Jagdeep Dhankhar News / जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति के पद से दिया इस्तीफा, स्वास्थ्य कारणों का हवाला

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है। राष्ट्रपति को भेजे पत्र में उन्होंने अनुच्छेद 67(ए) का हवाला देते हुए कहा कि वह स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता दे रहे हैं। धनखड़ ने सभी सांसदों और प्रधानमंत्री को आभार प्रकट किया।

Jagdeep Dhankhar News: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे पत्र में लिखा, "स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए मैं संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं।"

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के प्रति कृतज्ञता

अपने इस्तीफा पत्र में धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के प्रति उनके अटूट समर्थन और कार्यकाल के दौरान बने सौहार्दपूर्ण संबंधों के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, "मैं देश की राष्ट्रपति के प्रति उनकी निरंतर सहायता और हमारे बीच बने सुखद कार्य संबंधों के लिए हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करता हूं।" इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के प्रति भी आभार जताया, विशेष रूप से प्रधानमंत्री के अमूल्य समर्थन की सराहना की। धनखड़ ने कहा कि उनके कार्यकाल में उन्हें बहुत कुछ सीखने का अवसर मिला।

सांसदों का स्नेह और विश्वास

धनखड़ ने अपने पत्र में संसद सदस्यों के प्रति भी अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने लिखा, "सभी संसद सदस्यों से मुझे जो गर्मजोशी, विश्वास और स्नेह मिला, वह हमेशा मेरी यादों में रहेगा। मैं देश के महान लोकतंत्र में उपराष्ट्रपति के रूप में प्राप्त अमूल्य अनुभवों और अंतर्दृष्टि के लिए तहे दिल से आभारी हूं।" उन्होंने यह भी कहा कि भारत की आर्थिक प्रगति और अभूतपूर्व विकास को देखना और उसमें भाग लेना उनके लिए सौभाग्य की बात रही।

देश की सेवा को बताया सम्मान

इस्तीफा देते हुए धनखड़ ने कहा, "देश के इतिहास के इस परिवर्तनकारी युग में सेवा करना मेरे लिए एक सच्चा सम्मान रहा है। इस प्रतिष्ठित पद से विदा लेते हुए मैं भारत के वैश्विक उत्थान और अभूतपूर्व उपलब्धियों पर गर्व महसूस करता हूं। मैं इसके उज्ज्वल भविष्य में अटूट विश्वास रखता हूं।" उन्होंने अपने पत्र को हार्दिक सम्मान और कृतज्ञता के साथ समाप्त किया।

जगदीप धनखड़ का जीवन परिचय

जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 को राजस्थान के झुंझुनू जिले में हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा चित्तौड़गढ़ के सैनिक स्कूल में हुई। उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से बी.एससी और एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। 1979 में उन्होंने सुदेश धनखड़ से विवाह किया और उनकी एक बेटी है।

कानूनी और राजनीतिक करियर

  • वकालत: धनखड़ ने 1979 में राजस्थान बार काउंसिल में वकील के रूप में नामांकन कराया। 1990 में राजस्थान हाई कोर्ट ने उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता नामित किया। वे 2019 तक राज्य के सबसे वरिष्ठ नामित वकील रहे और राजस्थान हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

  • राजनीतिक सफर: धनखड़ ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत जनता दल से की और 1989-1991 तक झुंझुनू लोकसभा सीट से सांसद रहे। 1991 में वे कांग्रेस में शामिल हुए और किशनगढ़ विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। 2003 में वे बीजेपी में शामिल हुए। 2019 से 2022 तक वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे।

स्वास्थ्य कारण और हालिया घटनाक्रम

9 मार्च 2025 को सीने में दर्द और असहजता की शिकायत के बाद धनखड़ को दिल्ली के AIIMS के कार्डियक विभाग के क्रिटिकल केयर यूनिट में भर्ती कराया गया था। उनकी स्थिति स्थिर बताई गई थी और 12 मार्च को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली। अपने इस्तीफे में उन्होंने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की बात दोहराई।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में कार्यकाल

जगदीप धनखड़ 30 जुलाई 2019 से 2022 तक पश्चिम बंगाल के 29वें राज्यपाल रहे। इस दौरान उन्होंने राज्य के प्रशासनिक और राजनीतिक मामलों में सक्रिय भूमिका निभाई। उनकी नियुक्ति से पहले वे एक अनुभवी वकील और राजस्थान से सांसद और विधायक रह चुके थे।

भारत के विकास में योगदान

उपराष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान धनखड़ ने भारत की आर्थिक प्रगति और विकास को निकट से देखा। उन्होंने अपने पत्र में इसे सौभाग्य और संतोष का विषय बताया। उनके शब्दों में, "राष्ट्र के इतिहास के इस परिवर्तनकारी युग में सेवा करना एक सच्चा सम्मान है।"

जगदीप धनखड़ का इस्तीफा भारत के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण घटना है। उनका योगदान और देश के प्रति समर्पण हमेशा याद किया जाएगा।