PM Modi China Visit / ड्रैगन-हाथी का एक साथ आना जरूरी... PM से मुलाकात में क्या बोले जिनपिंग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच तियानजिन में सात साल बाद मुलाकात हुई। करीब एक घंटे चली इस वार्ता में सीमा पर शांति, सहयोग और रिश्तों की मजबूती पर चर्चा हुई। शी ने कहा, “ड्रैगन और हाथी एक साथ आएं।” बैठक पर पूरी दुनिया की नजर रही।

PM Modi China Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच 7 साल बाद हुई मुलाकात ने वैश्विक मंच पर एक नया अध्याय शुरू किया है। चीन के तियानजिन में आयोजित इस द्विपक्षीय बैठक में दोनों नेताओं ने करीब 1 घंटे तक गहन बातचीत की। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब अमेरिकी टैरिफ नीतियों के कारण वैश्विक व्यापार में तनाव बढ़ रहा है। इस बैठक पर न केवल भारत और चीन, बल्कि पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई थीं, विशेष रूप से यह देखते हुए कि यह मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए चुनौती बन सकती है।

शी जिनपिंग का बयान: ड्रैगन और हाथी का एकजुट होना

बैठक के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने संबोधन में कहा, "प्रधानमंत्री मोदी, आपसे मिलकर बहुत खुशी हुई। मैं SCO शिखर सम्मेलन के लिए चीन में आपका स्वागत करता हूं। पिछले साल कजान में हमारी मुलाकात काफी सफल रही थी।" उन्होंने आगे कहा, "दुनिया तेजी से बदल रही है। भारत और चीन दो प्राचीन सभ्यताएं और सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देश हैं। हम ग्लोबल साउथ का हिस्सा हैं। इसलिए, हमारा मित्र होना, अच्छे पड़ोसी बनना और ड्रैगन व हाथी का एक साथ आना बेहद जरूरी है।"

शी जिनपिंग ने दोनों देशों के रिश्तों को रणनीतिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से संभालने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, "हमें एशिया और पूरी दुनिया में शांति और समृद्धि के लिए मिलकर काम करना चाहिए।"

पीएम मोदी का जोर: शांति, स्थिरता और सहयोग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक में सीमा पर शांति और स्थिरता, आपसी सहयोग और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने चीनी राष्ट्रपति के गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए आभार व्यक्त किया और कहा, "कजान में हमारी पिछली चर्चा ने हमारे रिश्तों को सकारात्मक दिशा दी है।"

बैठक में दोनों नेताओं ने सीमा प्रबंधन (बॉर्डर मैनेजमेंट) पर सहमति जताई। इसके अलावा, कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने पर भी चर्चा हुई, जो दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को और मजबूत कर सकती है।

वैश्विक संदर्भ में मुलाकात का महत्व

यह मुलाकात कई मायनों में महत्वपूर्ण है। अमेरिकी टैरिफ नीतियों के बीच भारत और चीन का एकजुट होना वैश्विक व्यापार और भू-राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकता है। शी जिनपिंग के "ड्रैगन और हाथी" के एकजुट होने के बयान को एक मजबूत संदेश के रूप में देखा जा रहा है, जो ग्लोबल साउथ की एकता और सहयोग को दर्शाता है। यह बयान न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है, बल्कि वैश्विक मंच पर दोनों देशों की स्थिति को और सशक्त बनाने का संकेत भी देता है।

भविष्य की राह

भारत और चीन के बीच यह मुलाकात न केवल सीमा विवादों और आपसी सहयोग के मुद्दों को सुलझाने की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए दोनों देशों की साझा जिम्मेदारी को भी रेखांकित करती है। दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि रणनीतिक संवाद और सहयोग को और गहरा करना होगा।