India-China / LAC पर भारी तनाव, क्या है BMP-2 कॉम्बेट व्हीकल जिसे रात में लड़ने लायक बनाने में जुटी सेना

AajTak : Sep 08, 2020, 01:07 PM
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन से भयंकर तनाव के बीच भारतीय सेना किसी भी परिस्थिति से लड़ने के लिए अपनी तैयारियों को युद्ध स्तर पर मुकम्मल कर रही है। इसी के तहत भारतीय सेना ने अपने पैदल जवानों के लड़ाकू वाहनों को रात में संचालित करने में सक्षम बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ये कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि लद्दाख में चीनी सेना अपने किसी भी साजिश को रात में ही अंजाम देती है।  

अधिकारियों ने सोमवार को कहा सेना ने पहले से ही बीएमपी -2 / 2k पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों के लिए प्रोटोटाइप के विकास और हथियारों की खरीद के लिए सक्षम घरेलू कंपनियों से ईओआई (रूचि पत्र) आमंत्रित की है। BMP-2 / 2Ks के वर्तमान बेड़े को पहली बार 1985 में सेना में शामिल किया गया था और यह तब से पैदल सेना का मुख्य आधार रहा है।

सेना के मुताबिक अभी जो हथियारों से लैस लड़ाकू वाहन हैं वो रात में काम करने में सक्षम नहीं हैं ऐसे में उन्हें उन्नत बनाने और रात में काम करने लायक बनाना बेहद जरूरी है।  सेना की तरफ से रिपोर्ट में कहा गया है, "हमारी सीमाओं के किनारे का इलाका बड़े पैमाने पर मशीनीकृत ऑपरेशन के लायक है जहां मौजूदा खतरे से निपटने और रक्षा करने के लिए हमें अपनी क्षमताओं का विस्तार करना होगा ताकि हमें चुनौतियों का बराबरी से मुकाबला कर सकें।

सेना की तरफ से कहा गया है कि मौजूदा हथियारों से लैस लड़ाकू वाहन इमेज इंटेंसिफायर तकनीक पर आधारित है, जिसकी सीमाएं हैं और यह आधुनिक युद्ध के लिए उपयुक्त नहीं है। "अभी जिन वाहनों का इस्तेमाल किया जा रहा है उनमें आधुनिक फायर कंट्रोल सिस्टम और स्वचालित लक्ष्य ट्रैकर की कमी है जो दिन और रात दोनों के दौरान लड़ने के लिए बीएमपी -2 / 2k की क्षमता को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करती है।" 

मई महीने से ही लद्दाख में भारतीय और चीनी सेना के बीच सीमा विवाद को लेकर गतिरोध जारी है। दोनों पक्षों ने तनाव को कम करने के लिए कूटनीतिक और कई स्तर की सैन्य वार्ता की लेकिन अब तक यह बेनतीजा ही रही है।

भारतीय सेना द्वारा 29 अगस्त और 30 अगस्त की मध्यरात्रि को दक्षिणी  पैंगोंग झील क्षेत्र में चीनी सेना के कब्जे के प्रयासों को असफल कर दिया था जिसके बाद पिछले सप्ताह से तनाव बढ़ गया है।

टकराव के बाद, भारत ने चीनी सेना के महत्वपूर्ण ठिकानों की अनदेखी करते हुए चुशुल सेक्टर में कई सामरिक ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया। तब से, चीन ने क्षेत्र में अतिरिक्त सैनिकों, टैंकों और एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों को तैनात कर दिया है।

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