली में 'जंजीर' का प्रस्ताव आ गिरा। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन को कास्ट किए जाने को लेकर जावेद अख्तर और सलीम खान को मेकर्स के खिलाफ जाना पड़ा था, क्योंकि निर्माता किसी स्थापित स्टार को लेना चाहते थे। इस बात का खुलासा खुद जावेद अख्तर ने किया था, कि उन्होंने और सलीम खान। ने अमिताभ की प्रतिभा पर विश्वास किया और उन्हें इस भूमिका के लिए उपयुक्त माना।

5 बड़े सितारों ने ठुकरा दी थी फिल्म

यह जानकर आश्चर्य होता है कि 'जंजीर' जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म को अमिताभ बच्चन से पहले उस दौर के पांच बड़े सितारों ने ठुकरा दिया था। मेकर्स ने इस फिल्म के लिए धर्मेंद्र, राजेश खन्ना, राज कुमार,। दिलीप कुमार और देव आनंद जैसे दिग्गजों से संपर्क किया था। इन सभी सितारों ने अलग-अलग कारणों से इस फिल्म को करने से मना कर दिया। धर्मेंद्र ने अपनी एक चचेरी बहन के कहने पर यह फिल्म छोड़ दी थी, जबकि राजेश खन्ना, राज कुमार, दिलीप कुमार और देव आनंद जैसे अन्य सितारों को विजय के किरदार में कोई न कोई कमी नजर आई। उन्हें शायद इस किरदार की गहराई या फिल्म की क्षमता का अंदाजा नहीं था, और सभी ने इस अवसर को ठुकरा दिया। इन बड़े नामों की अस्वीकृति के बाद ही यह फिल्म आखिरकार अमिताभ बच्चन के पास पहुंची।

सलीम-जावेद का विश्वास और फिल्म की सफलता

जब सलीम-जावेद की जोड़ी ने अमिताभ बच्चन से इस फिल्म के लिए संपर्क किया, तब वह पूरी तरह से खाली थे। उनके पास कोई फिल्म नहीं थी और वह अपने करियर के सबसे निचले पायदान पर थे। ऐसे में उन्होंने तुरंत सलीम-जावेद से मिलने का फैसला किया और फिल्म के लिए हामी भर दी। यह उनके लिए एक आखिरी उम्मीद की किरण थी। 'जंजीर' 1973 में रिलीज हुई थी और यह एक एक्शन फिल्म थी, जिसने उन दिनों बॉक्स ऑफिस पर खूब सुर्खियां बटोरी। मात्र 90 लाख रुपये के बजट में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 17 करोड़ रुपये का शानदार कलेक्शन किया, जो उस समय के हिसाब से एक बहुत बड़ी सफलता थी। फिल्म की रिलीज के साथ ही दर्शकों की भीड़ सिनेमाघरों में उमड़ पड़ी और देखते ही देखते हिंदी सिनेमा को उसका सबसे बड़ा सितारा मिल गया। 'जंजीर' ने अमिताभ बच्चन के करियर को एक नई दिशा दी और उन्हें हमेशा-हमेशा के लिए एक कल्ट स्टार बना दिया। इस फिल्म ने न केवल उन्हें 'एंग्री यंग मैन' की उपाधि दी, बल्कि उन्हें भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक अमर स्थान भी दिलाया।