चंडीगढ़ / घोड़ा गाड़ी चलाने के लिए अब जरूरी होगा ड्राइविंग लाइसेंस

Dainik Bhaskar : Jul 24, 2019, 02:31 PM
चंडीगढ़. अब यूटी चंडीगढ़ में बिना लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन प्लेट के घोड़ा गाड़ी (रेहड़ा) भी नहीं चल सकेगी। इसको लेकर प्रशासन की तरफ से बायलाॅज नोटिफाई किए हैं। इसके हिसाब से रिक्शा ही नहीं बल्कि रेहड़ी और किसी भी एनीमल से चलाई जा रही गाड़ी को लेकर लाइसेंस बनवाना पड़ेगा और उसकी रजिस्ट्रेशन भी करवानी होगी। 

रजिस्ट्रेशन और डीएल के लिए एप्लीकेंट चंडीगढ़ का रेजिडेंट होना चाहिए और 18 साल से ऊपर उम्र होनी चाहिए। रजिस्ट्रेशन के समय रजिस्ट्रिंग आॅफिसर के सामने रिक्शा, रेहड़ी या घोड़ा-गाड़ी को दिखाना भी होगा, जिसकी इंस्पेक्शन की जाएगी। चंडीगढ़ प्रशासन की तरफ से की गई नोटिफिकेशन के हिसाब से रेहड़ी, रिक्शा और एनीमल कार्ट की रजिस्ट्रेशन के लिए पांच साल के लिए 600 रुपए, 10 साल के लिए एक हजार रुपए और 15 साल के लिए 1500 रुपए की रजिस्ट्रिंग फीस लगेगी। साथ ही लाइसेंस के लिए 300 रुपए पांच साल के लिए फीस होगी। इसके बाद रिन्यूअल पर प्रत्येक पांच साल के लिए 200 रुपए की फीस लगेगी। लाइसेंस के लिए भी कई शर्तें रखी गई हैं, जिसमें प्राॅपर जगह पर ही घोड़ा गाड़ी या फिर रिक्शान और रेहडी को खड़ा कर सकते है। इसके साथ गाड़ी में बेल भी लगानी होगी और रजिस्ट्रेशन प्लेट लगानी होगी। 

नियमों के उल्लंघन पर इम्पाउंड होगा रेहड़ा, पेनल्टी भरनी पड़ेगी

अगर ट्रैफिक नियमों की वॉयलेशन करते हैं तो रेहड़ी, रिक्शा या घोड़ा-गाड़ी को ट्रैफिक पुलिस या एमसी कमिश्नर की तरफ से अपॉइंट किए गए अफसर इम्पाउंड करेंगे और फर्स्ट ऑफेंस पर 300 रुपए, सेकंड ऑफेंस पर 400 रुए और थर्ड ऑफेंस पर 500 रुपए की फीस जमा करवा कर गाड़ी को रिलीज करवा सकेंगे।  

साइकिल के लिए डीएल की जरूरत नहीं

साइकिल चलाने के लिए डीएल और रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं है। लेकिन 10 साल से कम उम्र के बच्चे के साथ उसके पेरेंट्स का साथ होना जरूरी है।

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