News18 : Oct 08, 2019, 07:42 PM
श्रीनगर | जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में अनुच्छेद-370 (Article-370) हटाए जाने के बाद से बने माहौल के बीच टीचर्स परीक्षाओं से पहले सिलेबस पूरा कराने के लिए स्कूलों के बजाय घरों में स्पेशल क्लास लगा रहे हैं. सूबे को दो केंद्रशासित राज्यों में बांटने के बाद से कश्मीर में कई तरह की पाबंदियां (Restrictions) लागू कर दी गई थीं. इन पाबंदियों के बीच बडगाम जिले के सेबदन इलाके में बच्चे कंधों पर बस्ता लेकर रोज नए स्कूल की ओर निकल पड़ते हैं. वहीं, सूबे में मुख्य बाजारों के बंद रहने और सार्वजनिक वाहनों के सड़कों से नदारद रहने के कारण लगातार 65वें दिन जनजीवन प्रभावित रहा.
'नए स्कूल' में रोज सुबह 8 से 11 बजे तक लगती है क्लासजम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले (Budgam District) के एक निजी स्कूल (Private School) के टीचर मोहम्मद अबीद ने कहा, 'हम स्कूल के बजाय घर में स्पेशल क्लासेज (Special Classes) लगा रहे हैं, ताकि पाठ्यक्रम (Syllabus) को पूरा करने में स्टूडेंट्स की मदद कर सकें.' छात्रों द्वारा नया स्कूल कहे जाने वाले इस घर में रोजाना सुबह 8 से 11 बजे तक विशेष कक्षाएं लगाई जाती हैं. आठवीं कक्षा के एक छात्र के पिता बशीर अहमद घर के बाहर बेटे का इंतजार कर रहे थे. उन्होंने कहा, 'मेरा बेटा 14 साल का है. मैं नहीं चाहता कि उसकी पढाई में कोई रोड़ा आए.' उनका इशारा बेमिना इलाके के आसपास के कुछ इलाकों में सुरक्षाबलों पर पथराव करने वाले बच्चों की ओर था. कुछ दिन पहले हुई इस घटना में शामिल अधिकतर बच्चों की उम्र 10 साल के करीब थी.स्कूलों से जुड़ी बातों की कमी महसूस कर रहे हैं स्टूडेट्ससातवीं कक्षा के छात्र बिस्माह ने कहा, 'मुझे लगता है कि यह अच्छा है. यहां हल्का फुल्का माहौल है्. नए स्कूल में ना तो यूनिफॉर्म का झंझट है और न ही कोई टाइम टेबल है.' वह चाहता है कि स्कूलों के दोबारा खुलने पर वहां भी ऐसा ही होना चाहिए. इसके साथ ही कुछ ऐसे छात्र भी हैं जो नियमित स्कूलों से जुड़ी बातों की कमी महूसस कर रहे हैं. आठवीं कक्षा के आतिफ नजीर ने कहा कि स्कूल सिर्फ नए पाठों का अध्ययन करने की जगह नहीं होती. स्कूल छात्रों को उनके चरित्र निर्माण में भी मदद करता है. सेबदन और नजदीकी बेमिना में भी कुछ टीचर्स ऐसी ही कई स्पेशल क्लासेज लगाई जा रही हैं. घाटी में पाबंदियों के चलते बच्चों की शिक्षा बुरी तरह प्रभावित हो रही है.पाबंदियों के कारण 65वें दिन भी प्रभावित रहा आम जनजीवनकश्मीर के संभागीय आयुक्त आधार खान ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि स्कूल 3 अक्टूबर को फिर खुलेंगे, जबकि कॉलेज में पढ़ाई 9 अक्टूबर से शुरू होगी. लेकिन बुधवार तक सभी स्कूल और कॉलेज बंद रहे. सूबे में 65वें दिन भी पाबंदियां लगी हैं. अधिकारियों ने बताया कि ऑटो-रिक्शा समेत कुछ निजी टैक्सियां और निजी वाहन शहर के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में सड़कों पर नजर आए. कई जगह कुछ रेहड़ी पटरी वाले भी दिखे. दशहरा पर सार्वजनिक अवकाश होने के कारण बंद का असर ज्यादा दिखा, क्योंकि सरकारी कर्मचारी आज बाहर नहीं निकले. घाटी में लैंडलाइन सेवाएं बहाल कर दी गई हैं. कश्मीर के अधिकतर हिस्सों में मोबाइल सेवाएं और इंटरनेट सेवाएं 5 अगस्त से ही निलंबित हैं. पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत मुख्य धारा के कई नेता अब भी नजरबंद या हिरासत में हैं.
