शाहीन बाग / चार माह के नवजात की मौत पर 10 साल की बच्ची ने लिखा चीफ जस्टिस को खत

AMAR UJALA : Feb 05, 2020, 04:00 PM
शाहीन बाग: संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में 15 दिसंबर से लगातार प्रदर्शन चल रहा है। इसी प्रदर्शन में बीते दिनों एक चार माह के बच्चे की मौत हो गई जिससे दुखी होकर वीरता पुरस्कार विजेता 10 साल की गुणरतन सदावतार ने सुप्रीम कोर्ट को खत लिखा है।

गुणरतन ने देश के मुख्य न्यायाधीश को खत लिखते हुए विनती की है कि बच्चों और नवजातों को किसी धरने में जाने पर रोक लगे। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले कई हफ्तों से प्रदर्शन कर रहे चार महीने के मासूम मोहम्मद जहान की बीते दिनों मौत हो गई।

कौन था मोहम्मद जहान

छोटे-छोटे गालों पर बना तिरंगा। मां नाजिया के साथ आने वाला यह बच्चा जल्द ही शाहीन बाग में हर आंख का तारा बन चुका था। कभी इसकी गोद में, तो कभी उसकी गोद में। कभी-कभी तो मां को ढूंढना पड़ता था कि उसका लाल कहां पर है। सीएए विरोधी प्रदर्शन के बीच इस मासूम की प्यारी सी मुस्कान सभी के चेहरों पर हंसी ला देती थी। मगर अब यह सिलसिला खत्म हो गया है। 

बीते हफ्ते ठंड लगने से चार महीने का मासूम मोहम्मद जहान चल बसा। भीषण सर्दी में भी मां के साथ खुले में प्रदर्शन की वजह से उसे ठंड लग गई। इस वजह से उसे जुकाम और सीने में जकड़न हो गई। बावजूद इसके मां के हौसले डिगे नहीं हैं। अपनी आंखों के तारे को हमेशा के लिए अलविदा कहने के चंद दिनों के बाद ही मां फिर से शाहीन बाग लौट आई है। कहती है, 'यह लड़ाई मेरे बच्चों के भविष्य के लिए है।'

 झुग्गी में रहते हैं मां-बाप 

मोहम्मद जहान के मां-बाप बटला हाउस इलाके में छोटी सी झुग्गी में रहते हैं। घर में दो और बच्चे हैं। एक पांच साल की बेटी और एक साल का बेटा। मूल रूप से यूपी के बरेली के रहने वाले हैं। पिता कढ़ाई का काम करने के अलावा ई-रिक्शा भी चलाता है। मां भी परिवार चलाने के लिए कढ़ाई के काम में हाथ बंटाती है। 

टोपी पर लिखा था, 'आई लव माई इंडिया'

आरिफ का कहना है कि हमने सब कुछ खो दिया। उन्होंने मोहम्मद जहान की एक तस्वीर दिखाई, जिसमें उसे एक ऊनी कैप पहनाई गई है जिस पर लिखा है, 'आई लव माई इंडिया।'

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