हाल ही में 'भगत सिंह सेना' का गठन करने वाले नेता नरेश मीणा ने 2028 के आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अपनी महत्वाकांक्षी योजनाओं का खुलासा किया है और उन्होंने स्पष्ट किया है कि वे इन चुनावों में एक बड़ी राजनीतिक भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं और इसके लिए उन्होंने प्रदेश की विभिन्न विधानसभा सीटों का दौरा शुरू कर दिया है. यह दौरा उनकी चुनावी तैयारियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसके माध्यम से वे जनता से. सीधा संवाद स्थापित कर रहे हैं और उनकी समस्याओं को समझने का प्रयास कर रहे हैं.
अशोक चांदना को सीधी चुनौती
बूंदी दौरे के दौरान पत्रकारों से बातचीत में नरेश मीणा ने 2028 के विधानसभा चुनाव में दो सीटों से चुनाव लड़ने के अपने इरादे स्पष्ट किए. उन्होंने बताया कि इन दो सीटों में से एक प्रमुख सीट हिंडोली हो सकती है और हिंडोली वही विधानसभा क्षेत्र है जहां कांग्रेस के कद्दावर नेता अशोक चांदना लगातार चुनाव जीतते रहे हैं और यह उनकी राजनीतिक कर्मभूमि मानी जाती है. मीणा ने इस चुनौती के पीछे का कारण भी बताया. उन्होंने कहा कि हाल ही में अंता विधानसभा चुनाव में अशोक चांदना ने उनके खिलाफ मोर्चा खोला था, और अब वे उसी का जवाब देने के लिए हिंडोली में चुनावी चुनौती देने की तैयारी में हैं. यह घोषणा राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर सकती है, क्योंकि यह एक स्थापित नेता को सीधे तौर पर चुनौती देने का संकेत है.
हाड़ोती के विकास पर चिंता
नरेश मीणा ने हाड़ोती क्षेत्र के विकास पर गहरी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र लगातार विकास के मामले में पिछड़ रहा है और स्थानीय नेताओं ने किसानों की आवाज को मजबूती से नहीं उठाया है और उनका मानना है कि क्षेत्र के किसानों को उनके हक से वंचित किया जा रहा है और उनकी समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है. मीणा ने यह भी संदेश दिया कि आने वाले वर्षों में वे खुद इस क्षेत्र में एक बड़ी राजनीतिक भूमिका निभाने को तैयार हैं, ताकि हाड़ोती की जनता को न्याय मिल सके और क्षेत्र का समुचित विकास हो सके. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वे किसानों और आम जनता के मुद्दों को प्राथमिकता से उठाएंगे.
नेतृत्व पर सवाल और जनता की उपेक्षा
बूंदी सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान नरेश मीणा के तेवर काफी तीखे थे और उन्होंने कहा कि किसान परिवारों से निकलकर नेतृत्व पाने वाले कुछ नेता अब बड़े पूंजीपतियों और राजनीतिक दबावों के आगे झुक गए हैं. उनके अनुसार, इन नेताओं ने अपने मूल सिद्धांतों और जनता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को. भुला दिया है, जिसका सीधा नुकसान हाड़ोती की मेहनतकश जनता को उठाना पड़ रहा है. मीणा ने इस बात पर भी जोर दिया कि वे 2028 के विधानसभा चुनाव में दो सीटों से चुनाव लड़ने पर गंभीरता से. विचार कर रहे हैं और इनमें हिंडोली एक प्रमुख विकल्प है, जहां वे जनता के मुद्दों को लेकर एक मजबूत लड़ाई लड़ना चाहते हैं.
ग्रामीणों से जनसंवाद और समस्याओं का समाधान
अपने चुनावी दौरे के तहत नरेश मीणा सतवाड़ा देवली गांव भी पहुंचे, जहां उन्होंने ग्रामीणों के साथ गहन जनसंवाद किया. इस दौरान उन्होंने स्थानीय विकास, सड़क, सिंचाई, पेयजल और सार्वजनिक सुविधाओं से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर ग्रामीणों की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना. ग्रामीणों ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि क्षेत्र में कई वर्षों. से विकास कार्य अटके पड़े हैं और उनका समाधान प्राथमिकता से होना चाहिए. उन्होंने अपनी दैनिक जीवन की कठिनाइयों को मीणा के सामने रखा, जिसमें खराब सड़कें,. अपर्याप्त सिंचाई सुविधाएँ, पीने के पानी की कमी और सार्वजनिक सुविधाओं का अभाव शामिल था. ग्रामीणों ने उम्मीद जताई कि नरेश मीणा उनकी आवाज को उठाएंगे और इन समस्याओं का समाधान करवाएंगे.
देवली-उनियारा क्षेत्र की समस्याओं पर फोकस
नरेश मीणा ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि देवली-उनियारा क्षेत्र की समस्याओं को आने वाले समय में चरणबद्ध तरीके से उठाया जाएगा. उन्होंने कहा कि जनता की आवाज को मजबूत करना और उनकी परेशानियों को प्रशासन तक पहुंचाना ही उनका प्रथम कर्तव्य है. मीणा ने यह भी स्पष्ट किया कि वे केवल चुनावी घोषणाएं नहीं कर रहे हैं, बल्कि वे जमीनी स्तर पर काम करके जनता का विश्वास जीतना चाहते हैं. उनका लक्ष्य है कि वे हाड़ोती क्षेत्र में एक ऐसे नेता के रूप में उभरें जो वास्तव में जनता के हितों की रक्षा कर सके और क्षेत्र के विकास को नई दिशा दे सके. यह उनकी 2028 की चुनावी रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें वे जनता के बीच. अपनी पैठ बनाने और उनके मुद्दों को प्रमुखता से उठाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.