Barmer Farmers Protest / 200 ट्रैक्टरों के साथ बाड़मेर कलेक्ट्रेट घेरने निकले किसान, अनिश्चितकालीन धरने की चेतावनी

राजस्थान के बाड़मेर में किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 200 ट्रैक्टरों के साथ कलेक्ट्रेट का घेराव करने निकले हैं। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन वे आगे बढ़ते रहे। किसानों ने मांगें पूरी न होने पर अनिश्चितकालीन धरने की चेतावनी दी है। कलेक्ट्रेट पर भारी पुलिस बल तैनात है।

राजस्थान के बाड़मेर जिले में किसानों का एक बड़ा समूह अपनी लंबित मांगों को लेकर प्रशासन को 'जगाने' के लिए सड़कों पर उतर आया है। लगभग 200 ट्रैक्टरों के साथ सैकड़ों किसान बाड़मेर कलेक्ट्रेट की ओर कूच कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य जिला प्रशासन पर उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए दबाव डालना है। यह विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुआ जब किसानों द्वारा दी गई 9 दिसंबर। की समय सीमा समाप्त हो गई और उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

किसानों की प्रमुख मांगें

किसानों की मुख्य मांगों में कृषि अनुदान का समय पर वितरण न होना, फसल बीमा मुआवजे के भुगतान में अत्यधिक देरी, अनियमित और लंबी बिजली कटौती, और नीलगाय व जंगली सूअर जैसे जंगली जानवरों द्वारा फसलों को होने वाले भारी नुकसान से सुरक्षा शामिल है। ये मुद्दे लंबे समय से बाड़मेर के किसानों को परेशान कर रहे। हैं, जिससे उनकी आजीविका और कृषि उत्पादकता पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि इन समस्याओं के कारण उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है और उनका जीवन दूभर हो गया है।

अल्टीमेटम और आंदोलन की शुरुआत

इस आंदोलन की पृष्ठभूमि 5 दिसंबर को तैयार हुई थी, जब किसानों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने गुड़ामालानी के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) को एक ज्ञापन सौंपा था और इस ज्ञापन में उनकी सभी मांगों का तुरंत निराकरण करने की अपील की गई थी और प्रशासन को 9 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया गया था। किसानों ने स्पष्ट चेतावनी दी थी कि यदि इस समय सीमा तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो वे बाड़मेर कलेक्ट्रेट का घेराव करेंगे। समय सीमा समाप्त होने और कोई संतोषजनक प्रतिक्रिया न मिलने के बाद, किसानों ने अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आंदोलन शुरू कर दिया।

ट्रैक्टर मार्च और पुलिस का सामना

आज सुबह, गुड़ामालानी के अहिंसा सर्किल और तहसील गेट पर सैकड़ों किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ एकत्र हुए और जब उन्हें प्रशासन से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला, तो उन्होंने बाड़मेर की ओर एक विशाल ट्रैक्टर रैली के रूप में कूच कर दिया। इस मार्च के दौरान, किसानों को रास्ते में पुलिस प्रशासन द्वारा दो बार रोकने का प्रयास किया गया। हालांकि, किसानों का दृढ़ संकल्प इतना मजबूत था कि वे पुलिस की बाधाओं को पार करते हुए आगे बढ़ते गए। उनकी संख्या और एकता के सामने पुलिस की शुरुआती कोशिशें नाकाम रहीं।

उत्सवपूर्ण विरोध और दृढ़ संकल्प

यह ट्रैक्टर मार्च केवल एक विरोध प्रदर्शन नहीं था, बल्कि किसानों के दृढ़ संकल्प और एकजुटता का प्रदर्शन भी था और रास्ते भर डीजे बज रहे थे, जिस पर किसान नाच-गा रहे थे और अपनी मांगों के समर्थन में जोरदार नारे लगा रहे थे। यह दृश्य दर्शाता है कि किसान अपनी मांगों को लेकर कितने गंभीर और उत्साहित हैं। किसान नेताओं ने स्पष्ट किया है कि यदि आज कलेक्ट्रेट पहुंचने के बाद भी उनकी समस्याओं का कोई समाधान नहीं निकलता है, तो वे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ जाएंगे। यह चेतावनी प्रशासन के लिए एक गंभीर संकेत है कि किसान तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं। किसानों के बढ़ते मार्च को देखते हुए, बाड़मेर जिला कलेक्टर कार्यालय के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है और किसानों को कलेक्ट्रेट तक पहुंचने से रोकने के लिए कई स्थानों पर बैरिकेडिंग की गई है। प्रशासन किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है और स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है। पुलिस और प्रशासन का मुख्य उद्देश्य शांति व्यवस्था बनाए रखना और किसानों को। कलेक्ट्रेट परिसर में प्रवेश करने से रोकना है, ताकि सरकारी कामकाज बाधित न हो।

कलेक्ट्रेट पर सुरक्षा व्यवस्था

आगे की राह

फिलहाल, स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है क्योंकि किसान अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं और प्रशासन उन्हें रोकने के लिए तैयार है। यह देखना बाकी है कि क्या प्रशासन किसानों की मांगों पर ध्यान देगा। और कोई समाधान निकालेगा, या फिर यह आंदोलन एक अनिश्चितकालीन धरने में बदल जाएगा। किसानों का कहना है कि वे तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक उनकी सभी जायज मांगें पूरी नहीं हो जातीं। यह घटना बाड़मेर में कृषि समुदाय के सामने आने वाली गहरी समस्याओं को। उजागर करती है और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करती है।