Quad Countries Meeting / US में भारत और उसके 3 यार होंगे साथ, चीन के घमंड को चूर करने का प्लान!

डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की दूसरी बार शपथ लेंगे। इसके अगले दिन, 21 जनवरी को वॉशिंगटन डीसी में क्वाड समूह की विदेश मंत्रियों की बैठक होगी। बैठक में भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के विदेश मंत्री शामिल होंगे। यह ट्रंप प्रशासन की पहली कूटनीतिक पहल है।

Vikrant Shekhawat : Jan 18, 2025, 07:40 PM
Quad Countries Meeting: 20 जनवरी को अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति पद की शपथ लेने जा रहे हैं। शपथ ग्रहण समारोह को लेकर ट्रंप काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं। इसी दौरान, 21 जनवरी को क्वाड (QUAD) समूह के विदेश मंत्रियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित होने जा रही है, जो वाशिंगटन डीसी में होने की संभावना है।

डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की पहली QUAD बैठक

यह बैठक ट्रंप के नए प्रशासन की विदेश नीति के संदर्भ में काफी अहम होगी। इसमें ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के विदेश मंत्री हिस्सा लेंगे। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी इस बैठक में शामिल होंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने जानकारी दी है कि जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया, ऑस्ट्रेलिया की पेनी वोंग और अमेरिका के नए विदेश मंत्री मार्को रुबियो बैठक में भाग लेंगे। शपथ ग्रहण के बाद यह पहली बार होगा जब इन देशों के विदेश मंत्री ट्रंप प्रशासन के साथ आपसी रणनीतिक योजनाओं पर चर्चा करेंगे।

QUAD के उद्देश्यों पर चर्चा

क्वाड का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखना है। यह समूह समुद्री सुरक्षा, नेविगेशन की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। 2007 में शुरू हुआ यह समूह 2008 में ऑस्ट्रेलिया के हटने के कारण बंद हो गया था, लेकिन 2017 में इसे पुनः सक्रिय किया गया।

चीन और QUAD के बीच विरोधाभास

चीन लंबे समय से QUAD का विरोध करता आया है। उसका मानना है कि यह समूह उसके प्रभाव को कमजोर करने के लिए बनाया गया है। दक्षिण चीन सागर विवाद और ताइवान को लेकर चीन का आक्रामक रुख QUAD के लिए बड़ी चुनौती है।

चीन वर्तमान में एक अनौपचारिक गठबंधन का नेतृत्व कर रहा है, जिसमें रूस, ईरान और उत्तर कोरिया जैसे देश शामिल हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते रूस को पश्चिमी देशों से अलगाव का सामना करना पड़ रहा है, और वह चीन पर अधिक निर्भर हो गया है। इसी तरह, ईरान और उत्तर कोरिया पर अमेरिकी प्रतिबंधों ने उन्हें भी चीन का सहयोगी बना दिया है।

QUAD की रणनीतिक प्रासंगिकता

इस बैठक में हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा के साथ-साथ भारत के आर्थिक और सैन्य विकास पर भी विचार किया जाएगा। यह समूह भारत को चीन के प्रभाव का सामना करने और अपने कूटनीतिक प्रयासों को मजबूत करने में मदद करता है।

डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की यह बैठक न केवल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए बल्कि वैश्विक रणनीतिक संतुलन के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्रंप प्रशासन अपनी नई विदेश नीति में QUAD को किस तरह प्राथमिकता देता है।