Rajasthan News / प्राइवेट स्कूल में 'ऑनलाइन क्लासेज' की क्या है गाइडलाइन ? शिक्षा विभाग 3 दिन में बताए

Zoom News : Jun 24, 2020, 08:01 PM

जयपुर. कोरोना काल में निजी स्कूलों की ओर से चलाई जा रही ऑनलाइन क्लासेज (Online classes) को लेकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (District Legal Services Authority) जिला जयपुर ने शिक्षा विभाग से तीन दिन में रिपोर्ट तलब की है. प्राधिकरण सचिव सत्यप्रकाश सोनी ने यह रिपोर्ट छठी क्लास के एक बच्चे के लेटर पर कार्रवाई करते हुए मांगी है. प्राधिकरण ने जिला शिक्षा अधिकारी प्रथम और द्वितीय से पूछा है कि महामारी के इस दौर में बच्चों की ऑनलाइन क्लासेज के संबंध में राज्य सरकार अथवा शिक्षा विभाग द्वारा कोई गाइडलाइन जारी की गई है क्या ? अगर हां तो इस बारे में जानकारी उपलब्ध करवाएं.


स्कूल ऑनलाइन क्लासेज का दवाब बना रहा है

लेटर में बच्चे ने प्राधिकरण से कहा था कि लॉकडाउन में उसके पिता का रोजगार छिन गया है. वहीं उसके पास इंटरनेट का कोई साधन नहीं है. ऐसे में उसका स्कूल उस पर ऑनलाइन क्लासेज लेने का दवाब बना रहा है. फीस जमा नहीं कराने पर स्कूल से नाम काटने की धमकी भी दे रहा है. यह लेटर प्राप्त होने के बाद प्राधिकरण सचिव ने कई बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है.


प्राधिकरण ने शिक्षा विभाग से ये पूछा है


- महामारी के इस दौर में ऑनलाइन क्लासेज को लेकर सरकार अथवा शिक्षा विभाग की कोई गाइडलाइन है क्या ?

- जो बच्चे आर्थिक अथवा स्वास्थ कारणों से ऑनलाइन क्लासेज नहीं ले सकते उनके लिए प्राइवेट स्कूलों द्वारा किस गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है.

- आठवीं क्लास तक के बच्चे अपने स्तर पर मोबाइल और लेपटॉप चलाने में कुशलता नहीं रखते. ऐसे बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लासेज को लेकर क्या किया गया है ?

- आर्थिक रूप से कमजोर स्टूडेंट्स की फीस में किसी प्रकार की छूट दिए जाने के संबंध में सरकार द्वारा कोई निर्देश प्रदान किए गए हैं क्या ? अगर हां तो अवगत करवाएं

- क्या ऑनलाइन क्लासेज नहीं लेने और फीस जमा नहीं कराने पर बच्चे का नाम स्कूल से काटा जा सकता है क्या ? इस संबंध में सरकार के क्या दिशा निर्देश हैं.

- ऑनलाइन क्लासेज से बच्चों के स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ रहा है. इसके लिए शिक्षा विभाग और बाल अधिकारिता विभाग क्या प्रयास कर रहा है.


हाई कोर्ट भी दे चुका है इस मामले में निर्देश

कई अभिभावकों की याचिका पर हाई कोर्ट भी इस मामले में निर्देश जारी कर चुका है. मई में जस्टिस सबीना की खण्डपीठ ने एक याचिका को निस्तारित करते हुए कहा था कि अगर कोई अभिभावक लॉकडाउन अवधि की फीस जमा नहीं करा पाता है तो बच्चे का नाम स्कूल से किसी भी हाल में नहीं काटा जा सकता है. लेकिन उसके बाद भी लगातार प्राधिकरण के पास बच्चों का नाम काटने की शिकायतें रही थी. वहीं कई स्कूलों ने नए सेशन की फीस में भी बढ़ोतरी कर दी है. इसके विरोध में 18 मई को कई अभिभावकों ने विरोध प्रदर्शन भी किए थे.

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