- भारत,
- 30-Jul-2025 07:20 PM IST
ITR 2025: 30 जुलाई 2025 को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसके तहत अब ITR-3 फॉर्म को ऑनलाइन भरा जा सकता है। इस नई सुविधा से उन लोगों को काफी राहत मिलेगी जो शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते हैं (जैसे फ्यूचर्स और ऑप्शन्स – F&O), कोई बिजनेस चलाते हैं, या अनलिस्टेड शेयरों (जैसे NSE के शेयर) में निवेश करते हैं। अब ये करदाता सीधे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ITR-3 फॉर्म ऑनलाइन भर सकते हैं।
ITR-3 फॉर्म किसके लिए है?
ITR-3 फॉर्म उन व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों (HUFs) के लिए है, जिन्हें बिजनेस या प्रोफेशन से लाभ या हानि होती है। इसे एक "कॉम्प्रिहेंसिव" या "मास्टर फॉर्म" के रूप में जाना जाता है, क्योंकि यह विभिन्न प्रकार की आय को एक ही जगह पर रिपोर्ट करने की सुविधा प्रदान करता है।
ITR-3 फॉर्म कौन भर सकता है?
ITR-3 फॉर्म निम्नलिखित करदाताओं के लिए उपयुक्त है:
शेयर ट्रेडिंग या F&O से आय (स्पेक्युलेटिव या नॉन-स्पेक्युलेटिव)
अनलिस्टेड इक्विटी शेयरों में निवेश
फर्म में पार्टनर के रूप में आय
वेतन, पेंशन, हाउस प्रॉपर्टी, या अन्य स्रोतों से आय
विदेशी आय या विदेशी संपत्ति
जिनकी कुल आय ₹50 लाख से अधिक है
जो ITR-1, ITR-2, या ITR-4 भरने के पात्र नहीं हैं
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ITR-3 में मुख्य बदलाव
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ITR-3 फॉर्म में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जो निम्नलिखित हैं:
1. कैपिटल गेन की नई रिपोर्टिंग
अब शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन को 23 जुलाई 2024 से पहले और बाद की तारीखों के आधार पर अलग-अलग रिपोर्ट करना अनिवार्य है।
2. बायबैक पर नुकसान की रिपोर्टिंग
यदि शेयर बायबैक के कारण कैपिटल नुकसान हुआ है और संबंधित डिविडेंड आय को "अन्य स्रोतों" में दिखाया गया है, तो करदाता इस नुकसान को क्लेम कर सकते हैं।
3. इनकम लिमिट में बदलाव
अब अगर कुल वार्षिक आय ₹1 करोड़ से अधिक है (पहले यह सीमा ₹50 लाख थी), तो संपत्ति और देनदारियों (लायबिलिटी) की विस्तृत जानकारी देना अनिवार्य होगा।
4. TDS सेक्शन कोड की अनिवार्यता
Schedule-TDS में अब TDS कटौती के सेक्शन कोड को स्पष्ट रूप से दर्ज करना होगा।
5. टैक्स रिजीम विकल्प (Form 10-IEA)
करदाताओं को यह बताना होगा कि उन्होंने पिछले वर्ष नया टैक्स रिजीम चुना था या नहीं, और इस वर्ष वे कौन सा टैक्स रिजीम अपनाना चाहते हैं।
6. कैपिटल गेन में बदलाव
23 जुलाई 2024 से पहले और बाद की कैपिटल गेन एक्सचेंज को अलग-अलग दर्ज करना होगा।
7. Indexation की जानकारी
यदि जमीन या इमारत 23 जुलाई 2024 से पहले बेची गई है, तो अधिग्रहण लागत और सुधार लागत को अलग से दर्ज करना होगा। साथ ही, यदि आय ₹1 करोड़ से अधिक है, तो संपत्ति और देनदारियों की जानकारी देना अनिवार्य है।
8. डिविडेंड आय की नई लाइन
कंपनी बायबैक से प्राप्त डिविडेंड आय को Section 2(22)(f) के अंतर्गत अलग से दिखाना होगा।
9. शेयर बायबैक पर नुकसान की रिपोर्टिंग
एक नई लाइन जोड़ी गई है, जिसमें करदाता कंपनी बायबैक के कारण हुए पूंजीगत नुकसान को दिखा सकते हैं।
