बेंगलुरु / बागी विधायकों ने स्पीकर से मिलने के लिए 4 हफ्ते का समय मांगा, आज शाम 6 बजे तक फ्लोर टेस्ट संभव

Dainik Bhaskar : Jul 23, 2019, 10:12 AM
बेंगलुरु. कर्नाटक विधानसभा में आज शाम 6 बजे से पहले फ्लोर टेस्ट हो सकता है। इस बीच बागी विधायकों ने मंगलवार को स्पीकर रमेश कुमार को पत्र लिखकर उनसे मिलने के लिए 4 हफ्ते का समय मांगा है। सोमवार को स्पीकर ने कहा था कि बागी विधायक मंगलवार को विधानसभा कार्यवाही से पहले 11 बजे उनसे मुलाकात कर सकते हैं। इसके लिए स्पीकर ने अयोग्यता के मुद्दे पर बागी विधायकों को नोटिस भी जारी किया। इससे पहले विधानसभा में सोमवार को विश्वास मत पर करीब 14 घंटे बहस चली, लेकिन फ्लोर टेस्ट नहीं हो सका।

कार्यवाही के दौरान स्पीकर ने कहा, ''मैं एक आदेश पारित करूंगा। सुप्रीम कोर्ट का आदेश समझने में देरी हुई। सभी सदस्य सदन में गरिमा बनाए रखें। यहां समय बर्बाद करने से विधानसभा, स्पीकर और विधायकों की छवि धूमिल होती है।'' सोमवार को कांग्रेस और जेडीएस के सदस्यों ने सदन में नारेबाजी की। इन लोगों का कहना था कि जब तक बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला नहीं हो जाता, फ्लोर टेस्ट नहीं करवाया जाना चाहिए।

इस्तीफे वाले पत्र पर स्वामी ने कहा- किसी ने जाली दस्तखत किए

सोशल मीडिया पर एक पत्र सामने आया, जिसमें दावा किया गया कि यह कुमारस्वामी का इस्तीफा है। इस पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि मुझे इस संबंध में सूचना मिली है। कहा जा रहा है कि मैंने अपना इस्तीफा गवर्नर को भेज दिया है। मुझे नहीं पता कि कौन मुख्यमंत्री बनने का इंतजार कर रहा है। किसी ने मेरे जाली दस्तखत किए हैं और इसे सोशल मीडिया पर फैला दिया है। इस तरह की गिरी हुई हरकत देखकर मैं हैरान हूं।

स्पीकर पहले इस्तीफों पर फैसला लें- कांग्रेस

कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा- भाजपा कुर्सी चाहती है तो इसे स्वीकार क्यों नहीं कर रही? वे ऑपरेशन लोटस की बात क्यों नहीं मान रहे हैं? उन्हें बागी विधायकों के संपर्क में होने की बात स्वीकार करनी चाहिए। कांग्रेस विधायक कृष्णा बायरे गौड़ा ने कहा- हम असाधारण परिस्थितियों में हैं। मैं स्पीकर से अपील करता हूं कि विश्वास मत के लिए वोटिंग से पहले वह इस्तीफों पर फैसला लें।

निर्दलीय विधायकों की याचिका पर जल्द सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दो निर्दलीय विधायकों की याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया था। रविवार को कांग्रेस-जेडीएस सरकार से  समर्थन वापस लेने वाले दो निर्दलीय विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि सोमवार शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दें। दूसरी ओर, राज्य के इकलौते बसपा विधायक एन महेश को पार्टी प्रमुख मायावती ने कुमारस्वामी के पक्ष में समर्थन करने के निर्देश दिए। इससे पहले एन महेश ने कहा था कि वे फ्लोर टेस्ट के दौरान तटस्थ रहेंगे। हालांकि, विश्वास मत प्रस्ताव पर बहस के दौरान भी बसपा विधायक सदन में गैर हाजिर थे।

कुमारस्वामी ने राज्यपाल की दो डेडलाइन नजरअंदाज कीं

राज्यपाल वजुभाई वाला ने कुमारस्वामी को बहुमत साबित करने के लिए शुक्रवार दोपहर 1.30 बजे और फिर शाम 6 बजे तक की डेडलाइन दी थी। लेकिन मुख्यमंत्री ने इस दिन विश्वास मत साबित नहीं किया। कुमारस्वामी ने शुक्रवार को कहा था, ''मेरे मन में राज्यपाल के लिए सम्मान है, लेकिन उनके दूसरे प्रेम पत्र ने मुझे आहत किया। मैं फ्लोर टेस्ट का फैसला स्पीकर पर छोड़ता हूं। मैं दिल्ली द्वारा निर्देशित नहीं हो सकता। मैं स्पीकर से अपील करता हूं कि राज्यपाल की ओर से भेजे गए पत्र से मेरी रक्षा करें।''

गठबंधन सरकार गिराने का माहौल बनाया जा रहा: कुमारस्वामी

मुख्यमंत्री ने येदियुरप्पा के निजी सचिव पीए संतोष के साथ निर्दलीय विधायक एच नागेश की फोटो दिखाते हुए कहा था, ''क्या वाकई उन्हें विधायकों की खरीद-फरोख्त के बारे में 10 दिन पहले ही पता चला? जब से कांग्रेस-जेडीएस सरकार बनी, इसे गिराने के लिए माहौल बनाया जा रहा है। मुझे पहले दिन से पता था कि सत्ता ज्यादा नहीं चलेगी, देखता हूं भाजपा कितने दिन सरकार चला पाएगी? मुद्दे पर बहस होने दीजिए। आप (भाजपा) अभी भी सरकार बना सकते हैं। कोई जल्दी नहीं है। आप सोमवार या मंगलवार को भी सरकार बना सकते हैं। मैं अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल नहीं करूंगा। पहले राजनीतिक संकट पर चर्चा होगी, इसके बाद फ्लोर टेस्ट।''

कांग्रेस के 13 और जेडीएस के 3 विधायकों ने दिया इस्तीफा

उमेश कामतल्ली, बीसी पाटिल, रमेश जारकिहोली, शिवाराम हेब्बर, एच विश्वनाथ, गोपालैया, बी बस्वराज, नारायण गौड़ा, मुनिरत्ना, एसटी सोमाशेखरा, प्रताप गौड़ा पाटिल, मुनिरत्ना और आनंद सिंह इस्तीफा सौंप चुके हैं। वहीं, कांग्रेस के निलंबित विधायक रोशन बेग ने भी इस्तीफा दे दिया। 10 जून को के सुधाकर, एमटीबी नागराज ने इस्तीफा दे दिया था।

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