ITR Refund Delay / खाते में अब तक नहीं आए पैसे? बस 2 मिनट में ऐसे चेक करें स्टेटस, कहीं ये गलती तो नहीं कर दी?

करोड़ों करदाताओं का ITR रिफंड अब तक खाते में नहीं आया है। आप ई-फाइलिंग पोर्टल या NSDL वेबसाइट पर PAN के ज़रिए आसानी से स्टेटस चेक कर सकते हैं। बैंक अकाउंट प्री-वैलिडेट न होना या PAN-आधार लिंक न होने से देरी हो सकती है। रिफंड फेल होने पर पोर्टल पर 'Refund Re-issue Request' दर्ज करें।

इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने का सीजन समाप्त हो चुका है, और लाखों करदाताओं के लिए अब भी एक महत्वपूर्ण इंतजार जारी है। यह इंतजार है उनके आयकर रिफंड का, जो उनकी मेहनत की कमाई का वह हिस्सा है जो उन्होंने सरकार को अतिरिक्त कर के रूप में चुका दिया था और यदि आपने भी अपना रिटर्न समय पर दाखिल कर दिया है और ई-वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है, लेकिन आपके मोबाइल पर अभी तक "Your Account has been Credited" का संदेश नहीं आया है, तो यह स्वाभाविक है कि आपके मन में कई सवाल उठ रहे होंगे। क्या आपका रिफंड अटक गया है? क्या रिटर्न फॉर्म भरते समय कोई गलती हो गई थी? आपको इन चिंताओं से घबराने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि रिफंड में देरी होना एक सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा हो सकता है और हालांकि, निष्क्रिय होकर बैठने से भी समस्या का समाधान नहीं होगा। अब आप अपने स्मार्टफोन या लैपटॉप का उपयोग करके घर बैठे ही आसानी से यह पता लगा सकते हैं कि आपका रिफंड आखिर किस वजह से रुका हुआ है और उसे प्राप्त करने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।

रिफंड क्या है और इसमें कितना समय लगता है?

जब किसी वित्तीय वर्ष के दौरान आप अपनी वास्तविक कर देनदारी से अधिक कर का भुगतान कर देते हैं, चाहे वह टीडीएस (TDS) के रूप में हो, अग्रिम कर (Advance Tax) हो, या स्व-मूल्यांकन कर (Self-Assessment Tax) हो, तो आयकर विभाग गणना करने के बाद उस अतिरिक्त राशि को आपको वापस कर देता है। यह प्रक्रिया करदाताओं के लिए एक महत्वपूर्ण राहत होती है। आमतौर पर, जब आप अपना रिटर्न सफलतापूर्वक ई-वेरिफाई कर देते हैं, तो उसके 4 से 5 सप्ताह के भीतर रिफंड की प्रक्रिया पूरी हो जाती है और वह सीधे आपके बैंक खाते में जमा हो जाता है। विभाग ने अपनी प्रक्रिया को अब काफी तेज और अधिक पारदर्शी बना दिया। है, जिससे करदाताओं को पहले से कम समय में रिफंड मिल जाता है। लेकिन, यदि यह निर्धारित समय सीमा पार हो चुकी है और आपको अभी तक अपना पैसा प्राप्त नहीं हुआ है, तो आपको बिना किसी देरी के तुरंत अपने रिफंड का स्टेटस चेक करना चाहिए।

ITR रिफंड स्टेटस चेक करने का पहला तरीका: ई-फाइलिंग पोर्टल

अपने आयकर रिफंड की स्थिति की जांच करने का सबसे विश्वसनीय और विस्तृत तरीका आयकर विभाग का आधिकारिक ई-फाइलिंग पोर्टल है और यह तरीका आपको न केवल आपके रिफंड की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करता है, बल्कि यदि कोई समस्या है तो उसके समाधान के लिए भी आवश्यक सुझाव देता है। सबसे पहले, आपको आयकर विभाग के आधिकारिक ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाना होगा और वहां पहुंचने के बाद, आपको अपने पैन (PAN) नंबर, पासवर्ड और कैप्चा कोड का उपयोग करके लॉग इन करना होगा। डैशबोर्ड खुलने पर, आपको 'e-File' मेनू पर क्लिक करना होगा और फिर 'Income Tax Returns' का विकल्प चुनना होगा। इसके बाद, 'View Filed Returns' के विकल्प पर जाएं। यहां आपको आपके द्वारा फाइल किए गए सभी रिटर्न की सूची दिखाई देगी। वर्तमान असेसमेंट ईयर (Assessment Year) का चयन करें और 'View Details' पर क्लिक करें।

