AMAR UJALA : Apr 08, 2020, 09:56 AM
उत्तर प्रदेश के सीतापुर के जिला अस्पताल में आईसोलेशन वार्ड में भर्ती कोरोना पॉजिटिव एक मरीज ने बिरयानी नहीं मिलने पर जमकर हंगामा किया। हालांकि बाद में मौके पर पुलिस ने मरीज को शांत कराया।
आपको बता दें कि कोरोना पॉजिटिव पाए गए सात बांग्लादेशियों में से एक को जिला अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया था। देर रात मरीज ने इलाज में लगी स्वास्थ्य टीम से बिरयानी की मांग की। टीम ने बिरयानी नहीं होने की बात कही, इस पर पहले से डायबिटीज के मरीज ने दवा खाने से इनकार कर दिया। वह बिरयानी न मिलने तक दवा न खाने की जिद पर अड़ा रहा। काफी समझाने के बाद भी न मानने पर जिला अस्पताल से एक डॉक्टर रात में शहर कोतवाल अंबर सिंह को फोन कर जमाती की शिकायत की। इस पर कोतवाल ने पुलिस भेजकर जमाती को शांत कराया। इसके बाद स्वास्थ्य टीम जमाती को डायबिटीज की दवा खिला पाई। शहर कोतवाल अंबर सिंह ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव मरीज ने बिरयानी न मिलने पर डायबिटीज की दवा खाने से मना कर दिया था। काफी प्रयास के बाद उसे दवा खिलाई गई। मंगलवार सुबह जिला अस्पताल से उसे खैराबाद सीएचसी में भर्ती करा दिया गया है।
वहीं, निजामुद्दीन मरकज से लौटे महमूदाबाद के छह जमातियों के सैंपल को टेस्ट के लिए भेजा गया है। इनके अलावा खैराबाद में पॉजिटिव जमातियों के संपर्क में आने वाले तीन लोगों का सैंपल भेजा है। महमूदाबाद के नूरपुर निवासी छह मौलाना दिल्ली की निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात में गए थे, जहां से ये सभी 19 मार्च को लखनऊ पहुंचे। इसके बाद अमीनाबाद मरकज में कई दिन तक रुके। 22 मार्च को ये लोग घर पहुंचे।
इसकी जानकारी होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने 5 अप्रैल को सभी का महमूदाबाद सीएचसी में स्वास्थ्य परीक्षण कराकर मदरसे में क्वारंटीन किया था। इनके परिवार के सदस्यों की जांच कर घर में होम आइसोलेट किया था।
आपको बता दें कि कोरोना पॉजिटिव पाए गए सात बांग्लादेशियों में से एक को जिला अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया था। देर रात मरीज ने इलाज में लगी स्वास्थ्य टीम से बिरयानी की मांग की। टीम ने बिरयानी नहीं होने की बात कही, इस पर पहले से डायबिटीज के मरीज ने दवा खाने से इनकार कर दिया। वह बिरयानी न मिलने तक दवा न खाने की जिद पर अड़ा रहा। काफी समझाने के बाद भी न मानने पर जिला अस्पताल से एक डॉक्टर रात में शहर कोतवाल अंबर सिंह को फोन कर जमाती की शिकायत की। इस पर कोतवाल ने पुलिस भेजकर जमाती को शांत कराया। इसके बाद स्वास्थ्य टीम जमाती को डायबिटीज की दवा खिला पाई। शहर कोतवाल अंबर सिंह ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव मरीज ने बिरयानी न मिलने पर डायबिटीज की दवा खाने से मना कर दिया था। काफी प्रयास के बाद उसे दवा खिलाई गई। मंगलवार सुबह जिला अस्पताल से उसे खैराबाद सीएचसी में भर्ती करा दिया गया है।
वहीं, निजामुद्दीन मरकज से लौटे महमूदाबाद के छह जमातियों के सैंपल को टेस्ट के लिए भेजा गया है। इनके अलावा खैराबाद में पॉजिटिव जमातियों के संपर्क में आने वाले तीन लोगों का सैंपल भेजा है। महमूदाबाद के नूरपुर निवासी छह मौलाना दिल्ली की निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात में गए थे, जहां से ये सभी 19 मार्च को लखनऊ पहुंचे। इसके बाद अमीनाबाद मरकज में कई दिन तक रुके। 22 मार्च को ये लोग घर पहुंचे।
इसकी जानकारी होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने 5 अप्रैल को सभी का महमूदाबाद सीएचसी में स्वास्थ्य परीक्षण कराकर मदरसे में क्वारंटीन किया था। इनके परिवार के सदस्यों की जांच कर घर में होम आइसोलेट किया था।