Lockdown / राहुल ने कोरोना को लेकर केंद्र पर बोला हमला, कहा- वर्ल्ड वॉर के दौरान भी नहीं हुआ था लॉकडाउन

कोरोना वायरस के संकट से निपटने को लेकर मोदी सरकार पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हमला बोला है। कारोबारी राजीव बजाज से बात करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘वर्ल्ड वॉर के दौरान भी कोई लॉकडाउन नहीं हुआ था।’ राहुल ने कहा कि मैं नहीं मानता कि किसी ने भी सोचा होगा कि इस तरह से दुनिया लॉकडाउन हो जाएगी। विश्व युद्ध के दौरान भी दुनिया इस तरह से लॉकडाउन नहीं हुई थी।

Jansatta : Jun 04, 2020, 02:48 PM
Coronavirus: कोरोना वायरस के संकट से निपटने को लेकर मोदी सरकार पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हमला बोला है। कारोबारी राजीव बजाज से बात करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘वर्ल्ड वॉर के दौरान भी कोई लॉकडाउन नहीं हुआ था।’ राहुल ने कहा कि मैं नहीं मानता कि किसी ने भी सोचा होगा कि इस तरह से दुनिया लॉकडाउन हो जाएगी। विश्व युद्ध के दौरान भी दुनिया इस तरह से लॉकडाउन नहीं हुई थी। तब भी चीजें खुली हुई थीं। यह पूरी तरह से अलग और चीजों को बर्बाद करने वाला था।

आर्थिक सुस्ती को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि कोरोना के संकट से पहले ही अर्थव्यवस्था मंदी के दौर में थी। वायरस से पहले ही बेरोजगारी देश में एक बड़ी समस्या बन चुकी थी। अब कोरोना वायरस ने इस संकट को और बढ़ा दिया है। राहुल गांधी की इस टिप्पणी के जवाब में कारोबारी राजीव बजाज ने लॉकडाउन को गलत बताते हुए दावा किया कि भारत ही एकमात्र ऐसा देश था, जहां लोगों को बाहर निकलने तक की अनुमति नहीं दी गई।

बजाज ने कहा कि भारत में जिस तरह से लॉकडाउन लागू किया गया, वह बेहद दर्दनाक था। मैंने दुनिया में किसी से भी इस तरह के लॉकडाउन के बारे में नहीं सुना। विश्व भर में मेरे दोस्तों और परिजनों को बाहर निकलने की आजादी थी। राजीव बजाज ने कहा कि कोरोना संकट से निपटने के संदर्भ में भारत ने पश्चिमी देशों की ओर देखा और कठिन लॉकडाउन लगाने का प्रयास किया जिससे न तो संक्रमण का प्रसार रुका, उल्टे अर्थव्यवस्था तबाह हो गई।

राहुल गांधी के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से किए गए संवाद में बजाज ने यह भी कहा कि बहुत सारे अहम लोग बोलने से डरते हैं और ऐसे में हमें सहिष्णु और संवेदनशील रहने को लेकर भारत में कुछ चीजों में सुधार करने की जरूरत है। लॉकडाउन से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश हमने पश्चिम खासकर सुदूर पश्चिम की तरफ देखा और पूर्व की तरफ नहीं देखा।

उन्होंने कहा, ‘हमने कठिन लॉकडाउन लागू करने का प्रयास किया जिसमें खामियां थीं। इसलिए मुझे लगता है कि हमें आखिर में दोनों तरफ से नुकसान हुआ। इस तरह के लॉकडाउन के बाद वायरस मौजूद रहेगा। आप इस वायरस की समस्या से नहीं निपट पाए…. लेकिन इसके साथ अर्थव्यवस्था तबाह हो गई।’

बजाज ने कहा, ‘मुझे लगता है कि पहली समस्या लोगों के दिमाग से डर निकालने की है। इसे लेकर स्पष्ट विमर्श होना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘मझे लगता है कि लोग प्रधानमंत्री की सुनते हैं। ऐसे में अब (उन्हें) यह कहने की जरूरत है कि हम आगे बढ़ रहे हैं, सब नियंत्रण में है और संक्रमण से मत डरिए।’ सरकार की ओर से घोषित आर्थिक पैकेज पर बजाज ने कहा कि दुनिया के कई देशों में जो सरकारों ने दिया है उसमें से दो तिहाई लोगों के हाथ में गया है। लेकिन हमारे यहां सिर्फ 10 फीसदी ही लोगों के हाथ में गया है।