Rahul Gandhi News / 'सच्चा भारतीय ऐसा नहीं कहेगा', सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लगाई कड़ी फटकार

राहुल गांधी के खिलाफ भारतीय सेना पर कथित टिप्पणी को लेकर दर्ज मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ ट्रायल कोर्ट के समन पर रोक लगा दी। कोर्ट ने नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब मांगा। गांधी ने 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान चीन द्वारा 2000 वर्ग किलोमीटर भारतीय जमीन पर कब्जे और सैनिकों की पिटाई का दावा किया था।

Rahul Gandhi News: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता राहुल गांधी को भारतीय सेना के खिलाफ कथित टिप्पणी से जुड़े मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ की निचली अदालत द्वारा जारी समन पर रोक लगा दी है और मामले में नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। यह मामला दिसंबर 2022 में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दिए गए एक बयान से संबंधित है, जिसमें उन्होंने भारतीय सेना और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर टिप्पणी की थी।

राहुल गांधी ने क्या कहा था?

राहुल गांधी ने राजस्थान में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था, “चीनी सैनिक अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सैनिकों की पिटाई कर रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा, “लोग भारत जोड़ो यात्रा, अशोक गहलोत और सचिन पायलट जैसे मुद्दों पर सवाल पूछेंगे, लेकिन चीन द्वारा 2000 वर्ग किलोमीटर भारतीय जमीन पर कब्जा करने, 20 भारतीय सैनिकों को मारने और अरुणाचल प्रदेश में हमारे सैनिकों की पिटाई के बारे में कोई सवाल नहीं पूछेगा। भारतीय प्रेस इस बारे में एक भी सवाल नहीं उठाता।” इस बयान के आधार पर उत्तर प्रदेश में उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज किया गया था, और लखनऊ की एमपी-एमएलए अदालत ने उन्हें समन जारी किया था।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी और कार्यवाही

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस दत्ता ने राहुल गांधी के बयान पर सवाल उठाए। कोर्ट ने पूछा, “आपने यह बात संसद में क्यों नहीं कही और सोशल मीडिया पर क्यों कही? अगर आप सच्चे भारतीय हैं, तो आपको ऐसा नहीं कहना चाहिए।” कोर्ट ने यह भी पूछा, “आपको कैसे पता कि चीन ने 2000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया? विश्वसनीय जानकारी क्या है? जब सीमा पर विवाद हो, तो क्या आप इस तरह की बातें कह सकते हैं? आप संसद में सवाल क्यों नहीं उठाते?”

राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि अगर विपक्ष के नेता के तौर पर वह इस तरह के मुद्दे नहीं उठा सकते, तो इसका क्या परिणाम होगा? उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी का इरादा किसी को बदनाम करना नहीं था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में नोटिस जारी करते हुए लखनऊ कोर्ट के समन पर रोक लगा दी और तीन सप्ताह के भीतर जवाब मांगा।

इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला

इससे पहले, मई 2023 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने लखनऊ की एमपी-एमएलए अदालत के समन आदेश को चुनौती दी थी। इसके बाद राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और जिम्मेदारी

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर भी चर्चा की। कोर्ट ने कहा कि भले ही राहुल गांधी के पास अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हो, लेकिन एक जिम्मेदार नेता के तौर पर उन्हें इस तरह के बयान देने से बचना चाहिए। जस्टिस दत्ता ने टिप्पणी की, “कोई सच्चा भारतीय ऐसा नहीं कहेगा।” कोर्ट ने यह भी नोट किया कि सिंघवी ने हाईकोर्ट में एक अलग दलील दी थी, जिस पर सिंघवी ने जवाब दिया कि विपक्ष का काम सवाल उठाना है, न कि बदनाम करना।