राजस्थान / रीट परीक्षा को लेकर बड़ा फैसला:जनरल वालों को कुछ नहीं

Zoom News : Dec 16, 2020, 07:32 PM
सामान्य वर्ग के परीक्षार्थियों को पास होने के लिए 60% जबकि बाकी को 55% मॉर्क्स लाना अनिवार्य होगा

लंबे अरसे से अटकी राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) को लेकर राज्य सरकार ने बड़ा फैसला किया है। प्रदेश के प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने बुधवार को इस परीक्षा के लिए न्यूनतम पासिंग मार्क्स जारी किए हैं। इसमें एसटी एससी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस व एमबीसी कैटेगिरी के अभ्यर्थियों को 5 प्रतिशत प्राप्तांकों में छूट देने का निर्णय किया है। जबकि सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को प्राप्तांको में राहत नहीं दी गई है। इससे पहले रीट परीक्षा में सभी कैटेगरी में न्यूनतम प्राप्तांक 60 प्रतिशत अंक थे।

नए आदेश के मुताबिक, रीट परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए सामान्य वर्ग के लिए न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य किया गया है। इसी तरह, अनुसूचित जनजाति (ST) व अनुसूचित जाति (SC), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), अति पिछड़ा वर्ग (MBC), आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग (EWS) कैटेगरी के परीक्षाथियों के लिए पास होने के लिए 55 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य किया गया है।

इसके अलावा सभी श्रेणी की विधवा, परित्यक्ता महिलाओं तथा भूतपूर्व सैनिकों के लिए 50 प्रतिशत, दिव्यांग श्रेणी में आने वाले सभी अभ्यर्थियों के लिए 40 प्रतिशत और सहरिया जनजाति के लिए सहरिया क्षेत्रों में 36 फीसदी प्राप्तांक लाना अनिवार्य किया है। वहीं, टीएसपी यानी ट्राइबल सब प्लान इलाके के एसटी के लिए 36 प्रतिशत प्राप्तांक अनिवार्य किया है।

प्रमाण पत्र की वैधता 3 वर्ष के लिए निर्धारित की

शिक्षा विभाग ने रीट प्रमाण पत्रों की वैधता 3 वर्ष के लिए निर्धारित की है। पहले छात्रों को उम्मीद थी कि यह प्रमाण पत्र आजीवन वैध रहेगा। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा आज इस आदेश की ट्वीट करते हुए बताया है कि परीक्षा के लिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को नोडल एजेंसी बनाया गया है। साथ ही, उन्होंने लिखा है कि बहुत जल्द ही रीट परीक्षाओं की तारीखों का भी ऐलान कर दिया जाएगा।


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