Gopichand Hinduja / हिंदुजा ग्रुप के अध्यक्ष गोपीचंद हिंदुजा का 85 वर्ष की आयु में लंदन में निधन

हिंदुजा ग्रुप के अध्यक्ष और भारतीय मूल के अरबपति गोपीचंद पी. हिंदुजा का 85 वर्ष की आयु में लंदन के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह लंबे समय से अस्वस्थ थे. कारोबारी जगत में 'जीपी' के नाम से मशहूर गोपीचंद ने मई 2023 में अपने बड़े भाई श्रीचंद के निधन के बाद अध्यक्ष का पद संभाला था. उनके निधन से एक युग का अंत हो गया है.

हिंदुजा ग्रुप के अध्यक्ष और भारतीय मूल के अरबपति गोपीचंद पी. हिंदुजा का बुधवार को लंदन के एक अस्पताल में 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उनके निधन से भारतीय और वैश्विक व्यापार जगत में शोक की लहर दौड़ गई है. गोपीचंद हिंदुजा, जिन्हें कारोबारी जगत में 'जीपी' के नाम से जाना जाता था, लंबे समय से अस्वस्थ थे. उनके परिवार में उनकी पत्नी सुनीता, बेटे संजय और धीरज और बेटी रीता हैं. हिंदुजा परिवार की दूसरी पीढ़ी से ताल्लुक रखने वाले गोपीचंद ने मई 2023 में अपने बड़े भाई श्रीचंद के निधन के बाद ग्रुप के अध्यक्ष का पद संभाला था, और तब से वह इस विशाल साम्राज्य का नेतृत्व कर रहे थे.

निधन की पुष्टि और शोक संदेश

भारतीय-ब्रिटिश अरबपति और हिंदुजा ग्रुप के अध्यक्ष गोपीचंद परमानंद हिंदुजा के निधन की पुष्टि टोरी पीयर रामी रेंजर ने की, जिन्होंने एक बयान में हार्दिक शोक व्यक्त किया. ब्रिटिश हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य रेंजर ने हिंदुजा को “सबसे दयालु, विनम्र और वफ़ादार दोस्तों में से एक” बताते हुए कहा कि उनके निधन से एक युग का अंत हो गया है. रेंजर ने अपने बयान में कहा कि “प्रिय मित्रों, भारी मन से, मैं आपके साथ हमारे प्रिय मित्र, श्री जीपी हिंदुजा के दुखद निधन की सूचना शेयर कर रहा हूं, जो अब इस दुनिया में नहीं रहे. वह सबसे दयालु, विनम्र और वफ़ादार दोस्तों में से एक थे. उनका निधन एक युग का अंत है, क्योंकि वह वास्तव में समुदाय के शुभचिंतक और एक मार्गदर्शक शक्ति थे. उन्होंने अपने पीछे एक बहुत बड़ा शून्य छोड़ दिया है जिसे भरना मुश्किल होगा. ईश्वर उन्हें स्वर्ग में शांति प्रदान करे और ओम शांति. ” यह शोक संदेश गोपीचंद हिंदुजा के व्यक्तित्व और समाज में उनके योगदान को दर्शाता है, जिससे स्पष्ट होता है कि उनका जाना केवल एक परिवार या व्यापारिक समूह के लिए नहीं, बल्कि पूरे समुदाय के लिए एक बड़ी क्षति है.

हिंदुजा ग्रुप में भूमिका और विरासत

गोपीचंद हिंदुजा चार हिंदुजा भाइयों में सबसे बड़े थे और उन्होंने हिंदुजा ग्रुप को वैश्विक स्तर पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने अपने भाई श्रीचंद हिंदुजा के निधन के बाद अध्यक्ष का पद संभाला था, जो ग्रुप के लिए एक महत्वपूर्ण संक्रमण काल था. हिंदुजा ग्रुप एक बहुराष्ट्रीय समूह है जिसका कारोबार ऑटोमोटिव, तेल और विशेष रसायन, बैंकिंग और वित्त, आईटी, ऊर्जा, मीडिया और केबल, स्वास्थ्य सेवा और रियल एस्टेट सहित कई क्षेत्रों में फैला हुआ है. गोपीचंद हिंदुजा ने हिंदुजा ऑटोमोटिव लिमिटेड के अध्यक्ष के रूप में भी. कार्य किया, जो ऑटोमोटिव क्षेत्र में ग्रुप की प्रमुख उपस्थिति को दर्शाता है. उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व ने ग्रुप को विभिन्न चुनौतियों का सामना करने और लगातार विकास पथ पर आगे बढ़ने में मदद की और उनकी व्यावसायिक समझ और रणनीतिक निर्णय लेने की क्षमता ने हिंदुजा ग्रुप को दुनिया के सबसे सफल व्यापारिक साम्राज्यों में से एक बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया.

