- भारत,
- 01-Sep-2025 08:40 PM IST
SCO Summit 2025: चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन के दौरान एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को असहज स्थिति में ला खड़ा किया। इस सम्मेलन में जहां भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच गर्मजोशी और सौहार्दपूर्ण माहौल देखने को मिला, वहीं शहबाज शरीफ को पूरी तरह से अनदेखा किया गया। खासकर, पीएम मोदी और पुतिन ने शहबाज की ओर देखा तक नहीं, जिससे पाकिस्तान की वैश्विक मंच पर उपेक्षा साफ झलक रही थी।
मोदी-पुतिन-जिनपिंग की तिकड़ी ने दिखाई एकजुटता
सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी, पुतिन और जिनपिंग के बीच करीब दो मिनट की बातचीत हुई, जिसमें तीनों नेता मुस्कुराते हुए नजर आए। यह मुलाकात उस समय हुई जब तीनों नेता SCO सदस्यों की पारिवारिक फोटो के लिए मंच की ओर बढ़ रहे थे। इस दौरान पुतिन और मोदी ने एक-दूसरे को गले लगाकर गर्मजोशी से अभिवादन किया। यह दृश्य उस समय और खास हो गया जब यह मुलाकात मोदी और पुतिन की द्विपक्षीय बैठक से ठीक पहले हुई, जो पूर्ण अधिवेशन के बाद निर्धारित थी।
वहीं, शहबाज शरीफ इस पूरे घटनाक्रम को चुपचाप देखते रहे। ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह पहला मौका था जब पीएम मोदी और शहबाज शरीफ आमने-सामने थे, लेकिन मोदी ने शहबाज से पूरी तरह दूरी बनाए रखी। यह राजनयिक अनदेखी न केवल पाकिस्तान के लिए असहज थी, बल्कि क्षेत्रीय कूटनीति में भारत की मजबूत स्थिति को भी दर्शाती है।
भारत का SCO में दृष्टिकोण
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने रविवार को बताया, "प्रधानमंत्री शिखर सम्मेलन के पूर्ण अधिवेशन को संबोधित करेंगे, जहां वे SCO के अंतर्गत क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित करेंगे।" उन्होंने यह भी बताया कि पीएम मोदी की रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक होगी, जिसके बाद वे भारत के लिए रवाना होंगे। भारत ने हमेशा SCO को क्षेत्रीय स्थिरता, आर्थिक सहयोग और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता के मंच के रूप में देखा है।
भारत-चीन संबंधों में सकारात्मक प्रगति
शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच भी द्विपक्षीय वार्ता हुई। दोनों नेताओं ने अक्टूबर 2024 में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान कजान में हुई अपनी पिछली मुलाकात के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक प्रगति का स्वागत किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत और चीन विकास भागीदार हैं, न कि प्रतिद्वंद्वी। दोनों नेताओं ने आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता के आधार पर स्थिर संबंधों की आवश्यकता पर बल दिया।
मोदी और जिनपिंग ने कहा, "हमारे मतभेद विवादों में नहीं बदलने चाहिए। एक स्थिर भारत-चीन संबंध न केवल दोनों देशों की प्रगति के लिए जरूरी है, बल्कि यह 21वीं सदी में एक बहुध्रुवीय विश्व और बहुध्रुवीय एशिया के लिए भी महत्वपूर्ण है।"
Prime Minister Narendra Modi, Chinese President Xi Jinping, and Russian President Vladimir Putin at the venue of the Shanghai Cooperation Council (SCO) Summit in Tianjin, China. pic.twitter.com/0Rxf6BhCDa
— ANI (@ANI) September 1, 2025