इस सेक्शन में आपको अपने रिफंड से संबंधित पूरी जानकारी मिल जाएगी, जैसे कि रिफंड प्रोसेस हुआ है या नहीं, कितनी रकम आनी है, और यदि भेज दी गई है तो किस तारीख को और किस भुगतान के तरीके से। यदि आप ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग इन करने की लंबी प्रक्रिया से बचना चाहते हैं, तो NSDL-TIN की वेबसाइट एक त्वरित और सुविधाजनक विकल्प प्रदान करती है और यह तरीका उन करदाताओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो केवल यह जानना चाहते हैं कि उनका रिफंड बैंकर को भेजा गया है या नहीं। इस तरीके का उपयोग करने के लिए, आपको सीधे NSDL-TIN की रिफंड ट्रैकिंग पेज पर जाना होगा। वहां पहुंचने के बाद, आपको बस अपना पैन नंबर और संबंधित असेसमेंट ईयर दर्ज करना होगा और जानकारी दर्ज करने के बाद, 'Proceed' बटन पर क्लिक करें। क्लिक करते ही, आपको तुरंत पता चल जाएगा कि आपका रिफंड बैंकर को भेजा गया है या नहीं, जिससे आपको अपनी स्थिति का एक त्वरित अवलोकन मिल जाएगा।

रिफंड में देरी के सामान्य कारण

सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि आखिर रिफंड में देरी क्यों होती है? अक्सर, आयकर विभाग की तरफ से सभी प्रक्रियाएं ठीक होती हैं, लेकिन करदाता की ओर से की गई कुछ छोटी सी चूक या अधूरी जानकारी पैसे को रोक देती है। इन सामान्य कारणों को समझना महत्वपूर्ण है ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचा जा सके। पहला और सबसे आम कारण है 'बैंक खाता प्री-वैलिडेट न होना'। यदि आपका बैंक खाता आयकर विभाग के साथ प्री-वैलिडेट नहीं है, तो रिफंड की राशि आपके खाते में जमा नहीं हो पाएगी। दूसरा महत्वपूर्ण कारण है 'पैन-आधार लिंक न होना'। यदि आपका पैन कार्ड और आधार कार्ड आपस में लिंक नहीं हैं, तो आयकर विभाग आपके रिफंड को प्रोसेस नहीं कर पाएगा और तीसरा कारण 'IFSC कोड में बदलाव' हो सकता है। बैंक मर्जर के कारण कई बैंकों के IFSC कोड बदल गए हैं; यदि आपने अपने बैंक खाते की जानकारी अपडेट नहीं की है, तो रिफंड फेल हो सकता है। अंत में, 'नाम में अंतर' भी एक बड़ी वजह है। आपके बैंक खाते और पैन कार्ड में नाम की स्पेलिंग में जरा सा भी अंतर रिफंड को रोक सकता है, क्योंकि विभाग सटीक मिलान की अपेक्षा करता है।

पैसा अटक जाए तो क्या करें?

यदि स्टेटस चेक करने पर आपको पता चलता है कि गलत बैंक जानकारी की वजह। से आपका रिफंड फेल हो गया है, तो आपको निराश होने की आवश्यकता नहीं है। आयकर विभाग आपको इस गलती को सुधारने का मौका देता है। इस स्थिति में, आपको तुरंत ई-फाइलिंग पोर्टल पर वापस जाना होगा और वहां, 'Services' टैब में जाएं और 'Refund Re-issue' का विकल्प चुनें। इस विकल्प के माध्यम से, आप अपनी सही बैंक डिटेल्स को अपडेट कर सकते हैं और रिफंड को फिर से जारी करने के लिए एक रिक्वेस्ट सबमिट कर सकते हैं। इसके अलावा, स्टेटस के तकनीकी शब्दों पर भी गौर करना महत्वपूर्ण है और यदि स्टेटस 'Defective' दिख रहा है, तो इसका मतलब है कि आपके द्वारा भरे गए फॉर्म में कोई गलती है जिसे सुधारना होगा। वहीं, यदि स्टेटस 'Processed' दिख रहा है, तो इसका मतलब है कि आपका रिफंड सफलतापूर्वक प्रोसेस हो चुका है और पैसा जल्द ही आपके बैंक खाते में आ जाएगा। इन कदमों का पालन करके आप अपने रिफंड की स्थिति को समझ सकते हैं और आवश्यक सुधार कर सकते हैं।