Maharashtra Politics / Uddhav-Raj Thackeray Alliance After 20 Years: BMC, 29 Municipal Corporations to Vote on Jan 15

Uddhav Thackeray's Shiv Sena (UBT) and Raj Thackeray's MNS have formed an alliance for the upcoming BMC and 29 other municipal corporation elections after 20 years. Both leaders emphasized Marathi identity and unity for Mumbai. Voting is scheduled for January 15, with results on January 16.

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा मोड़ आया है, जहां 20 साल बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व। वाली शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने चुनावी गठबंधन की घोषणा की है। यह गठबंधन बृहन मुंबई नगर निगम (BMC) सहित राज्य के 29 नगर निगमों के आगामी चुनावों के। लिए हुआ है, जिनके लिए 15 जनवरी को मतदान होगा और 16 जनवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे। इस ऐतिहासिक मिलन को महाराष्ट्र की राजनीति में ठाकरे बंधुओं की एकजुटता के रूप में देखा जा रहा है, जिसका उद्देश्य मराठी अस्मिता और मुंबई के भविष्य को सुरक्षित करना है।

20 साल बाद ठाकरे बंधुओं का मिलन

यह गठबंधन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि राज ठाकरे ने 2005 में शिवसेना से अलग होकर अपनी पार्टी मनसे का गठन किया था, जिसके बाद से दोनों भाई राजनीतिक रूप से अलग-अलग राहों पर थे। बुधवार को एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में, उद्धव और राज ठाकरे ने इस गठबंधन का ऐलान किया, जिससे महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। इस घोषणा से पहले, दोनों नेता शिवाजी पार्क स्थित बालासाहेब ठाकरे के स्मारक पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की, जो उनके पुनर्मिलन के प्रतीकात्मक महत्व को दर्शाता है। यह कदम न केवल ठाकरे परिवार के लिए बल्कि मराठी भाषी मतदाताओं के लिए भी एक भावनात्मक क्षण था, जो लंबे समय से दोनों भाइयों को एक साथ देखने की उम्मीद कर रहे थे।

एकजुटता का आह्वान: 'बंटेंगे तो बिखरेंगे'

संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, उद्धव ठाकरे ने भावनात्मक अपील करते हुए कहा कि 'हमारी सोच एक है, अगर बंटेंगे तो बिखरेंगे और ' उन्होंने महाराष्ट्र के लिए सभी को एक होने का संदेश दिया। उद्धव ठाकरे ने पिछली विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा द्वारा चलाए गए 'बंटेंगे तो कटेंगे' जैसे दुष्प्रचार का जिक्र करते हुए मराठी लोगों से अपील की कि अब अगर उनसे चूक हुई तो सब खत्म हो जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि 'अब अगर हम बंटे तो पूरी तरह मिट जाएंगे। इसलिए न टूटें, न बंटें। मराठी अस्मिता की विरासत को न छोड़ें। ' उन्होंने यह भी कहा कि 'आज हम दोनों भाई साथ-साथ हैं। हम साथ आए हैं, हमेशा साथ रहने के लिए। महाराष्ट्र इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहा था और ' यह बयान उनकी एकजुटता और मराठी पहचान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

राज ठाकरे का मुंबई के लिए संकल्प

मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने भी अपनी बात रखते हुए मुंबई के मेयर के मराठी होने पर जोर दिया और उन्होंने कहा, 'मैंने एक बार कहा था कि हमारी आपसी किसी भी विवाद या लड़ाई से महाराष्ट्र बड़ा है। ' उन्होंने घोषणा की कि 'मुंबई का मेयर मराठी ही होगा और वह हमारे दल से होगा। ' राज ठाकरे ने यह भी बताया कि आज की बैठक के बाद वे अन्य नगर निगमों के लिए भी घोषणा करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि सीटों का बंटवारा अभी मायने नहीं रखता और कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा, यह अभी नहीं बताया जाएगा, लेकिन उनका मुख्य लक्ष्य मुंबई की मराठी पहचान को बनाए रखना है। यह बयान मुंबई पर उनके विशेष ध्यान और मराठी गौरव को पुनर्जीवित करने की उनकी इच्छा को दर्शाता है।

मुंबई को तोड़ने की साजिश के खिलाफ चेतावनी

उद्धव ठाकरे ने अपनी स्पीच में दिल्ली में बैठे कुछ। लोगों पर मुंबई को तोड़ने की साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने चेतावनी दी कि 'मुंबई को तोड़ने की साजिश करने वालों को खत्म कर देंगे। ' यह बयान मुंबई की स्वायत्तता और उसकी पहचान को बचाने के लिए उनके दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। यह गठबंधन मुंबई के भविष्य को लेकर एक मजबूत संदेश देने का प्रयास है, खासकर उन ताकतों के खिलाफ जो शहर की भाषाई और सांस्कृतिक पहचान को कमजोर करना चाहते हैं।

विपक्षी प्रतिक्रिया: 'मजबूरी का गठबंधन'

इस गठबंधन पर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री संजय शिरसाट ने तीखी प्रतिक्रिया दी और उन्होंने इसे शिवसेना-यूबीटी और मनसे की 'मजबूरी' का गठबंधन बताया। शिरसाट ने कहा, 'अगर ये लोग चल जाते तो हाल ही में हुए नगर पंचायत चुनाव में उन्हें इतनी मार क्यों पड़ती और ' उन्होंने तर्क दिया कि कांग्रेस और शरद पवार की पार्टी भी शिवसेना यूबीटी के साथ नहीं है, इसलिए उन्हें किसी न किसी का सहारा चाहिए। शिरसाट ने कहा कि 'जिस तरह डूबते को तिनके का सहारा होता। है, उसी प्रकार वे (उद्धव ठाकरे) राज ठाकरे का सहारा लेना चाहते हैं। ' हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इस गठबंधन से उन्हें ज्यादा फायदा मिलेगा और यह प्रतिक्रिया दर्शाती है कि सत्तारूढ़ दल इस गठबंधन को कमजोर और अवसरवादी मान रहा है।

आगामी चुनावों पर प्रभाव

यह गठबंधन महाराष्ट्र के आगामी नगर निगम चुनावों में एक महत्वपूर्ण कारक साबित हो सकता है। विशेष रूप से मुंबई में, जहां बीएमसी चुनाव हमेशा से ही राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण रहे हैं, ठाकरे बंधुओं का एक साथ आना शिवसेना (यूबीटी) और मनसे दोनों के लिए एक नई ऊर्जा ला सकता है। मराठी वोटों के एकीकरण से वे उन ताकतों को चुनौती दे सकते हैं जो मुंबई में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही हैं। 15 जनवरी को होने वाला मतदान और 16 जनवरी को आने वाले नतीजे यह तय करेंगे कि यह 20 साल पुराना पुनर्मिलन महाराष्ट्र की राजनीति में कितना प्रभावी साबित होता है। यह गठबंधन न केवल चुनावी समीकरणों को बदलेगा बल्कि महाराष्ट्र की राजनीतिक दिशा को भी प्रभावित कर सकता है।