स्टॉक ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म ग्रो (Groww) की पैरेंट कंपनी बिलेनियर्स गैराज वेंचर्स लिमिटेड का इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) आज, 4 नवंबर से बोली के लिए खुल गया है और यह बहुप्रतीक्षित आईपीओ 7 नवंबर को बंद होगा, जिससे निवेशकों को निवेश का अवसर मिलेगा। कंपनी इस आईपीओ के माध्यम से कुल 6,632 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में है। इस कुल राशि में से, 1,060 करोड़ रुपये नए शेयर जारी करके जुटाए जाएंगे, जो कंपनी के विस्तार और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाएंगे। वहीं, इसके मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत 55. 72 करोड़ शेयरों की बिक्री करेंगे, जिससे उन्हें अपनी हिस्सेदारी भुनाने का मौका मिलेगा।
आईपीओ का प्राइस बैंड और न्यूनतम निवेश
ग्रो ने अपने शेयरों के लिए 95 रुपये से 100 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड निर्धारित किया है। यह प्राइस बैंड निवेशकों को कंपनी के मूल्यांकन का एक स्पष्ट संकेत देता है। खुदरा निवेशक कम से कम 150 शेयरों (एक लॉट) के लिए बोली लगा सकते हैं, जिसका अर्थ है कि न्यूनतम निवेश 15,000 रुपये का होगा। इसके बाद, वे 150 के मल्टीपल में आवेदन कर सकते हैं, जिससे उन्हें अपनी निवेश क्षमता के अनुसार अधिक लॉट खरीदने की सुविधा मिलेगी। यह संरचना छोटे और बड़े दोनों तरह के निवेशकों को आईपीओ में भाग लेने का अवसर प्रदान करती है।
एंकर निवेशकों से भारी पूंजी जुटाना
आईपीओ खुलने से पहले ही, ग्रो ने 100 से अधिक एंकर निवेशकों से 2,984 करोड़ रुपये जुटाकर एक मजबूत शुरुआत की है। इन एंकर निवेशकों को 100 रुपये प्रति शेयर की दर से 29 और 84 करोड़ इक्विटी शेयर आवंटित किए गए हैं। यह दर्शाता है कि संस्थागत निवेशकों का कंपनी की भविष्य की संभावनाओं पर गहरा विश्वास है। जिन प्रमुख एंकर निवेशकों ने ग्रो के आईपीओ में दांव लगाया है, उनमें HDFC MF, सिंगापुर गवर्नमेंट, कोटक MF, गवर्नमेंट पेंशन फंड ग्लोबल, एसबीआई MF, अबू धाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी, गोल्डमैन सैक्स, एक्सिस MF, आदित्य बिड़ला सन लाइफ एमएफ, मोतीलाल ओसवाल MF, मिराए एसेट MF, टाटा MF, मॉर्गन स्टैनली, ICICI प्रूडेंशियल MF और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) जैसे प्रतिष्ठित नाम शामिल हैं। इन बड़े नामों की भागीदारी आईपीओ की विश्वसनीयता और आकर्षण को और बढ़ाती है।
ब्रोकरेज फर्मों की राय: लिस्टिंग गेन और लंबी अवधि के लिए निवेश
विभिन्न ब्रोकरेज फर्मों ने ग्रो के आईपीओ पर अपनी राय व्यक्त की है, जो संभावित निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है। ब्रोकरेज फर्म अरिहंत कैपिटल ने इस आईपीओ को 'लिस्टिंग गेन के लिए सब्सक्राइब' करने की सलाह दी है। अरिहंत कैपिटल ने अपने विश्लेषण में बताया कि भारत में खुदरा निवेशकों की संख्या अगले कुछ सालों में 6. 6–7 और 2 करोड़ से बढ़कर 12–13 करोड़ तक पहुंच सकती है, जिससे ग्रो जैसी कंपनियों को बड़ा फायदा होगा। फर्म ने यह भी उल्लेख किया कि ग्रो का डिजिटल नेटवर्क भारत के 98. 36% पिन कोड्स को कवर करता है और यह NSE पर सबसे सक्रिय खुदरा व्यापारियों। में अग्रणी है, जो इसकी व्यापक पहुंच और बाजार में मजबूत स्थिति को दर्शाता है।
ग्रो की वित्तीय स्थिति और विकास रणनीति
अरिहंत कैपिटल के अनुसार, ग्रो अपने टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म और एसेट-लाइट मॉडल के जरिए लाभप्रदता बढ़ाना चाहती है। वित्तीय वर्ष 2023 से वित्तीय वर्ष 2025 के बीच, ग्रो का राजस्व सालाना 85% की दर से बढ़ा है, जबकि इसका लाभ मार्जिन 45% तक पहुंच गया है, जो कंपनी की मजबूत वित्तीय वृद्धि को दर्शाता है। ब्रोकरेज ने कहा कि 100 रुपये के ऊपरी प्राइस बैंड पर यह इश्यू 33. 8x के P/E रेशियो पर वैल्यूड है, जो निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण मूल्यांकन मीट्रिक है।
आनंद राठी की लंबी अवधि की सलाह
वहीं, आनंद राठी ने ग्रो के आईपीओ को लंबी अवधि के लिए सब्सक्राइब करने की सलाह दी है और ब्रोकरेज ने बताया कि ग्रो अपने ग्राहक आधार को ऑर्गेनिक तरीके से बढ़ा रहा है, यानी कस्टमर रेफरल्स और ऑपरेटिंग एफिशिएंसी के जरिए। कंपनी आगे अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को और विविध बनाना चाहती है, जिसमें MTF (मार्जिन ट्रेडिंग फैसिलिटी), कमोडिटी डेरिवेटिव्स, API ट्रेडिंग, वेल्थ मैनेजमेंट, बॉन्ड्स और फिक्स्ड-इनकम प्रोडक्ट्स शामिल हैं और आनंद राठी का कहना है कि मौजूदा वैल्यूएशन को देखते हुए आईपीओ पूरी तरह से प्राइस्ड है, लेकिन कंपनी की मजबूत विकास संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए इसे सब्सक्राइब करने की रेटिंग दी गई है। यह दर्शाता है कि ब्रोकरेज फर्म कंपनी के दीर्घकालिक विकास पथ पर विश्वास करती है।
अनलिस्टेड मार्केट पर नजर रखने वाले जानकारों के मुताबिक, ग्रो के शेयरों का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) फिलहाल लगभग 16. 5 रुपये प्रति शेयर चल रहा है। यह 100 रुपये के इश्यू प्राइस से करीब 17% अधिक है। इस हिसाब से संभावित लिस्टिंग प्राइस 116 और 5 रुपये के आसपास रह सकता है। यह मौजूदा मार्केट सेंटीमेंट के अनुसार एक संतुलित लेकिन सकारात्मक डेब्यू की संभावना को इंगित करता है। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि GMP सिर्फ अनलिस्टेड मार्केट का एक संकेतक होता है और यह बाजार की स्थितियों के आधार पर जल्दी बदल सकता है और निवेशकों को आईपीओ में निवेश का निर्णय लेने से पहले सभी कारकों पर सावधानीपूर्वक विचार करना चाहिए।