जयपुर / साइबर अपराधी होंगे हैक; पुलिस हायर करेगी प्राइवेट एक्सपर्ट, हर महीने 3 लाख खर्च आएगा

Dainik Bhaskar : Sep 08, 2019, 08:38 AM
जयपुर. साइबर अपराधियाें काे पकड़ने के लिए अब जयपुर कमिश्नरेट की पुलिस प्राइवेट एक्सपर्ट काे हायर करेगी। पुलिस थानाें में साइबर एक्सपर्ट नहीं हाेने और तकनीकी से अनजान हाेने के कारण पुलिसकर्मी साइबर अपराधियाें तक नहीं पहुंच पा रही है। ऐसे में अब लाेगाें के बैंक खाताें से ऑनलाइन पैसे निकालने वाले बदमाशाें काे पकड़ने के लिए साइबर सेेल में पांच प्राइवेट एक्सपर्ट की मदद लेगी।

जयपुर कमिश्नरेट के अधिकारियाें ने प्राइवेट एक्सपर्ट काे हायर करने के लिए पुलिस मुख्यालय काे प्रस्ताव बनाकर भेजा है। इसके लिए पुलिस मुख्यालय से सालाना बजट भी मांगा है। अपराधियाें काे पकड़ने वाले प्राइवेट एक्सपर्ट काे हर माह तीन लाख रुपए का भुगतान किया जाएगा। पुलिस मुख्यालय की मंजूरी मिलने के बाद प्राइवेट एक्सपर्ट काे बुलाया जाएगा।

डेढ़ साल में 950 मुकदमे दर्ज हुए

65 पुलिस थाने हैं जयपुर पुलिस कमिश्नरेट में। लेकिन एक भी थाने में साइबर अपराधियाें काे पकड़ने के लिए तकनीकी के एक्सपर्ट पुलिसकर्मी नहीं है।

जबकि पिछले पांच साल से पुलिस मुख्यालय में हाेने वाली मीटिंग में थानाें में जल्द ही साइबर एक्सपर्ट लगाने के दावे किए जाते है।

950 से ज्यादा अपराधिक मुकदमे दर्ज हुए हैं जयपुर शहर में पिछले डेढ़ साल में आईटी एक्ट में।

350 मुकदमे दर्ज हाे चुके हैं, इस साल अब तक।

इन सभी प्रकरणाें में से पुलिस ने नाम मात्र के मुकदमाें में साइबर ठगी करने वाले बदमाशाें काे गिरफ्तार किया है।

जबकि 700 से ज्यादा मामलाें में तकनीकी जानकारी नहीं हाेने से पुलिस बदमाशाें तक नहीं पहुंच पाई।

इस तरह से करते है साइबर बदमाश ठगी

पड़ताल में सामने आया कि जयपुर शहर में राेजाना 4 से 5 लाेगाें के साथ साइबर ठगी हाे रही है। बदमाशाें द्वारा अाॅनलाइन वाहनाें की खरीद-फराेख्त, एटीएम और डेबिट कार्ड काे अपडेट करने, ऑन लाइन नाैकरी दिलाने, ईनाम व लाॅटरी निकलने और ई-कॉमर्शियल वेबसाइट से खरीददारी के नाम पर लाेगाें के साथ ठगी की जाती है।

मंजूरी मिलने के बाद कार्रवाई करेंगे

साइबर सेल काे मजबूत बनाया जाएगा। ऐसे अपराधियाें काे पकड़ने के लिए प्राइवेट एक्सपर्ट काे हायर किया जाएगा। इसके लिए पुलिस मुख्यालय काे प्रस्ताव भेजा गया है। मंजूरी मिलने के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे। - संताेष चालके, एडिशनल पुलिस कमिश्नर

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