जयपुर / राजस्थान के कुख्यात डकैत जगन गुर्जर ने धौलपुर में किया आत्मसमर्पण

Dainik Bhaskar : Jun 28, 2019, 10:44 AM
जयपुर. धौलपुर जिले के एक गांव में 12 जून को दो महिलाओं से मारपीट कर उन्हें निर्वस्त्र घुमाने के बाद चंबल के बीहड़ों में छिपे कुख्यात डकैत जगन गुर्जर ने शुक्रवार को सरेंडर कर दिया। एसपी धौलपुर के सामने जगन ने अकेले ही समर्पण किया। जगन ने गुरुवार रात भास्कर को फोन कर सरेंडर करने की बात कही थी। उसने फोन पर बताया था कि पुलिस से बात हो गई है। पुलिस की टाेली में उसके समाज के लाेग हैं, जिन पर भरोसा करते हुए वह सरेंडर के लिए राजी है। उम्मीद है कि धाेखा नहीं मिलेगा। अगर एनकाउंटर हुआ ताे अलविदा समझें।

जगन ने महिलाओं से बर्बरता के आरोपों को खारिज किया था। कहा- उसने ऐसा नहीं किया। ग्रामीणों ने ही उसे उकसाया था, इसलिए मारपीट जरूर की थी। घटना के बाद तीन राज्यों की पुलिस चंबल की बीहड़ों में छिपे जगन  को तलाश रही थी। कई बार डकैतों और पुलिस में मुठभेड़ हुई। जगन पर 40 हजार का इनाम भी पुलिस ने रखा था। नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल लोकसभा में उसके एनकाउंटर की मांग की थी। जगन ने चौथी बार सरेंडर किया है।

जगन काे सरेंडर कराने के लिए पूर्व विधायक भैराेंसिह गुर्जर सहित कई लाेग मध्यस्थता कर रहे थे। पढ़िए भास्कर संवाददाता हर्ष खटाना से पूरी बातचीत...

भास्कर: महिलाओं से मारपीट और उन्हें निर्वस्त्र कर घुमाने का आराेप है। तुम्हारी तीन पत्नियों और बेटियाें से काेई ऐसा करे तो? 

जगन: मैं देवताओं की सौगंध काे तैयार हूं, किसी महिला के कपड़े नहीं फाड़े। हां, कुछ लाेगाें के हाथ-पैर ताेड़ने के लिए विरोधियों के घर जरूर गया था, लेकिन घर के मर्द बाहर थे। लड़काें और उनके परिवार से धक्का-मुक्की हुई, लेकिन महिलाओं काे टारगेट नहीं किया। बच्चाें को भी कुछ नहीं कहा। सिर्फ गालियां दी थी। मेरे घर भी तीन पत्नियां, दाे बेटियां, दाे बेटे हैं। गांव में मेरा राजनीतिक और कई मुद्दाें काे लेकर विराेध है। ये मुझे जेल में ही रखना चाहते हैं।

भास्कर: सांसद हनुमान बेनीवाल ने पहली बार किसी डकैत के एनकाउंटर की मांग सदन में उठाई है। डर गए क्या?

जगन: मैं गलत आदमी नहीं हूं, कई लाेगाें की मदद करता हूं। अपराध की दुनिया से आया हूं, लेकिन जिसने मांग उठाई है वह भी पाक-साफ नहीं।

भास्कर: तुम निर्दाेष थे ताे भागे क्याें? फायरिंग क्याें कराई?

जगन: सरेंडर करके सब बता दूंगा। फायरिंग का जवाब फायरिंग से देना बीहड़ में मजबूरी रही। ऐसा नहीं हाेता ताे कई बेकसूर मारे जाते। अब भी कई लाेग बच जाएं, इसलिए सरेंडर कर रहा हूं।

भास्कर: तुम्हारी गुंडगर्दी के वीडियाे वायरल हाे गए? 

जगन: 2 जून काे मेरी बेटी हाॅस्पिटल में थी। मैंने दुकानदार से पानी का पाउच खरीदा था और उसे 500 रु. दिए। चेंज को लेकर झगड़ा हुआ। मुझे पांच-सात लाेगाें ने पीटा था। तब मेरे पास हथियार नहीं था। दूसरे दिन मैंने कुछ लाेगाें से मारपीट की और एक दुकान में ताेड़फाेड़ की थी।

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