पारिवारिक पृष्ठभूमि और व्यक्तिगत जीवन

गोपीचंद हिंदुजा का जन्म 1940 में भारत में हुआ था. वह हिंदुजा परिवार की दूसरी पीढ़ी के सदस्य थे, जिसने अपने पिता परमानंद हिंदुजा द्वारा स्थापित व्यापार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और उनके परिवार में उनकी पत्नी सुनीता, दो बेटे संजय और धीरज, और एक बेटी रीता शामिल हैं. पारिवारिक मूल्यों और एकजुटता के लिए प्रसिद्ध हिंदुजा परिवार में गोपीचंद का निधन एक गहरा व्यक्तिगत नुकसान है. उनके बेटे और बेटी अब ग्रुप की विरासत को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और गोपीचंद हिंदुजा ने हमेशा अपने परिवार को प्राथमिकता दी और व्यापारिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ पारिवारिक एकजुटता को भी बनाए रखा. उनके मार्गदर्शन में, हिंदुजा परिवार ने न केवल व्यापारिक सफलता हासिल की,. बल्कि सामाजिक और परोपकारी कार्यों में भी सक्रिय रूप से भाग लिया.

एक युग का अंत और समुदाय के शुभचिंतक

लॉर्ड रामी रेंजर के बयान में गोपीचंद हिंदुजा के निधन को 'एक युग का अंत' बताया गया है. यह टिप्पणी उनके विशाल प्रभाव और उनके द्वारा छोड़ी गई विरासत को दर्शाती है. वह न केवल एक सफल व्यवसायी थे, बल्कि समुदाय के एक सच्चे शुभचिंतक और एक मार्गदर्शक शक्ति भी थे. उन्होंने विभिन्न परोपकारी गतिविधियों में योगदान दिया और समाज के उत्थान के लिए काम किया. उनका निधन एक ऐसा शून्य छोड़ गया है जिसे भरना मुश्किल होगा और गोपीचंद हिंदुजा ने अपने जीवनकाल में अनगिनत लोगों को प्रेरित किया और उनके मार्गदर्शन में कई युवा उद्यमियों ने सफलता की राह पकड़ी. उनकी उदारता और दयालुता के किस्से व्यापारिक और सामाजिक हलकों में अक्सर सुने जाते थे, जो उन्हें केवल एक अरबपति से कहीं अधिक, एक सम्मानित व्यक्ति बनाते थे.

गोपीचंद हिंदुजा का परिचय और उपलब्धियां

यूके संडे टाइम्स रिच लिस्ट के अनुसार, गोपीचंद हिंदुजा लगातार सात वर्षों तक यूनाइटेड किंगडम के सबसे अमीर व्यक्ति रहे और यह उपलब्धि उनकी असाधारण व्यावसायिक कौशल और वित्तीय दूरदर्शिता का प्रमाण है. उन्होंने 1959 में मुंबई के जय हिंद कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की, जो उनकी प्रारंभिक शिक्षा का आधार बना और इसके अतिरिक्त, उन्हें वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय से डॉक्टर ऑफ लॉ की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया, जो कानून और न्याय के क्षेत्र में उनके योगदान या उनकी सार्वजनिक सेवा की मान्यता थी. उन्हें लंदन के रिचमंड कॉलेज द्वारा अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की मानद उपाधि से भी सम्मानित किया गया, जो अर्थशास्त्र और व्यापार में उनकी गहरी समझ और प्रभाव को दर्शाता है. ये मानद उपाधियाँ उनके अकादमिक और व्यावसायिक जीवन में उनकी उत्कृष्टता और समाज में उनके व्यापक सम्मान का प्रतीक हैं और गोपीचंद हिंदुजा का जीवन समर्पण, कड़ी मेहनत और दूरदर्शिता का एक प्रेरणादायक उदाहरण था, जिसने उन्हें वैश्विक मंच पर एक प्रतिष्ठित व्यक्ति बनाया.