- भारत,
- 10-Sep-2025 09:21 PM IST
Nepal Protest: नेपाल में हाल ही में हुए तख्तापलट के बाद देश की सत्ता की कमान अब सेना के हाथों में है। इस राजनीतिक उथल-पुथल के बीच देश में अंतरिम सरकार के गठन और बातचीत की चर्चा जोरों पर है। सबसे महत्वपूर्ण खबर यह है कि सूत्रों के अनुसार, प्रदर्शनकारी समूह जेन जी ने देश की पहली महिला चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने का प्रस्ताव दिया है। जेन जी ने फोन पर सुशीला कार्की से संपर्क कर इस फैसले की जानकारी दी, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है।
सुशीला कार्की: नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने की राह पर
यह खबर नेपाल के लिए एक ऐतिहासिक क्षण हो सकता है। सुशीला कार्की, जो पहले ही देश की पहली महिला चीफ जस्टिस के रूप में इतिहास रच चुकी हैं, अब पहली महिला प्रधानमंत्री बनने की ओर अग्रसर हो सकती हैं। जेन जी ने अपनी हालिया बैठक में स्पष्ट कर दिया कि नई सरकार में दुर्गा परसाईं, रासपा, और राप्रपा जैसे राजनीतिक दलों का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। सत्ता की बागडोर पूरी तरह से सुशीला कार्की के हाथों में होगी।
सुशीला कार्की को ही क्यों चुना गया?
सुशीला कार्की का चयन कोई संयोग नहीं है। साल 2017 में प्रमुख राजनीतिक दलों ने उन पर पूर्वाग्रह और कार्यपालिका में हस्तक्षेप के आरोप लगाए थे। इसके चलते उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव भी लाया गया था। हालांकि, जनता के भारी समर्थन और सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद यह प्रस्ताव वापस ले लिया गया। इस घटना ने उनकी जनमानस में गहरी पैठ को स्पष्ट किया। सुशीला कार्की की निष्पक्षता, साहस और जनता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें इस भूमिका के लिए उपयुक्त उम्मीदवार बनाया।
सुशीला कार्की की लेखन यात्रा
सुशीला कार्की न केवल एक कुशल न्यायाधीश रही हैं, बल्कि एक लेखिका के रूप में भी उन्होंने अपनी पहचान बनाई है। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने दो पुस्तकें लिखीं। उनकी पहली किताब, ‘न्याय’, एक आत्मकथा है, जिसमें उन्होंने अपने जीवन, न्यायिक संघर्षों और राजनीतिक दबावों की कहानी को बयां किया है। दूसरी किताब, ‘कारा’, एक उपन्यास है, जो उनकी हिरासत के अनुभवों से प्रेरित है और महिलाओं के सामाजिक संघर्षों को उजागर करती है। इन रचनाओं ने उनकी संवेदनशीलता और सामाजिक मुद्दों के प्रति उनकी गहरी समझ को दर्शाया है।
नेपाल के लिए नया अध्याय
सुशीला कार्की के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन नेपाल के लिए एक नए युग की शुरुआत हो सकता है। उनकी निष्पक्ष छवि, जन समर्थन और अनुभव उन्हें इस चुनौतीपूर्ण समय में देश को एकजुट करने और स्थिरता प्रदान करने में सक्षम बना सकता है। जेन जी के इस फैसले ने न केवल राजनीतिक हलकों में हलचल मचाई है, बल्कि आम जनता में भी एक नई उम्मीद जगाई है।
आने वाले दिन नेपाल के लिए निर्णायक होंगे, और सभी की निगाहें सुशीला कार्की पर टिकी हैं, जो देश को इस संकट से उबारने की दिशा में एक नया इतिहास रच सकती हैं।