'नए स्कूल' में रोज सुबह 8 से 11 बजे तक लगती है क्लासजम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले (Budgam District) के एक निजी स्कूल (Private School) के टीचर मोहम्मद अबीद ने कहा, 'हम स्कूल के बजाय घर में स्पेशल क्लासेज (Special Classes) लगा रहे हैं, ताकि पाठ्यक्रम (Syllabus) को पूरा करने में स्टूडेंट्स की मदद कर सकें.' छात्रों द्वारा नया स्कूल कहे जाने वाले इस घर में रोजाना सुबह 8 से 11 बजे तक विशेष कक्षाएं लगाई जाती हैं. आठवीं कक्षा के एक छात्र के पिता बशीर अहमद घर के बाहर बेटे का इंतजार कर रहे थे. उन्होंने कहा, 'मेरा बेटा 14 साल का है. मैं नहीं चाहता कि उसकी पढाई में कोई रोड़ा आए.' उनका इशारा बेमिना इलाके के आसपास के कुछ इलाकों में सुरक्षाबलों पर पथराव करने वाले बच्चों की ओर था. कुछ दिन पहले हुई इस घटना में शामिल अधिकतर बच्चों की उम्र 10 साल के करीब थी.स्कूलों से जुड़ी बातों की कमी महसूस कर रहे हैं स्टूडेट्ससातवीं कक्षा के छात्र बिस्माह ने कहा, 'मुझे लगता है कि यह अच्छा है. यहां हल्का फुल्का माहौल है्. नए स्कूल में ना तो यूनिफॉर्म का झंझट है और न ही कोई टाइम टेबल है.' वह चाहता है कि स्कूलों के दोबारा खुलने पर वहां भी ऐसा ही होना चाहिए. इसके साथ ही कुछ ऐसे छात्र भी हैं जो नियमित स्कूलों से जुड़ी बातों की कमी महूसस कर रहे हैं. आठवीं कक्षा के आतिफ नजीर ने कहा कि स्कूल सिर्फ नए पाठों का अध्ययन करने की जगह नहीं होती. स्कूल छात्रों को उनके चरित्र निर्माण में भी मदद करता है. सेबदन और नजदीकी बेमिना में भी कुछ टीचर्स ऐसी ही कई स्पेशल क्लासेज लगाई जा रही हैं. घाटी में पाबंदियों के चलते बच्चों की शिक्षा बुरी तरह प्रभावित हो रही है.पाबंदियों के कारण 65वें दिन भी प्रभावित रहा आम जनजीवनकश्मीर के संभागीय आयुक्त आधार खान ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि स्कूल 3 अक्टूबर को फिर खुलेंगे, जबकि कॉलेज में पढ़ाई 9 अक्टूबर से शुरू होगी. लेकिन बुधवार तक सभी स्कूल और कॉलेज बंद रहे. सूबे में 65वें दिन भी पाबंदियां लगी हैं. अधिकारियों ने बताया कि ऑटो-रिक्शा समेत कुछ निजी टैक्सियां और निजी वाहन शहर के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में सड़कों पर नजर आए. कई जगह कुछ रेहड़ी पटरी वाले भी दिखे. दशहरा पर सार्वजनिक अवकाश होने के कारण बंद का असर ज्यादा दिखा, क्योंकि सरकारी कर्मचारी आज बाहर नहीं निकले. घाटी में लैंडलाइन सेवाएं बहाल कर दी गई हैं. कश्मीर के अधिकतर हिस्सों में मोबाइल सेवाएं और इंटरनेट सेवाएं 5 अगस्त से ही निलंबित हैं. पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत मुख्य धारा के कई नेता अब भी नजरबंद या हिरासत में हैं.