GST Reform 2025 / जीएसटी रिफॉर्म कंपनियों के लिए ‘अमृत’ बनेगा, कमाई होगी बम-बम

क्रिसिल इंटेलिजेंस की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक जीएसटी दरों में कटौती से इस वित्त वर्ष भारतीय कंपनियों के रेवेन्यू में 6-7% वृद्धि संभव है। एफएमसीजी, ड्यूरेबल्स, ऑटोमोबाइल और कंस्ट्रक्शन जैसे सेक्टर्स को सीधा फायदा होगा। त्योहारी सीजन में यह कदम कंजंप्शन बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा।

GST Reform 2025: क्रिसिल इंटेलिजेंस की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में जीएसटी दरों में की गई कटौती के परिणामस्वरूप भारतीय कंपनियों के रेवेन्यू में 6-7 फीसदी की वृद्धि होने की संभावना है। यह कटौती उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा देगी, जो कॉर्पोरेट रेवेन्यू का लगभग 15 प्रतिशत हिस्सा है। हालांकि, जीएसटी सिस्टम में मुनाफाखोरी-रोधी नियम कंपनियों के प्रॉफिट मार्जिन में बड़ी वृद्धि को सीमित कर सकते हैं। रेटिंग एजेंसी ने बताया कि यह कटौती वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और भारत के त्योहारी व शादी के मौसम के बीच आई है, जब खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि होती है।

प्रमुख सेक्टर्स पर प्रभाव

रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी दरों में कमी से कई प्रमुख सेक्टर्स जैसे फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी), कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, ऑटोमोबाइल और कंस्ट्रक्शन में उत्पादों की कीमतें कम होंगी, जिससे उपभोक्ता मांग बढ़ेगी।

1. एफएमसीजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और ऑटोमोबाइल

  • एफएमसीजी और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स: एयर कंडीशनर और 32 इंच से बड़े टेलीविजन सेट की अधिकतम खुदरा कीमतों में 7-8 फीसदी की कमी आने की उम्मीद है। कंपनियों के कम दरों का पूरा लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने की संभावना है।

  • ऑटोमोबाइल: 350 सीसी से कम इंजन क्षमता वाले दोपहिया वाहनों, जो बाजार का 90 प्रतिशत हिस्सा हैं, पर जीएसटी कटौती से मोटरसाइकिल और स्कूटर की सामर्थ्य बढ़ेगी। इससे बिक्री में 100-200 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि हो सकती है।

2. कंस्ट्रक्शन सेक्टर

प्रमुख कंस्ट्रक्शन सामग्री पर जीएसटी दरों में कमी से उनकी कीमतें कम होंगी, जिससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में इंडिविजुअल हाउसिंग बिल्डिंग्स (आईएचबी) की लागत घटेगी। इससे घर मालिक अपनी बचत को बड़े या संशोधित आवास स्थानों पर खर्च कर सकेंगे।

3. एविएशन सेक्टर

इकोनॉमी क्लास के हवाई टिकटों पर 5 फीसदी जीएसटी दर अपरिवर्तित है, जबकि प्रीमियम इकोनॉमी, बिजनेस और फर्स्ट क्लास पर जीएसटी 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दी गई है। चूंकि घरेलू एयरलाइनों के रेवेन्यू में इकोनॉमी क्लास का योगदान 92 फीसदी है और बिजनेस/फर्स्ट क्लास के यात्री कीमतों के प्रति कम संवेदनशील हैं, इसलिए इस वृद्धि का सीमित प्रभाव पड़ेगा।

4. हॉस्पिटैलिटी सेक्टर

7,500 रुपये तक के होटल कमरों के किराए पर जीएसटी दर 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने की उम्मीद है। इससे हॉस्पिटैलिटी, ट्रैवल और ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर्स को बढ़ावा मिलेगा।

5. एग्री इनपुट सेक्टर

जीएसटी कटौती से एग्री इनपुट सेक्टर में बिजनेस ऑपरेशंस सुचारू होंगे और उपभोक्ता मांग बढ़ेगी।

समय का महत्व

रिपोर्ट में इस कटौती के समय को उपयुक्त बताया गया है। वैश्विक अनिश्चितता और भारत के त्योहारी मौसम के बीच यह कदम उपभोक्ता खर्च को प्रोत्साहित करेगा। त्योहारी और शादी का मौसम उपभोक्ता मांग को और बढ़ाएगा, जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।