Chandrayaan 3 Mission / प्रज्ञान के बाद अब लैंडर विक्रम भी स्लिप मोड में, ISRO ने ट्वीट कर दी जानकारी

Zoom News : Sep 04, 2023, 06:44 PM
Chandrayaan 3 Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की ओर से भेजे गए चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान के बाद अब लैंडर विक्रम भी स्लीप मोड में चला गया है. इसरो के वैज्ञानिकों के मुताबिक चंद्रयान-3 ने अपना काम पूरा कर लिया है. चंद्रयान से जैसी उम्मीद की गई थी, उससे बेहतर परिणाम देखने को मिले हैं. इस जानकारी के साथ ही इसरो ने ‘मून हॉप’ की खास तस्वीर भी शेयर की है.

चांद की जमीं पर मौजूद रोवर प्रज्ञान और लैंडर विक्रम की जानकारी देते हुए इसरो ने ट्वीट किया है. ट्वीट के जरिए बताया गया है कि विक्रम लैंडर को आज भारतीय समय के मुताबिक 8 बजे स्लीप मोड में भेज दिया गया है. वैज्ञानिकों ने बताया कि लैंडर रिसीवर को चालू रखा गया है और सोलर एनर्जी खत्म होने के बाद विक्रम लैंडर, रोवर प्रज्ञान के बगल में स्लीप मोड में पहुंच गया है. अब हर किसी को 22 सितंबर को विक्रम और प्रज्ञान के फिर से एक्टिव होने की उम्मीद है.

चांद पर रोवर ने अपना काम पूरा किया

14 जुलाई को लॉन्च किए गए चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान और लैंडर विक्रम ने अब तक का काम पूरा कर लिया है. रोवर की ओर से धरती पर अब तक जो भी जानकारी भेजी गई है उस पर अध्ययन किया जा रहा है. बता दें कि रोवर प्रज्ञान ने ऑक्सीजन के साथ-साथ चांद के दक्षिणी ध्रुव पर एल्युमिनियम, आयरन, टाइटेनियम, कैल्शियम, मैगनीज, सिलिकॉल और सल्फर का पता लगाया है. इस खोज के साथ ही भारत दुनिया का पहला देश है जिसने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर ऑक्सीजन के सबूत दिए हैं. इसरो का अगला पड़ाव चांद के इस हिस्से में जीवन के सबूत खोजना है.

रोवर प्रज्ञान में 10 दिन में तय किया 100 मीटर का सफर

इसरो के वैज्ञानिकों ने 23 अगस्त शाम 6 बजकर 3 मिनट पर चांद के सतर पर सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रच दिया था. लैंडर विक्रम के चांद पर उतरने के करीब चार घंटे बाद रोवर प्रज्ञान ने चांद पर कदम रखा था. लैंडर विक्रम ने चांद की जिस शिवशक्ति प्वाइंट पर कदम रखा था, वहां से रोवर प्रज्ञान ने पिछले 10 दिनों में 100 मीटर का सफर तय कर लिया है. 10 दिन का सफर पूरा करने के बाद अब स्लीप मोड में चला गया है.

लैंडर के रिसीवर को रखा गया है चालू 

इसरो ने एक्स (ट्विटर) पर लिखा, ‘‘विक्रम लैंडर भारतीय समयानुसार सुबह करीब आठ बजे सुप्तावस्था में चला गया। इससे पहले चास्ते, रंभा-एलपी और इलसा पेलोड द्वारा नये स्थान पर यथावत प्रयोग किये गये। जो आंकड़े संग्रहित किये गये, उन्हें पृथ्वी पर भेजा गया।’’ पेलोड को बंद कर दिया गया और लैंडर के रिसीवर को चालू रखा गया है। इसके साथ ही ISRO ने बताया कि सौर ऊर्जा खत्म हो जाने और बैटरी से भी ऊर्जा मिलना बंद हो जाने पर विक्रम प्रज्ञान के पास ही निष्क्रिय अवस्था में चला जाएगा। उनके 22 सितंबर, 2023 के आसपास सक्रिय होने की उम्मीद है।

लैंडर ने फिर से की थी चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग 

वहीं स्लीप मोड में जाने से पहले विक्रम में चांद पर फिर सॉफ्ट लैंडिंग की थी। इसरो ने बताया कि लैंडर के इंजनों को दोबारा चालु किया गया और इसके बाद उसने खुद को लगभग 40 सेमी ऊपर उछाला और 30-40 सेमी के बाद सुरक्षित रूप से लैंड करा दिया। दोबारा सॉफ्ट लैंडिंग से यह साबित हो गया कि लैंडर के अंदर लगे सभी उपकरण बिलकुल ठीक हैं और सभी सक्रिय हैं।

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