News18 : May 31, 2020, 09:31 PM
अहमदबाद। राज्य के अन्य जिलों की अपेक्षा गुजरात (Gujarat) के अहमदाबाद (Ahmedabad) में कोरोना वायरस (Coronavirus) के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। इस बीच अहमदाबाद सिविल अस्पताल (Ahmedbad Civil Hospital) की ओर से एक बार फिर से घोर लापरवाही सामने आई है। अहमदाबाद के निकोल क्षेत्र में रहने वाले एक मरीज देवरामभाई भिसिकर को कोरोना वायरस के संदिग्ध लक्षणों के साथ सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद अगले दिन दोपहर में ही उनकी मौत की खबर सामने आई। जिस दिन देवरामभाई की मौत हुई उसी दिन उनका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। परिवार को अंतिम संस्कार से पहले मरीज का चेहरा देखने की भी अनुमति नहीं दी गई। अगले दिन भिसिकर के घर पर सुबह अस्पताल से फोन आया कि मरीज को ठीक होने पर सामान्य वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा है। जिसके बाद उनका परिवार इस उलझन में पड़ गया कि उनके परिजन जीवित हैं या नहीं।उलझन में पड़ा पूरा परिवारजब News18 गुजराती ने देवरामभाई के परिवार से बात की, तो उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए कहा, "हम अभी भी इस उलझन में हैं कि देवरामभाई जीवित है या नहीं और वह कौन व्यक्ति था जिसका हमने अंतिम संस्कार किया था।" परिवार के सबसे बड़े दामाद ने बताया कि "28 तारीख को हमारे रिश्तेदार को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अगले दिन दोपहर 2।55 बजे उनकी मौत की खबर हमें मिली। जिसके बाद हम दो परिवारों ने जाकर दोपहर चार बजे उनका अंतिम संस्कार कर दिया। इस दुखद समाचार से हमारा पूरा परिवार तबाह हो गया।"अस्पताल के फोन से फिर भ्रमित हुए परिजनइसके बाद अगली सुबह अस्पताल से एक और फोन आया जिसमें कहा गया कि आपके रिश्तेदार का स्वास्थ्य बेहतर हो रहा है इसलिए हमने उन्हें सामान्य वॉर्ड में शिफ्ट कर दिया है। यह सुनकर, सभी लोग हैरान रह गए कि एक दिन पहले किसका अंतिम संस्कार किया गया था। देवरामभाई के दामाद ने कहा कि यह सुनकर मेरी सास की तबीयत खराब हो गई। बमुश्किल सब कुछ संभालते हुए, हम अस्पताल पहुंचे और पूछताछ की कि हमारे रिश्तेदार कहां हैं। जिसपर अस्पताल से जवाब मिला कि आपने ही कल उनका अंतिम संस्कार किया था। फोन की बात पर अस्पताल की ओर से कहा गया कि सुबह गलती से फोन आ गया होगा।उन्होंने बताया कि अस्पताल से जवाब पाकर हम वापस अपने घर चले गए कुछ समय बाद फिर से अस्पताल से फोन आया कि आपके रिश्तेदार की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव थी और उनकी तबियत भी ठीक है। अस्पताल की ओर से यह बताया गया कि उनके परिजन को अगले दिन छुट्टी दे दी जाएगी। जिसके बाद फिर देवराम के दामाद ने फोन करने वाली महिला को पूछा कि डेटा कब अपडेट होता है और फिर परिवार ने बताया क देवराम की तो कल ही मौत हो चुकी है।अस्पताल ने स्वीकारी अपनी गलतीइस पूरे मामले पर अहमदाबाद सिविल अस्पताल के निदेशक, डॉ। शशांक पंड्या ने कहा कि जब देवरामभाई सिविल अस्पताल में आए थे, तब उनकी शुगर 500 के आसपास थी, इसी वजह से उनकी मौत हो गई। डॉ पंड्या ने कहा कि इस रोगी से जुड़ी पूरी प्रक्रिया को कोरोना रोगी के रूप में किया गया क्योंकि अभी उनकी कोरोना रिपोर्ट लंबित है। परिवार को सूचित किया गया कि देवरामभाई की रिपोर्ट नकारात्मक थी। हालांकि अस्पताल की ओर से ये स्वीकार कर लिया गया कि इस पूरे मामले में कोई मिस कम्युनिकेशन हुई थी जिसके चलते ऐसा हो सकता है।