- भारत,
- 01-Sep-2025 11:18 AM IST
SCO Summit 2025: चीन के तियानजिन में 10 सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्षों का शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद और संरक्षणवादी नीतियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए वैश्विक समुदाय को एकजुट होने का आह्वान किया। इस दौरान उन्होंने बिना नाम लिए पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर घेरा और अमेरिका की संरक्षणवादी, एकतरफा और वर्चस्ववादी नीतियों की आलोचना की।
पीएम मोदी का संबोधन: भारत की प्रतिबद्धता और SCO की भूमिका
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत तियानजिन को प्रगति और संपर्क का प्रतीक बताते हुए की। उन्होंने कहा,
"प्रगति और संपर्क के प्रतीक शहर तियानजिन में इस प्रतिष्ठित सभा को संबोधित करना सम्मान की बात है। भारत के 1.4 अरब लोगों की ओर से मैं सभी नेताओं और प्रतिनिधियों को हार्दिक बधाई देता हूं। मैं इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी और भव्य आतिथ्य के लिए राष्ट्रपति शी जिनपिंग को धन्यवाद देता हूं।"
उन्होंने SCO के विस्तार पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह संगठन, जो अपनी स्थापना के समय छह सदस्यों के साथ शुरू हुआ था, अब दस पूर्ण सदस्यों तक विस्तृत हो चुका है। यह संगठन विश्व की लगभग आधी आबादी और वैश्विक अर्थव्यवस्था के एक महत्वपूर्ण हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है। पीएम मोदी ने भारत की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि भारत क्षेत्रीय स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए SCO की भूमिका को मजबूत करने के लिए तत्पर है।
भारत की SCO नीति: सिक्योरिटी, कनेक्टिविटी और अपॉर्चुनिटी
पीएम मोदी ने SCO के प्रति भारत की सोच को तीन मुख्य स्तंभों पर आधारित बताया:
सिक्योरिटी: क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति।
कनेक्टिविटी: क्षेत्रीय सहयोग और संपर्क को बढ़ावा देना।
अपॉर्चुनिटी: आर्थिक और सामाजिक अवसरों को बढ़ाकर समृद्धि सुनिश्चित करना।
उन्होंने कहा कि पिछले 24 वर्षों में SCO ने एशिया में सहयोग और आपसी जुड़ाव को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत ने इसमें एक सक्रिय और सकारात्मक भागीदार के रूप में योगदान दिया है।
आतंकवाद पर कड़ा रुख: पहलगाम हमले का जिक्र
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद को मानवता के लिए साझा चुनौती बताते हुए कहा कि कोई भी देश या समाज इससे अछूता नहीं है। उन्होंने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा,
"पहलगाम में हुआ हमला मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश और व्यक्ति के लिए खुली चुनौती था। इस दुख की घड़ी में जो मित्र देश हमारे साथ खड़े रहे, मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं।"
उन्होंने बिना नाम लिए पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ देशों द्वारा आतंकवाद को खुला समर्थन अस्वीकार्य है। पीएम मोदी ने जोर देकर कहा,
"हमें स्पष्ट रूप से और एक स्वर में कहना होगा कि आतंकवाद पर कोई भी दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं होगा।"
आतंकवाद के खिलाफ भारत की पहल
भारत ने SCO के तहत आतंकवाद के खिलाफ कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पीएम मोदी ने बताया कि भारत ने इस वर्ष जॉइंट इंफोर्मेशन ऑपरेशंस को लीड करते हुए आतंकी संगठनों और टेरर फाइनेंसिंग के खिलाफ कार्रवाई की है। उन्होंने भारत की ओर से एक SCO-व्यापी कट्टरपंथ-विरोधी ढांचा स्थापित करने का प्रस्ताव रखा, जिसमें साइबर आतंकवाद और अन्य उभरते खतरों से निपटने पर जोर दिया गया।
उन्होंने कहा,
"भारत अगली क्षेत्रीय आतंकवाद-रोधी संरचना (RATS) बैठक की मेजबानी करने और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI)-संचालित सुरक्षा समाधानों में विशेषज्ञता प्रदान करने के लिए तैयार है।"
संरक्षणवाद और एकतरफा नीतियों पर प्रहार
पीएम मोदी ने अमेरिका का नाम लिए बिना उसकी संरक्षणवादी और वर्चस्ववादी नीतियों की आलोचना की। उन्होंने वैश्विक सहयोग और समानता पर आधारित व्यवस्था की वकालत करते हुए कहा कि एकतरफा और वर्चस्ववादी रवैया वैश्विक समृद्धि के लिए हानिकारक है।
