बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान आज शाम 4 बजे दिल्ली के विज्ञान भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया जाएगा। चुनाव आयोग इस घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू कर देगा। चुनाव प्रक्रिया 22 नवंबर 2025 तक पूरी कर लेनी है और सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने निर्वाचन आयोग से छठ पर्व के बाद ही मतदान कराने की मांग की है, जिसे ध्यान में रखते हुए इस बार दो चरणों में वोटिंग होने की संभावना है। पिछले विधानसभा चुनाव 2020 में तीन चरणों में मतदान हुआ था, जबकि 2015 में पांच चरणों में वोटिंग हुई थी। 2020 में 20 अक्टूबर से 7 नवंबर तक मतदान हुआ था और 10 नवंबर को परिणाम घोषित हुए थे।
वोटर लिस्ट में बड़े बदलाव
मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने हाल ही में पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की सफलता पर जोर दिया था। उन्होंने बताया कि SIR के तहत मतदाता सूची में यह सबसे बड़ी पहल रही है। 30 सितंबर को जारी अंतिम सूची के अनुसार, बिहार में मतदाताओं की संख्या 6% घटकर 7. 41 करोड़ हो गई है। SIR में 69. 29 लाख नामों को हटाया गया है, जबकि 21. 53 लाख नए नाम जोड़े गए हैं। जिनके नाम-पते या उम्र में बदलाव हुआ है, उन्हें 15 दिन में नया वोटर कार्ड मिलेगा।
जमानत जब्त होने का इतिहास
2020 के विधानसभा चुनाव में 243 सीटों पर 3733 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था, जिनमें से 3205 उम्मीदवारों यानी 85% की जमानत जब्त हो गई थी। केवल 285 उम्मीदवार ही हार के बावजूद अपनी जमानत बचा पाए थे। उस चुनाव में 212 राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवार उतारे। थे, जिनमें 6 राष्ट्रीय और 4 क्षेत्रीय पार्टियां शामिल थीं। इसके अलावा 1299 निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में थे, जिनमें से केवल एक को ही जीत मिली थी।
प्रमुख दलों की चुनावी रणनीति
NDA ने स्पष्ट कर दिया है कि 2025 का विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व और चेहरे पर लड़ा जाएगा और बीजेपी के बड़े नेताओं ने भी इस पर मुहर लगा दी है। जेडीयू ने '2025 से 2030, फिर से नीतीश' का नारा दिया है। चिराग पासवान की LJP(R) और जीतन राम मांझी की HAM ने भी नीतीश के चेहरे पर चुनाव लड़ने पर सहमति जताई है। वहीं, महागठबंधन में मुख्यमंत्री का चेहरा अभी स्पष्ट नहीं है। RJD तेजस्वी यादव को CM फेस बता रही है, जिसका VIP और माले ने समर्थन किया है, लेकिन कांग्रेस ने खुलकर इसका समर्थन नहीं किया है। राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेता कह चुके हैं कि मुख्यमंत्री का चेहरा चुनाव जीतने के बाद गठबंधन द्वारा सामूहिक रूप से तय किया जाएगा।
नए दल और उम्मीदवार
इस बार 200 से अधिक राजनीतिक दलों के मैदान में उतरने की संभावना है और बिहार में अभी 184 राजनीतिक दलों का रजिस्ट्रेशन है। जन सुराज, तेजप्रताप यादव की जनशक्ति जनता दल, चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी और ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (150 सीटों पर) जैसे कई नए दल पहली बार पूर्ण रूप से चुनाव लड़ेंगे और आईपी गुप्ता ने इंडियन इंकलाब पार्टी का गठन किया है और वे सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर चुके हैं।