- भारत,
- 14-Aug-2020 08:14 AM IST
जयपुर. कांग्रेस सरकार में बगावत से उठे संकट के बाद फौरी तौर पर माहौल भले ही शांत हो गया है, लेकिन अब बीजेपी (BJP) खुद अपने ही विधायकों की वफादारी (Loyalty) परखेगी. बीजेपी पहले अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) लाने से साफ इनकार कर रही थी, लेकिन गुरुवार को अचानक पार्टी विधायक दल की बैठक में अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला लिया गया. इसके पीछे की कहानी कुछ और बताई जा रही है. बीजेपी अविश्वास प्रस्ताव के जरिये ये पता लगाने की कोशिश भी करेगी कि कहीं कोई विधायक अंदरखाने कांग्रेस के संपर्क में तो नहीं है.
प्रदेश में जब कांग्रेस में अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट के बीच जंग छिड़ी हुई थी और दोनों का टकराव चरम पर था, तब बीजेपी नेतृत्व ने अपनी पार्टी के विधायकों को बाड़ेबंदी के लिए बुलाया था. इस पर कई विधायकों ने ना-नुकर की तो संदेह गहरा गया था कि बीजेपी के कुछ नेता सरकार गिराने के पक्ष में नहीं हैं. यहां तक कि बीजेपी की सहयोगी पार्टी आरएलपी के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने तो यहां तक कह दिया था कि वसुंधरा राजे गहलोत सरकार को नहीं गिराना चाहती. उसके बाद बवाल मच गया था.
आज से शुरू होगा विधानसभा का विशेष सत्र
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में आज से विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है. इसमें बीजेपी गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है. बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि सरकार कई मुद्दों पर जूझ रही है. उनके विश्वास प्रस्ताव लाने की उम्मीद है, लेकिन हम भी अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए तैयार हैं. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि पार्टी ने पूरी तैयारी कर रखी है. उन्होंने कहा कि सरकार एक महीने से बाड़े में बंद है. प्रदेश में केंद्र सरकार की योजनाओं की अनदेखी की जा रही है. ये सरकार विरोधाभास की सरकार है
