दुनिया / पाक के पूर्व डिप्लोमैट ने कबूला सच- एयरस्ट्राइक में मारे गए 300 आतंकी

Zoom News : Jan 09, 2021, 09:22 PM
पाकिस्तान के लिए शर्मिंदा करने वाला सच कबूल करते हुए पाकिस्तान के पूर्व डिप्लोमैट आगा हिलाली ने एक टीवी शो में कहा है कि बालाकोट एयरस्ट्राइक में 300 आतंकवादी मारे गए थे। 26 फरवरी 2019 को भारतीय एयर फोर्स ने जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने पर बमबारी की थी। टीवी डिबेट्स में पाकिस्तानी सेना का पक्ष रखने वाले पूर्व कूटनीतिज्ञ का यह कबूलनामा पाकिस्तान के उस दावे के उलट है जिसमें वह कहता रहा है कि एयरस्ट्राइक से उसे नुकसान नहीं हुआ। 

बालाकोट में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप पर भारतीय वायुसेना के हमले के बाद पाकिस्तान ने अपना चेहरा बचाने की कोशिश करते हुए कहा था कि एयरस्ट्राइक में केवल कुछ पेड़ों को नुकसान पहुंचा है। उसने मारे गए आतंकवादियों की मौजूदगी से इनकार किया था। कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ काफिले पर हमले के जवाब में भारत ने एयरस्ट्राइक को अंजाम दिया था। पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। 

आगे हिलाली ने कहा, ''भारत ने अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार किया और युद्ध जैसी कार्रवाई की जिसमें 300 लोगों के मारे जाने की सूचना है। हमरा टारगेट उनसे अलग था। हमने उनके हाई कमांड को टारगेट किया। यह हमारा वैध लक्ष्य था क्योंकि वे सेना के आदमी थे। हमने स्वीकार किया कि एक सर्जिकल स्ट्राइक- एक सीमित कार्रवाई- के परिणामस्वरूप कोई भी हताहत नहीं हुआ। अब हमने उनसे कहा कि, वे जो भी करेंगे, हम केवल इतना ही करेंगे और आगे नहीं बढ़ेंगे।'' हिलाली पाकिस्तान के एक उर्दू चैनल पर डिबेट में बोल रहे थे। 

पाकिस्तान के पूर्व डिप्लोमैट ने यह खुलासा मुस्लिम लीग-एन नेता अयाज सादिक की ओर से अक्टूबर 2020 में देश की संसद में कबूल के गए उस सच के बाद किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बैठक में कहा था कि यदि बंधक बनाए गए अभिनंदन वर्धमान को नहीं छोड़ा गया तो रात 9 बजे भारत हमला कर देगा। उन्होंने यह भी स्वीकार किया था कि सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के पैर कांप रहे थे। 27 फरवरी 2019 को पाकिस्तानी लड़ाकू विमान को खदेड़ने के बाद अभिनंदन को इजेक्ट करना पड़ा था और वह पीओके में उतरे थे। उन्हें 1 मार्च 2019 को पाकिस्तान ने अटारी-बाघा बॉर्डर से लौटाया था। 

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