देश / बीजेपी ने दिलीप घोष और बेबी रानी मौर्या को बनाया पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बताया है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने तत्काल प्रभाव से पश्चिम बंगाल से सांसद दिलीप घोष और उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्या को बीजेपी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया है। वहीं, बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में दिलीप घोष की जगह सांसद सुकांता मजूमदार को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है।

Vikrant Shekhawat : Sep 21, 2021, 08:57 AM
West Bengal News: दिलीप घोष को पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष पद से पार्टी ने हटा दिया है. उन्हें बीजेपी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है. दिलीप घोष की जगह डॉ सुकांता मजूमदार को बंगाल बीजेपी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. मजूमदार बालूरघाट से सांसद हैं. दिलीप घोष घोष को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लगातार दूसरी बार प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

प्रदेश अध्यक्ष के रूप में घोष का कार्यकाल समाप्त होने में अभी 15 महीने (सवा साल) का वक्त था. पार्टी सूत्रों के अनुसार, बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष के रूप में मजूमदार के नाम को लेकर पिछले कुछ महीनों से चर्चा चल रही थी. 

बॉटनी से पीएचडी 41 वर्षीय मजूमदार के घोष के साथ करीबी संबंध हैं. उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं यह अवसर देने के लिए पार्टी नेतृत्व को धन्यवाद देता हूं. पार्टी पिछले कुछ साल में और मजबूत हुई है. मैं इसकी नींव और मजबूत बनाने पर काम करुंगा.’’

पार्टी के फैसले के बाद बंगाल विधानसभा में नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने ट्वीट कर दिलीप घोष और और मजूमदार को बधाई दी. उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि दोनों पार्टी को मजबूत करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देंगे.

बता दें कि बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी के चार विधायक और एक सांसद टीएमसी में शामिल हो चुके हैं. सोमवार को ही बाबुल सुप्रियो ने कहा कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष पार्टी की विधानसभा चुनाव में हार के लिए आंशिक रूप से जिम्मेदार हैं.

उन्होंने कहा, "चुनाव प्रचार के दौरान उनकी टिप्पणियां विद्यासागर, रवींद्रनाथ टैगोर और सत्यजीत रे की संस्कृति के साथ मेल नहीं खाती थीं. बंगाली जनमानस में पार्टी के पतन में यह भी एक कारण रहा."

जुलाई में केंद्रीय मंत्री पद से हटाए जाने के बाद राजनीति छोड़ने की घोषणा करने वाले बाबुल सुप्रियो ने 18 सितंबर को टीएमसी का दामन थाम लिया था. इससे पहले दो मई को नतीजे आने के कुछ दिनों बाद ही मुकल रॉय बीजेपी छोड़कर टीएमसी में शामिल हो गए थे.