India-Canada Relations / क्या निज्जर केस पर मोदी से हुई बात? कनाडा के PM कार्नी ने दिया ये जवाब

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 51वें जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए कनाडा दौरे पर रहे, जहां उन्होंने कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से मुलाकात की। बैठक में निज्जर मुद्दा उठा, जिस पर कार्नी ने सतर्क प्रतिक्रिया दी। मोदी ने आतंकवाद पर दोहरे मापदंड और ग्लोबल साउथ की चुनौतियों पर चिंता जताई।

India-Canada Relations: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में 51वें जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने कनाडा के कनानास्किस पहुँचे, जहाँ उन्होंने दुनिया के कई शीर्ष नेताओं से बातचीत की। लेकिन सबसे अहम और प्रतीकात्मक मुलाकात कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ रही। बीते कुछ वर्षों से भारत-कनाडा संबंधों में गहरा तनाव रहा है, और इस बैठक को दोनों देशों के रिश्तों में संभावित सुधार की दिशा में पहला कदम माना जा रहा है।

निज्जर मुद्दे पर कार्नी की सतर्क टिप्पणी

बैठक के दौरान जब खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और उससे जुड़े विवाद को लेकर सवाल उठाया गया, तो पीएम कार्नी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि "इस विषय पर न्यायिक प्रक्रिया चल रही है, इसलिए इस पर कुछ भी कहने से पहले सावधानी बरतनी ज़रूरी है।" उन्होंने कानून, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और आतंकवाद के दमन पर भारत के साथ संवाद को महत्वपूर्ण बताया।

यह बयान पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के उस आरोप से भिन्न था, जिसमें उन्होंने भारत सरकार पर निज्जर की हत्या में संलिप्त होने का आरोप लगाया था। ट्रूडो के इस आरोप के बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए थे, यहाँ तक कि राजनयिकों की वापसी और निष्कासन तक की नौबत आ गई थी।

आतंकवाद पर पीएम मोदी का सख्त रुख

जी-7 मंच से पीएम मोदी ने आतंकवाद को मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन करार दिया और इस विषय पर वैश्विक दोहरे मापदंडों की आलोचना की। उन्होंने कहा, "आतंकवाद पर दोहरा रवैया नहीं चल सकता। जो देश आतंकवाद को समर्थन देते हैं, उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी।"

उन्होंने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले को हर भारतीय की आत्मा पर हमला बताया और यह भी जोड़ा कि "ग्लोबल साउथ" — यानी विकासशील राष्ट्र — ऐसे संघर्षों से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। भारत इन देशों की आवाज़ बनकर उनकी प्राथमिकताओं को वैश्विक मंचों पर लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

वैश्विक संकटों पर साझा चिंता

कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने भी मध्य पूर्व में शांति की आवश्यकता को रेखांकित किया और ईरान को क्षेत्रीय अस्थिरता का मुख्य स्रोत बताया। उन्होंने दोहराया कि ईरान को किसी भी सूरत में परमाणु हथियार नहीं हासिल करने देना चाहिए।