भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है जिसके तहत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने वाले भारतीय खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी। इस नियम के अनुसार, प्रत्येक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी को कम से कम दो विजय हजारे ट्रॉफी मुकाबले खेलने होंगे। इस पहल का उद्देश्य खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय व्यस्तताओं के बावजूद घरेलू क्रिकेट से जोड़े रखना और उनकी मैच फिटनेस बनाए रखना है। कई खिलाड़ियों ने पहले ही इस शर्त को पूरा कर लिया है, और अब कुछ और बड़े नाम मैदान पर उतरने के लिए तैयार हैं।
रवींद्र जडेजा और केएल राहुल का कार्यक्रम
भारतीय टीम के वनडे और टेस्ट कप्तान शुभमन गिल, जो वर्तमान में। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में व्यस्त हैं, जल्द ही घरेलू मैदान पर वापसी करेंगे। गिल ने अभी तक विजय हजारे ट्रॉफी का कोई भी मैच नहीं खेला है, लेकिन अब वे पंजाब के लिए खेलते हुए दिखाई देंगे। क्रिकबज के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, शुभमन गिल तीन और छह जनवरी को विजय हजारे ट्रॉफी के मैचों में हिस्सा ले सकते हैं। इन मुकाबलों में वे सिक्किम और गोवा के खिलाफ अपनी टीम का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह उनके लिए आगामी अंतरराष्ट्रीय श्रृंखलाओं से पहले अपनी फॉर्म और फिटनेस को परखने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा।
शुभमन गिल के अलावा, अनुभवी ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा और विकेटकीपर-बल्लेबाज केएल राहुल। भी विजय हजारे ट्रॉफी में अपनी-अपनी टीमों के लिए खेलते हुए नजर आएंगे। रवींद्र जडेजा सौराष्ट्र के लिए खेलते हैं और उनके छह और आठ जनवरी को मैदान पर उतरने की उम्मीद है। इस दौरान सौराष्ट्र का मुकाबला सर्विसेज और गुजरात से होगा। वहीं, केएल राहुल कर्नाटक के लिए खेलते हैं और हालांकि राहुल के खेलने की तारीखें अभी पूरी तरह से तय नहीं हुई हैं, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि वे भी तीन और छह जनवरी को एक्शन में दिख सकते हैं। राहुल के संभावित मैच त्रिपुरा और राजस्थान के खिलाफ हो सकते हैं। इन खिलाड़ियों की घरेलू क्रिकेट में वापसी से टीमों को मजबूती मिलेगी और युवा खिलाड़ियों को उनके साथ खेलने का अनुभव मिलेगा।
बीसीसीआई का कार्यभार प्रबंधन और जसप्रीत बुमराह को छूट
बीसीसीआई ने अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के कार्यभार प्रबंधन को भी ध्यान में रखा है और इस नियम के तहत, भारतीय टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें विजय हजारे ट्रॉफी से दूर रखा गया है। बीसीसीआई उनके कार्यभार का प्रबंधन कर रही है ताकि वे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय श्रृंखलाओं के लिए फिट और तैयार रह सकें। संभावना है कि बुमराह न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाली वनडे सीरीज में भी टीम इंडिया का हिस्सा नहीं होंगे, जिससे उन्हें पर्याप्त आराम मिल सके। यह निर्णय खिलाड़ियों की लंबी अवधि की फिटनेस और प्रदर्शन को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
यशस्वी जायसवाल की भागीदारी
भारतीय टीम के युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने भी बीसीसीआई के इस निर्देश का पालन करना शुरू कर दिया है। उन्होंने बुधवार को अपना पहला विजय हजारे ट्रॉफी मैच खेला है और इस नियम के अनुसार, उन्हें कम से कम एक और मैच खेलना होगा ताकि वे अनिवार्य दो मैचों की शर्त को पूरा कर सकें। जायसवाल जैसे युवा खिलाड़ियों के लिए घरेलू क्रिकेट में खेलना अपनी फॉर्म को बनाए रखने और विभिन्न परिस्थितियों में अनुभव प्राप्त करने का एक शानदार तरीका है।
घरेलू क्रिकेट का महत्व
अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों का घरेलू क्रिकेट में खेलना न केवल उनकी व्यक्तिगत तैयारी के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह घरेलू टूर्नामेंट की प्रतिष्ठा और प्रतिस्पर्धा के स्तर को भी बढ़ाता है और युवा खिलाड़ियों को अपने आदर्शों के साथ खेलने और उनसे सीखने का मौका मिलता है, जिससे भारतीय क्रिकेट की बेंच स्ट्रेंथ मजबूत होती है। यह सुनिश्चित करता है कि खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय व्यस्तताओं के बावजूद अपनी जड़ों से जुड़े रहें और घरेलू सेटअप में योगदान दें। यह कदम भारतीय क्रिकेट के समग्र विकास के लिए एक सकारात्मक पहल है।