कोविड-19 / दुनिया में 1.5 अरब स्टूडेंट की शिक्षा प्रभावित, जानें, भारत का हाल भी

News18 : Aug 28, 2020, 08:01 AM
वाशिंगटन। दुनिया के कम से कम एक तिहाई स्कूली बच्चे (One Third School Chidren) यानी करीब 46.3 करोड़ बच्चे इस साल शुरू हुए कोविद-19 महामारी के प्रकोप के कारण स्कूलों को बंद कर दिए जाने के बाद से दूरस्थ शिक्षा का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। यह बात यूनिसेफ (Unicef) के नई रिपोर्ट में कही गई है। यूनिसेफ की रिपोर्ट भारत के कई राज्यों में जारी की गई है ताकि दोबारा से स्कूल खोले जाने की दिशा में पहल किया जाना चाहिए। दुनिया में करीब 1।5 अरब स्कूली बच्चों की पढ़ाई लॉकडाउन के चलते प्रभावित हुई है। इस रिपोर्ट में यह बात रेखांकित की गई है कि दूरस्थ शिक्षा की खामियां क्या हैं और उससे शिक्षा के स्तर पर किस तरह असमानता फैल रही है। यूनिसेफ ने इसलिए सुरक्षित तरीके से दोबारा स्कूल खोलने की प्राथमिकता पर जोर दिया है।


भारत में कोरोना महामारी के चलते 15 लाख स्कूल बंद

भारत में करीब 15 लाख स्कूल कोरोना महामारी के चलते बंद कर दिए गए हैं। इन स्कूलों के बंद रहने से करीब 28।6 करोड़ प्री-प्राइमरी और सेकैंडरी लेवल तक के स्टूडेंट की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इनमें से करीब 49% छात्राएं भी शामिल हैं


कोविड-19: भारत में 60 लाख स्टूडेंट स्कूूली से हुए बाहर

यूनिसेफ की इस रिपोर्ट के मुताबिक करीब 60 लाख छात्र और छात्राएं पहले ही कोविड—19 महामारी के चलते स्कूली शिक्षा से बाहर हो गए हैं। यूनिसेफ की भारतीय प्रतिनिधि डॉ। यास्मीन अली हक ने बताया कि 'स्कूल बंद हो चुके हैं। अभिभावकों के पास काम नहीं है। परिवार में लगातार तनाव बढ़ रहा है। इस पूरी पीढ़ी की पढ़ाई और सीखने की प्रक्रिया पूरी तरह बाधित हो चुकी है। डिजिटल एजुकेशन तक बहुत कम लोगों की पहुंच है और इन हालातों में सीखने के अंतर की समस्या का कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता है। हमें सीखने की इस प्रक्रिया को चालू करने के लिए समाज, अभिभावक और स्वयंसेवकों को शामिल करके बच्चों तक पहुंचना होगा।


दुनिया में 49% स्कूली बच्चे प्राइमरी क्लासेज में पढ़ते हैं। ऐसे में भारत में स्कूलों को दोबारा खोलना एक बड़ी चुनौती होगी।

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