Sikkim Flood / तीस्ता नदी में फिर आ सकती है बाढ़, टला नहीं खतरा- अभी भी 100 से ज्यादा लोग लापता

Zoom News : Oct 06, 2023, 07:32 AM
Sikkim Flood: सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ के बाद तबाही मची हुई है. तबाही में अब तक 19 लोगों के शव बरामद किए गए हैं, जबकि 100 से ज्यादा लोग लापता हैं. वहीं सेना और एनडीआरएफ टीम लापता लोगों की तलाश में जुटी है. मुख्य सचिव वीबी पाठक ने कहा कि उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील में बुधवार तड़के अचानक आई बाढ़ की त्रासदी में अब तक 19 शव बरामद किए जा चुके हैं.

इसके अलावा सिक्किम में आई तबाही अभी थमी भी नहीं है कि प्रशासन ने एक बार फिर बड़ा अलर्ट जारी कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक अलर्ट एक और ग्लेशियल झील शाकू चू के लिए है. बताया जा रहा है कि सैटेलाइट डाटा के आधार पर ऐसा माना जा रहा है कि पानी के ओवरफ्लो से झील फट सकती है. अगर ऐसा हुआ तो तीस्ता में आई बाढ़ एक बार फिर तबाही मचाएगी. सिक्किम में खराब मौसम के कारण सभी सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज और युनिवर्सिटी 15 अक्टूबर तक बंद रहेंगे.

अब तक की बड़ी अपडेट्स

  • सिक्किम में अचानक आई बाढ़ के कारण मची तबाही के बीच सरकार ने यहां जाने की योजना बना रहे लोगों से स्थिति सामान्य होने तक अपने कार्यक्रम स्थगित करने की अपील की है. राज्य प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित मंगन जिले में फंसे लोगों से भी अनुरोध किया कि वे घबराएं नहीं क्योंकि शुक्रवार से रेस्क्यू शुरू किया जाएगा.
  • पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने अपने एक बयान में कहा कि 18 शवों में से चार की पहचान जवानों के रूप में की गई है. हालांकि, यह साफ नहीं है कि क्या वे लापता 22 जवानों में से चार के शव हैं.
  • वहीं बता दें कि घायल हुए 26 लोग सिक्किम के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं. सिक्किम एसएसडीएमए ने बताया कि आपदा के बाद से अब तक 2,011 लोगों को बचाया गया है, जबकि 22,034 लोग इससे प्रभावित हुए हैं.
  • मुख्य सचिव वीबी पाठक ने कहा कि उन्हें सेना की 27वीं माउंटेन डिवीजन के अधिकारियों ने जानकारी किया कि उत्तरी सिक्किम में लाचेन, लाचुंग और आसपास के क्षेत्रों में फंसे पर्यटक सुरक्षित हैं. अनुमान के मुताबिक, विदेशी नागरिकों समेत तीन हजार से अधिक पर्यटक सिक्किम के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हैं.
  • वीबी पाठक ने कहा कि सेना ने अपनी दूरसंचार सेवा सक्रिय की और कई पर्यटकों को उनके चिंतित परिवार के सदस्यों से बात करायी. उन्होंने कहा कि फंसे हुए पर्यटकों को निकालना प्राथमिकता है और उन्हें मंगन तक हवाई मार्ग से ले जाने का निर्णय लिया गया है, जहां से उन्हें सड़क मार्ग से सिक्किम लाया जाएगा.
  • मुख्य सचिव ने कहा कि अगर मौसम अच्छा रहा तो लाचेन और लाचुंग में फंसे पर्यटकों को आज निकाला जाएगा. उन्होंने कहा कि एयरफोर्ट और सेना के हेलीकॉप्टर लाचेन, लाचुंग और चुंगथांग के लिए उड़ान भरने के लिए तैयार थे, लेकिन खराब मौसम के कारण ऐसा नहीं हो सका. उत्तरी सिक्किम में स्थानीय लोगों को निकालने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए एनडीआरएफ की प्लाटून भी तैयार हैं.
  • मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने प्रभावित इलाकों में से एक सिंगताम का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की. उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि सरकार उनके पुनर्वास के लिए सभी आवश्यक उपाय कर रही है.
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे बचाव दल दिन-रात काम कर रहे हैं. उन्होंने प्रशासन, स्थानीय अधिकारियों, सभी संगठनों तथा व्यक्तियों से एकजुटता और सहयोग की भावना से मिलकर काम करने की अपील की.
  • उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ के कारण चुंगथांग बांध से निकले पानी के तेज बहाव ने बिजली संयंत्रों को नष्ट कर दिया और निचले इलाकों में बसे शहरों और गांवों में बाढ़ आ गई. अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सहयोग मांगा है.
  • बाढ़ से सिक्किम में 11 पुल बह गए हैं. इसमें अकेले मंगन जिले के आठ पुल शामिल हैं. वहीं, नामचि में दो और गंगटोक में एक पुल बह गया. राज्य के चार प्रभावित जिलों में पानी की पाइपलाइन, सीवर लाइन और कच्चे और पक्के 277 मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं.
  • चुंगथांग शहर में बाढ़ से सबसे अधिक नुकसान हुआ है, जिसमें इसका 80 प्रतिशत हिस्सा बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. वहीं मंगन जिले में लगभग 10,000 लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि पाकयोंग में 6,895, नामचि में 2,579 और गंगटोक में 2,570 लोग प्रभावित हुए हैं.

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