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- 30-Aug-2025 10:01 PM IST
Donald Trump News: न्यू यॉर्क टाइम्स (NYT) ने शनिवार को एक सनसनीखेज दावा किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस साल के अंत में क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने की अपनी योजना रद्द कर दी है। ‘नोबेल पुरस्कार और एक तनावपूर्ण फ़ोन कॉल: ट्रंप-मोदी संबंध कैसे बिगड़े’ शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में ट्रंप के कार्यक्रम से परिचित लोगों के हवाले से कहा गया है कि, "मोदी को यह बताने के बाद कि वह इस साल के अंत में क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए भारत आएंगे, ट्रंप अब भारत आने की कोई योजना नहीं बना रहे हैं।" इस दावे पर न तो अमेरिका और न ही भारत की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी आई है।
ट्रंप-मोदी संबंधों में तनाव की शुरुआत
रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच संबंधों में दरार तब शुरू हुई जब ट्रंप ने बार-बार दावा किया कि मई में भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक चले सैन्य संघर्ष को उन्होंने सुलझाया था। भारत ने इस दावे का कड़ा खंडन करते हुए स्पष्ट किया कि संघर्ष विराम केवल भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत के माध्यम से हुआ था, और इसमें अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी।
NYT के अनुसार, 17 जून को G7 शिखर सम्मेलन से लौटते समय ट्रंप ने मोदी के साथ लगभग 35 मिनट तक फोन पर बातचीत की। इस दौरान ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया कि भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव को समाप्त करने का श्रेय उन्हें जाता है। इतना ही नहीं, उन्होंने यह तक कहा कि पाकिस्तान उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने वाला है।
रिपोर्ट में आगे बताया गया कि ट्रंप का यह बयान अप्रत्यक्ष रूप से यह संकेत देता था कि मोदी को भी उनका नामांकन करना चाहिए। हालांकि, भारत ने बार-बार दोहराया कि भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी और ट्रंप के हस्तक्षेप के दावे को भी खारिज कर दिया। मोदी द्वारा नोबेल पुरस्कार के मुद्दे पर चर्चा से इनकार करने और ट्रंप के प्रस्ताव को ठुकराने से दोनों नेताओं के बीच तनाव और बढ़ गया।
ट्रंप का बार-बार दावा और व्हाइट हाउस की चुप्पी
NYT ने लिखा है कि ट्रंप ने 10 मई से अब तक सार्वजनिक मंचों पर 40 से अधिक बार यह दावा दोहराया कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान संघर्ष को रोका। दूसरी ओर, व्हाइट हाउस ने 17 जून की फोन कॉल के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की, जिससे इस मुद्दे पर और रहस्य बढ़ गया है।
टैरिफ विवाद ने बढ़ाई तल्खी
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि ट्रंप प्रशासन ने भारत पर रूसी तेल खरीदने के लिए 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम केवल रूस को निशाना बनाने के लिए नहीं था, बल्कि भारत को विशेष रूप से दबाव में लाने की रणनीति का हिस्सा था। NYT के अनुसार, टैरिफ वार्ता से निराश ट्रंप ने कई बार मोदी से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय प्रधानमंत्री ने उनके अनुरोधों का जवाब नहीं दिया।
इसके जवाब में भारत ने वैकल्पिक बाजारों की तलाश शुरू कर दी है। टैरिफ को लेकर भारत और अमेरिका के बीच चल रहा यह घमासान दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को और जटिल बना रहा है।
क्वाड शिखर सम्मेलन और भविष्य की अनिश्चितता
क्वाड (क्वाड्रिलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग) जिसमें अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। ट्रंप की भारत यात्रा रद्द होने की खबर ने इस मंच के भविष्य पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, इस दावे पर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन यह स्पष्ट है कि ट्रंप और मोदी के बीच बढ़ता तनाव दोनों देशों के कूटनीतिक और व्यापारिक संबंधों को प्रभावित कर सकता है।
