कोरोना संकट / लॉकडाउन के बीच दोबारा आर्थिक पैकेज देगी मोदी सरकार?, शाह-सीतारमण से हुई PM की मुलाकात

Jansatta : May 02, 2020, 07:54 PM
कोरोना संकट | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिये देश भर में लागू लॉकडाउन से प्रभावित उद्योगों को दूसरे राहत पैकेज देने के बारे में गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित प्रमुख मंत्रियों तथा आर्थिक मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ शनिवार को कई बैठकें कीं। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने शाह और सीतारमण के साथ विचार विमर्श किया। वह इसके बाद सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रम (एमएसएमई) जैसे अन्य प्रमुख आर्थिक मंत्रालयों के मंत्रियों के साथ भी संबंधित मुद्दों पर बैठकें करेंगे।

वित्त मंत्रालय शनिवार को ही बाद में प्रधानमंत्री मोदी को अर्थव्यवस्था की स्थिति तथा इसे संभालने के लिए मंत्रालय की ओर से विचार किए जा रहे आगे के संभावित कदमों को लेकर एक विस्तृत प्रस्तुति भी देने वाला है। मंत्रालय ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह के मासिक आंकड़ों को शुक्रवार को जारी करना टाल दिया था। प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को नागरिक उड्डयन, श्रम और शक्ति सहित विभिन्न मंत्रालयों के साथ बैठकें की थीं।

उन्होंने बृहस्पतिवार को वाणिज्य और एमएसएमई मंत्रालयों के साथ घरेलू व विदेशी निवेश आकर्षित करने तथा देश में छोटे व्यवसायों के पुनरुद्धार पर ध्यान केंद्रित करने के बारे में विस्तृत विचार-विमर्श किया था। इन बैठकों के दौरान मोदी के साथ गृह मंत्री और वित्त मंत्री- दोनों उपस्थित थे। सरकार ने हाशिये पर स्थित लोगों की कठिनाइयों को कम करने के लिये मार्च के अंत में गरीब महिलाओं और बुजुर्गों के लिये 1.7 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की थी। सूत्रों ने कहा कि सरकार जल्द ही प्रभावित उद्योगों के लिये दूसरे प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा कर सकती है।

वहीं कांग्रेस ने देश में लॉकडाउन की मियाद 17 मई तक बढ़ाए जाने को लेकर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि इस लॉकडाउन से बाहर निकलने की उनकी सरकार की योजना क्या है और यह पूरी तरह खत्म कब होगा। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सरकार से आग्रह किया कि प्रवासी मजदूरों से किराया लिए बगैर उन्हें घर भेजने के लिए रेलगाड़ियों की व्यवस्था की जाए और किसानों, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) की इकाइयों और वेतनभोगी वर्ग को राहत देने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।

उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संवादाताओं से कहा, ‘‘गृह मंत्रालय ने शुक्रवार शाम आदेश जारी कर 17 मई तक लॉकडाउन का तीसरा चरण लागू कर दिया। न प्रधानमंत्री सामने आए, न राष्ट्र को संबोधित किया, न गृहमंत्री आए, यहां तक कि कोई अधिकारी भी सामने नहीं आया। आया तो केवल एक आधिकारिक आदेश।’’ सुरजेवाला ने सवाल किया, ‘‘लॉकडाउन के तीसरे चरण के पीछे क्या लक्ष्य और रणनीति है तथा इसके आगे का क्या रास्ता है? क्या लॉकडाउन-3 आखिरी है और 17 मई को खत्म हो जाएगा? या फिर, लॉकडाउन-4 व लॉककाउन-5 भी आने वाला है? यह पूर्णतया खत्म कब होगा?’’

उन्होंने पूछा, ‘‘17 मई तक कोरोना संक्रमण व आर्थिक संकट से उबरने का लक्ष्य क्या है? मोदी सरकार ने 17 मई तक संक्रमण, रोजी रोटी की समस्या व आर्थिक संकट से निपटने के लिए क्या लक्ष्य निर्धारित किए हैं? उन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए 17 मई तक क्या सार्थक व निर्णायक कदम उठाए जाएंगे?’’ सुरजेवाला ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी की तरफ से प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्रों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘लाखों मजदूरों की 15 दिन में बिना किराया लिए घर वापसी करने की खातिर सैनिटाइज की गई ट्रेन का इंतजाम किया जाए। गरीबों-मजदूरों-किसानों के जन-धन खातों, किसान योजना खातों, मनरेगा मजदूर खातों व बुजुर्ग-महिला-विकलांगों के खातों में सीधे 7500 रुपये डाले जाएं।’’

उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि किसानों का एक- एक दाना न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदें व 24 घंटे के अंदर भुगतान हो। गन्ना किसान हो या अन्य किसान, सबके हजारों करोड़ रुपये के बकाए का सात दिनों में भुगतान हो। किसान का ब्याज माफ कर कर्ज वसूली एक साल के लिए स्थगित की जाए। उन्होंने कहा कि 11 करोड़ नौकरी देने वाली 4.25 करोड़ एमएसएमई इकाइयों को फौरन दो लाख करोड़ का तनख्वाह व ऋण गारंटी पैकेज दिया जाए। मध्यमवर्गीय व नौकरीपेशा लोगों का ‘तनख्वाह व नौकरी की सुरक्षा का पैकेज’ सुनिश्चित हो तथा खत्म होती करोड़ों नौकरियों व मनमाने तरीके से काटी जा रही तनख्वाहों पर अंकुश लगे।

सुरजेवाला ने कहा, ‘‘कोरोना की जांच का दायरा कई गुना बढ़ाया जाए। डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्यकर्मियों को निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई) मुहैया करवाएं व विशेष आर्थिक मदद दें। यही सुविधा पुलिसकर्मियों, सफाईकर्मियों व जरूरी सेवाओं में लगे कर्मियों को भी मिले।’’ कांग्रेस नेता ने मांग की, ‘‘केंद्र सरकार अपनी फिजूलखर्ची पर फौरन अंकुश लगाए। प्रधानमंत्री मोदी अविलंब 20,000 करोड़ रुपये की सेंट्रल विस्टा परियोजना, 1,10,000 करोड़ रुपये की बुलेट ट्रेन परियोजना, 8,458 करोड़ की लागत से प्रधानमंत्री की यात्रा के लिए जहाज की खरीद पर रोक लगाएं व भारत सरकार के फिजूल खर्चों पर 30 प्रतिशत की कटौती करें।’’ उन्होंने कहा कि इस प्रकार से बचाए पैसे से प्रांतों को कोरोना से जंग लड़ने के लिए 1,00,000 करोड़ का पैकेज दिया जाए व उद्योगों को क्षेत्र केंद्रित पैकेज दिया जाएं।

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